बिलासपुर: दुष्कर्म के आरोपी जांजगीर चांपा के पूर्व कलेक्टर जनक प्रसाद पाठक को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. जस्टिस अरविंद चंदेल की सिंगल बेंच ने जनक प्रसाद को राहत देते हुए उन्हें अग्रिम जमानत दे दी है.
पिछले दिनों एनजीओ से जुड़ी महिला ने जनक प्रसाद पर दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. पीड़ित महिला का आरोप था कि पति को नौकरी से निकलवाने की धमकी देकर कलेक्टर ने उसे अपने चैंबर में बुलाया और उसके साथ दुष्कर्म किया था. मामले में राज्य सरकार ने जनक प्रसाद को सस्पेंड कर उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी है.
कोर्ट ने बताई ये वजह
जनक प्रसाद ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की थी. जिसपर शुक्रवार को कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि FIR से यह साफ स्पष्ट होता है कि FIR देरी से दर्ज कराई गई, जो कि मामले को कमजोर करता है. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता को अग्रिम जमानत देते हुए टिप्पणी कर कहा है कि मामले की कहानी विश्वसनीय नहीं लग रही है. बता दें कि जांजगीर चांपा जिले के पूर्व कलेक्टर और दुष्कर्म के आरोपी जनक प्रसाद पाठक की अग्रिम जमानत याचिका हाईकोर्ट ने जुलाई में सुनवाई के लिए स्वीकार कर ली थी. मामले में अंतिम सुनवाई के लिए हाईकोर्ट ने अगस्त महीने का समय तय किया था.
रेप के आरोपी पूर्व कलेक्टर जनक प्रसाद पाठक की अग्रिम जमानत अर्जी सुनवाई के लिए मंजूर
महिला ने दर्ज कराई थी शिकायत
करीब दो महीने पहले जांजगीर-चांपा जिले के पूर्व कलेक्टर जनक प्रसाद पाठक पर कोतवाली पुलिस ने एक महिला की शिकायत पर दुष्कर्म का केस दर्ज किया था. इसके अलावा जनक प्रसाद पर अश्लील मैसेज भेजने और जान से मारने की धमकी देने का भी आरोप है. पीड़िता ने कोतवाली थाने पहुंचकर इस मामले में अपना बयान दर्ज कराया था और साक्ष्य के रूप में फोटो सहित कुछ ऑडियो प्रस्तुत किए थे. पुलिस ने फौरन कार्रवाई करते हुए पूर्व कलेक्टर जनक प्रसाद पाठक के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध किया था. केस दर्ज होने के बाद जनक प्रसाद ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी.