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रेलवे आइसोलेशन कोच के इस्तेमाल पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब - कोरोना संक्रमितों के इलाज

रेलवे आइसोलेशन कोच का इस्तेमाल कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए करने का सुझाव वकील पलाश तिवारी ने हाईकोर्ट में पेश किया. मामले को हाईकोर्ट ने भी गंभीरता से लेते हुए रेलवे, केंद्र सरकार और राज्य सरकार से जवाब मांगा है.

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छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
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Published : Apr 22, 2021, 8:47 PM IST

बिलासपुर: कोरोना के बढ़ते मामलों और राज्य के अस्पतालों में बेड की भारी कमी को देखते हुए हाईकोर्ट में रेलवे के 100 से ज्यादा आइसोलेशन कोच के इस्तेमाल करने का सुझाव पेश किया गया. बता दें कि देश समेत छत्तीसगढ़ में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच अस्पतालों में बेड की भारी कमी देखने को मिल रही है. इन सबके बीच रेलवे के पास रखे आइसोलेशन कोच का इस्तेमाल कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए करने का सुझाव वकील पलाश तिवारी ने हाईकोर्ट में पेश किया. मामले को हाईकोर्ट ने भी गंभीरता से लेते हुए रेलवे, केंद्र सरकार और राज्य सरकार से जवाब मांगा है.

रेलवे ने कहा नहीं हैं नर्सिंग स्टाफ

हाईकोर्ट में रेलवे की ओर से कहा गया कि उनके पास फिलहाल नर्सिंग स्टाफ नहीं है. जिसके बाद हाईकोर्ट ने रेलवे, केंद्र सरकार और राज्य सरकार को बैठक कर कल तक जवाब पेश करने का आदेश जारी किया है. इसके अलावा बिलासपुर के एकमात्र सिम्स अस्पताल ने आरटीपीसीआरर टेस्ट को बंद किए जाने का मामले पर भी हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है.

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वकील ने क्या कहा था आवेदन में

कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए सुझाव देते हुए वकील पलाश तिवारी ने अपने आवेदन में कहा था कि रेलवे के पास 100 से अधिक आइसोलेशन कोच पड़े हुए हैं. जिनका इस्तेमाल कोरोना संक्रमितों के लिए किया जा सकता है.

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रेलवे के वकील ने दी दलील

रेलवे के तरफ से मौजूद वकील ने कोर्ट को बताया कि हमारे पास आइसोलेशन कोच जरूर हैं लेकिन नर्सिंग स्टाफ हमारे पास मौजूद नहीं है. इसके साथ ही जिन रेलवे कोच को आइसोलेशन के लिए तैयार किया गया है उनमें एयर कंडीशन की व्यवस्था नहीं है. ऐसे में गर्मी के बीच मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. पूरे मामले को सुनने के बाद चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने सभी पक्षों को शाम तक मीटिंग कर कल जवाब पेश करने का आदेश जारी किया है.

बिलासपुर: कोरोना के बढ़ते मामलों और राज्य के अस्पतालों में बेड की भारी कमी को देखते हुए हाईकोर्ट में रेलवे के 100 से ज्यादा आइसोलेशन कोच के इस्तेमाल करने का सुझाव पेश किया गया. बता दें कि देश समेत छत्तीसगढ़ में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच अस्पतालों में बेड की भारी कमी देखने को मिल रही है. इन सबके बीच रेलवे के पास रखे आइसोलेशन कोच का इस्तेमाल कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए करने का सुझाव वकील पलाश तिवारी ने हाईकोर्ट में पेश किया. मामले को हाईकोर्ट ने भी गंभीरता से लेते हुए रेलवे, केंद्र सरकार और राज्य सरकार से जवाब मांगा है.

रेलवे ने कहा नहीं हैं नर्सिंग स्टाफ

हाईकोर्ट में रेलवे की ओर से कहा गया कि उनके पास फिलहाल नर्सिंग स्टाफ नहीं है. जिसके बाद हाईकोर्ट ने रेलवे, केंद्र सरकार और राज्य सरकार को बैठक कर कल तक जवाब पेश करने का आदेश जारी किया है. इसके अलावा बिलासपुर के एकमात्र सिम्स अस्पताल ने आरटीपीसीआरर टेस्ट को बंद किए जाने का मामले पर भी हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है.

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वकील ने क्या कहा था आवेदन में

कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए सुझाव देते हुए वकील पलाश तिवारी ने अपने आवेदन में कहा था कि रेलवे के पास 100 से अधिक आइसोलेशन कोच पड़े हुए हैं. जिनका इस्तेमाल कोरोना संक्रमितों के लिए किया जा सकता है.

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रेलवे के वकील ने दी दलील

रेलवे के तरफ से मौजूद वकील ने कोर्ट को बताया कि हमारे पास आइसोलेशन कोच जरूर हैं लेकिन नर्सिंग स्टाफ हमारे पास मौजूद नहीं है. इसके साथ ही जिन रेलवे कोच को आइसोलेशन के लिए तैयार किया गया है उनमें एयर कंडीशन की व्यवस्था नहीं है. ऐसे में गर्मी के बीच मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. पूरे मामले को सुनने के बाद चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने सभी पक्षों को शाम तक मीटिंग कर कल जवाब पेश करने का आदेश जारी किया है.

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