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increased risk of hearing loss: मोबाइल और हेडफोन के इस्तेमाल से सुनने की शक्ति हो रही कम - Hearing loss due to use of headphones

hearing loss from headphones: फोन और हेडफोन के अधिक इस्तेमाल से सुनने की शक्ति कम हो रही है, जो कि आने वाले समय में बहरेपन की शिकायत पैदा कर सकती है.

use of headphones
हेडफोन का इस्तेमाल
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Published : Apr 16, 2022, 10:52 PM IST

बिलासपुर: मोबाइल के उपयोग ने भले ही आम जनजीवन को एडवांस कर दिया हो. लेकिन इसका नुकसान भी बड़ा खतरनाक है. कानों के मामले में रोजाना ही हॉस्पिटल में पहुंचने वालो की संख्या बढ़ रही है. चिकित्सकों के अनुसार आने वाले समय में ज्यादातर लोग बहरेपन के शिकार हो सकते (hearing loss from headphones) हैं. ईयर फोन यूज करने वाले और ज्यादा देर तक फोन में बात करने वालों को भविष्य में कानों से जुड़ी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.

हेडफोन के इस्तेमाल से सुनने की शक्ति हो रही कम

मोबाइल के उपयोग से हो रही दिक्कतें: बता दें कि मोबाइल के अविष्कार ने हर क्षेत्र में क्रांति ला दी है. मोबाइल से अब वह सारे काम किए जा सकते हैं जो पहले घंटों ऑफिस में बैठकर कंप्यूटर के माध्यम से किया जाता था. इसके अलावा आम जनजीवन भी एडवांस तकनीक पाकर ज्यादा जल्दी और बेहतर कार्य कर रही है. लेकिन मोबाइल का ज्यादा उपयोग भी नुकसानदायक साबित हो रहा है. अब तक मोबाइल का नुकसान आंखों पर ज्यादा दिखता था. लेकिन इसका नुकसान कान पर भी होने लगा है. अब लोग मोबाइल फोन यूज करते समय कानों में ईयर फोन लगाकर बात करते हैं. फिल्म देखने या किसी और चीज में बेहतर वॉइस क्वालिटी के लिए इयर फोन का उपयोग किया जा रहा है. इयरफोन में तेज आवाज आने के साथ ही कान में पूरे समय ईयर फोन को लगाए रखने में भी कानों से जुड़ी समस्याएं सामने आने लगी है.

ईएनटी स्पेशलिस्ट की सलाह: इस विषय में ईटवी भारत से बातचीत के दौरान सिम्स मेडिकल कॉलेज की ईएनटी विभाग की अध्यक्ष आरती पांडेय (Aarti Pandey head of ENT department of Sims Medical College) ने बताया कि ज्यादा देर तक मोबाइल में बात करने से मोबाइल गर्म हो जाता है. मोबाइल के गर्म होने से कानों के अंदर के नाजुक पर्दे और नाजुक हड्डियां प्रभावित होती है. इसके अलावा पूरे समय ईयर फोन लगाने पर भी कानों से जुड़ी कई समस्याएं सामने आने लगी है. कानों में खुजली के साथ ही सामान्य आवाज में बात करने वालों की आवाज कम सुनाई देने लगी है. अगर यही हाल रहा तो आने वाले समय में 10 में 9 लोगों को बहरेपन की शिकायत होगी. ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉक्टर आरती पांडेय ने सलाह दी है कि मोबाइल का कम से कम उपयोग करना सबसे बेहतर है. साथ ही बच्चों को इस समय ऑनलाइन क्लासेस या फिर गेम खेलने के दौरान भी ईयरफोन यूज करने से उन्हें भविष्य में बहरेपन की शिकायत से जूझना पड़ सकता है.

भविष्य में हो सकती है बड़ी परेशानी: कोरोना काल से लेकर अब तक स्कूल कॉलेजों में ऑनलाइन क्लासेस शुरू होने के बाद से छोटे बच्चे मोबाइल पर क्लास अटेंड करते हैं. इसी बहाने गेम भी खेलते हैं. घरवालों को लगता है कि बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं. लेकिन ईयरफोन लगा होने की वजह से पता नहीं चल पाता और छोटी उम्र से ही बच्चे तेज आवाज में गेम खेलना और गाना सुनना पसंद करने लगे है. उनकी यही आदत उन्हें आने वाले समय में बहरेपन की ओर ले जा रही है. आने वाले समय में उन्हें बहरेपन की समस्या से दो चार होना पड़ेगा. ऐसे में ज्यादा मोबाइल का उपयोग इसके अलावा इयरफोन में बात करना काफी नुकसानदेह होगा. समय रहते इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले समय में लोगों को बहरेपन से भी जूझना पड़ सकता है.

