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छानबीन कमेटी के सदस्यों को हाईकोर्ट ने जारी किया अवमानना नोटिस

PHE विभाग के एग्जिक्यूटिव इंजीनियर अनिल कुमार की जाति मामले में हाईकोर्ट ने हाईपावर छानबीन कमेटी के सदस्यों को नोटिस जारी किया है.

High court issued contempt notice to members of the investigating committee
बिलासपुर हाईकोर्ट
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Published : Nov 27, 2019, 8:42 AM IST

Updated : Nov 27, 2019, 11:53 AM IST

बिलासपुर : कोरबा PHE विभाग के एग्जिक्यूटिव इंजीनियर अनिल कुमार की जाति मामले में जनजाति के सदस्य ने हाईपावर छानबीन कमेटी के अध्यक्ष, सचिव और सभी सदस्यों के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर उच्च न्यायालय ने सुनवाई की. उच्च न्यायालय ने कमेटी के सभी सदस्यों को नोटिस जारी किया है.

बिलासपुर हाईकोर्ट

दरअसल, मामला कोरबा का है. जहां अनिल कुमार एग्जिक्यूटिव इंजीनियर पी.एच.ई. कोरबा अनुसूचित जनजाति के सदस्य हैं. उनके जाति प्रमाण पत्र की जांच विभाग ने वर्ष 2015 में राज्यस्तरीय जाति छानबीन समिति से कराई. सघन जांच में समिति ने आवेदक की जाति को सही पाया और सत्यापित किया.

अनिल कुमार ने दायर की थी याचिका

मामले में शिकायतकर्ता नरेंद्र ने समिति के समक्ष दोबारा जांच की मांग की. समिति ने अवैधानिक पद्धति से फिर शिकायत पर जांच शुरू कर दी. जिसके बाद अनिल कुमार को समिति ने नोटिस जारी किया. अनिल ने नोटिस और जांच के खिलाफ उच्च न्यायालय में अर्जी दायर की.

पढ़ें :एक अनोखा मंदिर जहां हर दिन होती है संविधान की पूजा

स्थगन आदेश के बाद भी जारी रखी कार्यवाही

उच्च न्यायालय ने आवेदक के पक्ष से सहमत होते हुए समिति की आगामी कार्रवाई पर स्थगन प्रदान किया. आवेदक ने स्थगन आदेश की जानकारी समिति के सदस्यों को दे दी. इसके बावजूद कार्रवाई जारी रख याचिककर्ता के खिलाफ आदेश पारित किया गया.

पढ़ें :हाईकोर्ट अपडेट : इन चर्चित मुद्दों पर सोमवार को हुई सुनवाई

4 हफ्ते में तलब करने का नोटिस

हाईकोर्ट ने छानबीन कमेटी के सदस्यों को नोटिस जारी कर 4 हफ्ते में तलब किया गया. मामले की सुनवाई जस्टिस पी सैम कोशी की एकलपीठ ने की.

बिलासपुर : कोरबा PHE विभाग के एग्जिक्यूटिव इंजीनियर अनिल कुमार की जाति मामले में जनजाति के सदस्य ने हाईपावर छानबीन कमेटी के अध्यक्ष, सचिव और सभी सदस्यों के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर उच्च न्यायालय ने सुनवाई की. उच्च न्यायालय ने कमेटी के सभी सदस्यों को नोटिस जारी किया है.

बिलासपुर हाईकोर्ट

दरअसल, मामला कोरबा का है. जहां अनिल कुमार एग्जिक्यूटिव इंजीनियर पी.एच.ई. कोरबा अनुसूचित जनजाति के सदस्य हैं. उनके जाति प्रमाण पत्र की जांच विभाग ने वर्ष 2015 में राज्यस्तरीय जाति छानबीन समिति से कराई. सघन जांच में समिति ने आवेदक की जाति को सही पाया और सत्यापित किया.

अनिल कुमार ने दायर की थी याचिका

मामले में शिकायतकर्ता नरेंद्र ने समिति के समक्ष दोबारा जांच की मांग की. समिति ने अवैधानिक पद्धति से फिर शिकायत पर जांच शुरू कर दी. जिसके बाद अनिल कुमार को समिति ने नोटिस जारी किया. अनिल ने नोटिस और जांच के खिलाफ उच्च न्यायालय में अर्जी दायर की.

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स्थगन आदेश के बाद भी जारी रखी कार्यवाही

उच्च न्यायालय ने आवेदक के पक्ष से सहमत होते हुए समिति की आगामी कार्रवाई पर स्थगन प्रदान किया. आवेदक ने स्थगन आदेश की जानकारी समिति के सदस्यों को दे दी. इसके बावजूद कार्रवाई जारी रख याचिककर्ता के खिलाफ आदेश पारित किया गया.

पढ़ें :हाईकोर्ट अपडेट : इन चर्चित मुद्दों पर सोमवार को हुई सुनवाई

4 हफ्ते में तलब करने का नोटिस

हाईकोर्ट ने छानबीन कमेटी के सदस्यों को नोटिस जारी कर 4 हफ्ते में तलब किया गया. मामले की सुनवाई जस्टिस पी सैम कोशी की एकलपीठ ने की.

Intro: जनजाति के सदस्य द्ववारा छानबीन समिति के अध्यक्ष, सचिव तथा समस्थ सदस्यों के विरूद्ध दायर अवमानना याचिका पर उच्च न्यायालय ने सुनवाई की ।
उच्च न्यायालय ने समिति के सभी सदस्यों को नोटिस जारी कर तलब किया गया की क्यों ना उनके ख़िलाफ़ अवमानना की कार्यवाही शुरू की जावे । मामले की सुनवाई जस्टिस पी. सैम. कोशी की एकल पीठ द्वारा की गई।Body: दरअसल मामला कोरबा का है। जहां अनिल कुमार EE पी॰एच॰ई॰ कोरबा अनुसूचित जनजाति के सदस्य हैं । उनके जाती प्रमाण पत्र का जाँच विभाग द्वारा वर्ष २०१५ में राज्य स्तरीय जाती छानबीन समिति द्वारा करवाया गया । उक्त सघन जाँच में समिति ने आवेदक की जाती को सही पाया तथा सत्यापित किया ।
लेकिन मामले में शिकायतकर्ता नरेंद्र के द्वारा समिति के समक्ष दोबारा जाँच की माँग की गयी । समिति ने अवैधानिक पदत्ति से पुनः शिकायत पर जाँच आरम्भ कर दिया ।जिसके बाद अनिल कुमार को समिति के द्वारा नोटिस जारी किया गया । अनिल ने नोटिस व जाँच कार्यवाही के विरूध उच्च न्यालय में याचिका दायर किया ।उच्च न्यालय के द्वारा आवेदक के पक्ष से सहमत होते हुए समिति की आगामी कार्यवाही पे स्थगन प्रदान किया ।आवेदक द्वारा स्थगन आदेश की जानकारी समिति के सदस्यों को दे दी गयी । इसके बावजूद कार्यवाही को जारी रख कर याचिककरता के विरूद्ध आदेश पारित किया गया ।

Conclusion:आवेदक ने जाती समिति के अध्यक्ष, सचिव तथा समस्थ सदस्यों के विरूदह अवमानना याचिका दायर किया ।
सभी सदस्यों को नोटिस जारी कर 4 हफ्ते में तलब किया गया की क्यों ना उनके ख़िलाफ़ अवमानना की कार्यवाही शुरू की जावे । मामले की सुनवाई जस्टिस पी सैम कोशी की एकलपीठ द्वारा की गई।
Last Updated : Nov 27, 2019, 11:53 AM IST
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