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HC ने मीसाबंदी को एरियर्स सहित पेंशन देने के राज्य सरकार को दिए आदेश

हाईकोर्ट ने मीसाबंदी की याचिका पर फैसला सुनाते हुए एरियर्स सहित दो महीने में पेंशन देने के आदेश राज्य सरकार को दिए हैं.

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Published : Dec 11, 2019, 6:38 PM IST

Updated : Dec 11, 2019, 8:18 PM IST

बिलासपुर : मीसाबंदियों की पेंशन मामले में दायर याचिका पर उच्च न्यायालय की जस्टिस पी सैम कोशी की एकल पीठ ने बड़ा फैसला दिया है. उच्च न्यायालय ने प्रशासन को याचिकाकर्ता की पूरी पेंशन, एरियर्स सहित 2 महीने के अंदर देने के आदेश दिए हैं.

दरअसल, आपातकाल के बाद मीसा बंदियों को तत्कालीन सरकार ने 15 हजार रुपए महीने की पेंशन देने का फैसला लिया था, लेकिन मौजूदा सरकार ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए जनवरी से इनकी पेंशन रोक दी. प्रशासन के फैसले को डोमार सिंह चंद्राकर ने उच्च न्यायालय में चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी.

फाइल

याचिका में याचिकाकर्ता ने राज्य सरकार के इस फैसले से अपनी आर्थिक स्थिति के खराब होने की बात कही थी, जिसके बाद न्यायालय ने अपना फैसला सुनाते हुए राज्य शासन को आदेश दिया है कि याचिकाकर्ता को जनवरी से लेकर अब तक का पूरी पेंशन, एरियर सहित 2 महीने के अंदर दी जाए. मीसाबंदी पेंशन को लोकतंत्र सेनानी सम्मान निधि के नाम से भी जाना जाता है.

बिलासपुर : मीसाबंदियों की पेंशन मामले में दायर याचिका पर उच्च न्यायालय की जस्टिस पी सैम कोशी की एकल पीठ ने बड़ा फैसला दिया है. उच्च न्यायालय ने प्रशासन को याचिकाकर्ता की पूरी पेंशन, एरियर्स सहित 2 महीने के अंदर देने के आदेश दिए हैं.

दरअसल, आपातकाल के बाद मीसा बंदियों को तत्कालीन सरकार ने 15 हजार रुपए महीने की पेंशन देने का फैसला लिया था, लेकिन मौजूदा सरकार ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए जनवरी से इनकी पेंशन रोक दी. प्रशासन के फैसले को डोमार सिंह चंद्राकर ने उच्च न्यायालय में चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी.

फाइल

याचिका में याचिकाकर्ता ने राज्य सरकार के इस फैसले से अपनी आर्थिक स्थिति के खराब होने की बात कही थी, जिसके बाद न्यायालय ने अपना फैसला सुनाते हुए राज्य शासन को आदेश दिया है कि याचिकाकर्ता को जनवरी से लेकर अब तक का पूरी पेंशन, एरियर सहित 2 महीने के अंदर दी जाए. मीसाबंदी पेंशन को लोकतंत्र सेनानी सम्मान निधि के नाम से भी जाना जाता है.

Intro:मीसा बंदियों के मामले में दायर याचिका पर आज उच्च न्यायालय ने बड़ा फैसला दिया है। उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता को पूरा पेंशन, एरियर्स सहीत 2 महीनों के भीतर देने का आदेश जारी किया हैं। मामले को लेकर डोमार सिंह चंद्राकर ने दायर की थी याचिका।Body:बता दें कि आपातकाल के समय के मीसा बंदियों को तब की तत्कालीन सरकार ने ₹15000 पेंशन देने का फैसला लिया था। जैसे मौजूदा सरकार ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए रोक दिया। जनवरी से इनकी पेंशन रोक दी गई थी ।जिसको लेकर उच्च न्यायालय के समक्ष याचिकाकर्ता ने याचिका दायर कर चुनौती दी। अपनी याचिका में याचिकाकर्ता ने राज्य सरकार के इस फैसले से अपनी आर्थिक स्थिति खराब होने की बात कही। जिसके बाद कोर्ट ने अपना फैसला दिया है जिसमें याचिकाकर्ता को जनवरी से लेकर अब तक का पूरा पेंशन, एरियर सहित 2 महीनों के भीतर देने का आदेश जारी किया है।Conclusion:पूरे मामले की सुनवाई जस्टिस पी सैम कोशी की एकल पीठ ने की।
Last Updated : Dec 11, 2019, 8:18 PM IST
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