बिलासपुर: मोबाइल के उपयोग ने भले ही आम जनजीवन को एडवांस कर दिया हो. लेकिन इसका नुकसान भी बड़ा खतरनाक है. कानों के मामले में रोजाना ही हॉस्पिटल में पहुंचने वालो की संख्या बढ़ रही है. चिकित्सकों के अनुसार आने वाले समय में ज्यादातर लोग बहरेपन के शिकार हो सकते (hearing loss from headphones) हैं. ईयर फोन यूज करने वाले और ज्यादा देर तक फोन में बात करने वालों को भविष्य में कानों से जुड़ी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.

हेडफोन के इस्तेमाल से सुनने की शक्ति हो रही कम

मोबाइल के उपयोग से हो रही दिक्कतें: बता दें कि मोबाइल के अविष्कार ने हर क्षेत्र में क्रांति ला दी है. मोबाइल से अब वह सारे काम किए जा सकते हैं जो पहले घंटों ऑफिस में बैठकर कंप्यूटर के माध्यम से किया जाता था. इसके अलावा आम जनजीवन भी एडवांस तकनीक पाकर ज्यादा जल्दी और बेहतर कार्य कर रही है. लेकिन मोबाइल का ज्यादा उपयोग भी नुकसानदायक साबित हो रहा है. अब तक मोबाइल का नुकसान आंखों पर ज्यादा दिखता था. लेकिन इसका नुकसान कान पर भी होने लगा है. अब लोग मोबाइल फोन यूज करते समय कानों में ईयर फोन लगाकर बात करते हैं. फिल्म देखने या किसी और चीज में बेहतर वॉइस क्वालिटी के लिए इयर फोन का उपयोग किया जा रहा है. इयरफोन में तेज आवाज आने के साथ ही कान में पूरे समय ईयर फोन को लगाए रखने में भी कानों से जुड़ी समस्याएं सामने आने लगी है.

ईएनटी स्पेशलिस्ट की सलाह: इस विषय में ईटवी भारत से बातचीत के दौरान सिम्स मेडिकल कॉलेज की ईएनटी विभाग की अध्यक्ष आरती पांडेय (Aarti Pandey head of ENT department of Sims Medical College) ने बताया कि ज्यादा देर तक मोबाइल में बात करने से मोबाइल गर्म हो जाता है. मोबाइल के गर्म होने से कानों के अंदर के नाजुक पर्दे और नाजुक हड्डियां प्रभावित होती है. इसके अलावा पूरे समय ईयर फोन लगाने पर भी कानों से जुड़ी कई समस्याएं सामने आने लगी है. कानों में खुजली के साथ ही सामान्य आवाज में बात करने वालों की आवाज कम सुनाई देने लगी है. अगर यही हाल रहा तो आने वाले समय में 10 में 9 लोगों को बहरेपन की शिकायत होगी. ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉक्टर आरती पांडेय ने सलाह दी है कि मोबाइल का कम से कम उपयोग करना सबसे बेहतर है. साथ ही बच्चों को इस समय ऑनलाइन क्लासेस या फिर गेम खेलने के दौरान भी ईयरफोन यूज करने से उन्हें भविष्य में बहरेपन की शिकायत से जूझना पड़ सकता है.

भविष्य में हो सकती है बड़ी परेशानी: कोरोना काल से लेकर अब तक स्कूल कॉलेजों में ऑनलाइन क्लासेस शुरू होने के बाद से छोटे बच्चे मोबाइल पर क्लास अटेंड करते हैं. इसी बहाने गेम भी खेलते हैं. घरवालों को लगता है कि बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं. लेकिन ईयरफोन लगा होने की वजह से पता नहीं चल पाता और छोटी उम्र से ही बच्चे तेज आवाज में गेम खेलना और गाना सुनना पसंद करने लगे है. उनकी यही आदत उन्हें आने वाले समय में बहरेपन की ओर ले जा रही है. आने वाले समय में उन्हें बहरेपन की समस्या से दो चार होना पड़ेगा. ऐसे में ज्यादा मोबाइल का उपयोग इसके अलावा इयरफोन में बात करना काफी नुकसानदेह होगा. समय रहते इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले समय में लोगों को बहरेपन से भी जूझना पड़ सकता है.

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