बिलासपुर : सरगुजा में एक साल तक मंदबुद्धि महिला को बंधक बनाने के मामले को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बीजेपी की महिला नेता से मंदबुद्धि महिला के बारे में पूछा है. कोर्ट ने महिला कहां है और किस हाल में है इसके लिए शपथ पत्र में उल्लेख कर शपथ पत्र देने के निर्देश दिए हैं. वहीं पुलिस को मंदबुद्धि महिला की खोज खबर के लिए निर्देश भी दिया है. आपको बता दें कि महिला के नाम लाखों रुपये की संपत्ति है. इसी वजह से महिला को बंधक भी बनाया गया था.
क्या है पूरा मामला : सरगुजा के भट्टीकला थाना क्षेत्र के मानिकपुर ग्राम में रहने वाले अमरेश राजवाड़े की मां पवारो बाई की दिमागी हालत सही नहीं है. महिला पवारो बाई के नाम लाखों रुपए की संपत्ति है. पिछले दिनों जनवरी 2022 में सरगुजा की भाजपा नेता उमा पांडेय ने महिला को बरगलाया और अपने घर ले आई. लगभग 1 साल तक घर में ही बंधक बनाकर रखा. इस मामले की जानकारी मिलने पर महिला के बेटे अमरेश और रिश्तेदार महिला नेता के घर पहुंचे. तो महिला ने, उन्हें झूठे मामले में फंसाने की बात कहकर भगा दिया.
पुलिस ने भी नहीं की कार्रवाई : इसके बाद पवारो बाई के रिश्तेदारों ने पुलिस में शिकायत की.लेकिन पुलिस ने उल्टा महिला नेता का साथ देते हुए मामला दबा दिया. यहीं नहीं पुलिस ने मजिस्ट्रेट को रिपोर्ट सौंप दी. जिसके बाद मजिस्ट्रेट ने पुलिस रिपोर्ट को सही मानकर रिश्तेदारों के आवेदन को खारिज कर दिया. महिला को बंधक बनाने से लेकर मजिस्ट्रेट के आवेदन रद्द करने तक 1 साल गुजर गया. अब हालात ये है कि, महिला का कहीं भी पता नहीं चल रहा है.
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हाईकोर्ट में दायर हुई याचिका : महिला के लापता होने को लेकर चिंतित परिवार ने हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की (habeas corpus petition) है. याचिका में बताया गया है कि '' पवारो बाई महिला उन्हें कहीं भी नहीं मिल रही है. इस मामले की हाईकोर्ट में बुधवार को जस्टिस गौतम भादुड़ी की डिविजन बेंच में सुनवाई हुई. सुनवाई में कोर्ट ने भाजपा नेत्री उमा पांडेय से जवाब मांगा है कि अभी महिला कहां है.साथ ही सरगुजा पुलिस को लापता महिला की तलाश के सख्त निर्देश दिए हैं.