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टूलकिट मामला: रमन सिंह और संबित पात्रा की याचिका पर हाईकोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला

कथित टूलकिट मामले (toolkit case) को लेकर रमन सिंह और संबित पात्रा की ओर से दायर की गई याचिका पर आज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है.

hearing on toolkit case
टूलकिट मामले में सुनवाई
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Published : Jun 11, 2021, 11:57 AM IST

Updated : Jun 11, 2021, 4:11 PM IST

बिलासपुर: टूलकिट मामले (toolkit case) में दर्ज FIR को रद्द करने की मांग वाली पूर्व सीएम रमन सिंह (former CM Raman Singh) और संबित पात्रा (Sambit Patra) की याचिका पर आज छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट (Chhattisgarh High Court) में सुनवाई हुई. कोर्ट ने एफआईआर पर रोक को लेकर फैसला सुरक्षित रख लिया है. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया है कि ये एफआईआर राजनीतिक एजेंडे के तहत हुई हैं.

जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास की कोर्ट में 11 से 3 बजे तक लंबी सुनवाई चली. 8 जून को पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कथित टूलकिट मामले को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. इस याचिका में दोनों ने रायपुर में उनके खिलाफ दर्ज FIR को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी.

क्या था पूरा मामला ?

18 मई को पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक ट्वीट किया. जिसके बाद छत्तीसगढ़ की राजनीति में हलचल मच गई. इस ट्वीट का असर ये हुआ कि कांग्रेस ने रमन सिंह के खिलाफ रायपुर सिविल लाइन थाना (Raipur Civil Line Police Station) में FIR दर्ज कराई और उनकी गिरफ्तारी की मांग की.

रमन सिंह का वो ट्वीट जिस पर विवाद खड़ा हुआ

पूर्व सीएम रमन सिंह ने कांग्रेस का कथित लेटर ट्विटर पर पोस्ट करते हुए दावा किया था कि इसमें देश का माहौल खराब करने की पूरी प्लानिंग लिखी है. रमन सिंह की तरफ से सोशल मीडिया पर लिखा गया कि 'कोरोना संकट के समय कांग्रेस की बिलो द बेल्ट राजनीति देखकर शर्म आती है. विदेशी मीडिया में देश को बदनाम करने कांग्रेस कुंभ का दुष्प्रचार और जलती लाशों की फोटो दिखाने का षड्यंत्र कर रही है. महामारी से साथ लड़ने के बजाय कांग्रेस लोगों को आपस में लड़ा रही है.' रमन सिंह ने #congresstoolkitexposed के साथ ये पोस्ट ट्वीट किया.

पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर कांग्रेस का देशव्यापी प्रदर्शन

रायपुर में रमन सिंह के खिलाफ FIR

रमन सिंह के ट्वीट के बाद कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रमन सिंह (Former Chhattisgarh CM Raman Singh) पर जाली दस्तावेजों की मदद से सौहार्द्र बिगाड़ने की कोशिश करने का आरोप लगाया और रायपुर के सिविल लाइंस थाने में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई.

52 पुलिस थानों में एफआईआर

कथित टूलकिट को लेकर कांग्रेस ने पूर्व सीएम रमन सिंह और संबित पात्रा के साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, प्रवक्ता संबित पात्रा, स्मृति ईरानी और बीएल संतोष, संबित पात्रा समेत कई बीजेपी नेताओं के खिलाफ छत्तीसगढ़ के 52 पुलिस थानों में FIR दर्ज कराई है. बीजेपी ने इसके विरोध में प्रदर्शन भी किया है.

सोशल मीडिया में भी छिड़ा था वार

कांग्रेस ने जहां इस मामले में पूर्व सीएम रमन सिंह और संबित पात्रा समेत बीजेपी के कुछ नेताओं के खिलाफ रायपुर के सिविल लाइन थाने में FIR दर्ज कराई थी. इसके विरोध में बीजेपी ने सोशल मीडिया पर एक बड़ा अभियान छेड़ दिया और # 'भूपेश हमें भी गिरफ्तार करो' को ट्रेंड करा दिया. इसका जवाब सोशल मीडिया पर ही कांग्रेस के नेताओं ने जमकर भड़ास निकाल कर दिया. देखते ही देखते प्रदेश भर के 52 पुलिस थानों में बीजेपी नेताओं के खिलाफ शिकायत और FIR दर्ज करा दी गई थी.

क्या होता है टूलकिट ?

टूलकिट एक डिजिटल दस्तावेज होता है. इसे सोशल मीडिया के जरिए शेयर किया जाता है. टूलकिट आमतौर पर किसी मुद्दे को लेकर तैयार किया जाता है. उस मुद्दे पर तैयारियों और आगे का रोडमैप का उल्लेख किया जाता है. टूलकिट में संबंधित मामले से जुड़ा हर अपडेट डाला जाता है. उस मुद्दे से जुड़े अदालती याचिकाओं, प्रदर्शनकारियों की जानकारी, इसे जन आंदोलन बनाने की कोशिश से जुड़ी तमाम सामग्री सूचनाओं के तौर पर उपलब्ध करवाई जाती है. इसमें एक्शन प्वाइंट दिया होता है और उसी के मुताबिक तैयारी की जाती है. सोशल मीडिया पर हैशटैग भी चलाया जाता है.

बिलासपुर: टूलकिट मामले (toolkit case) में दर्ज FIR को रद्द करने की मांग वाली पूर्व सीएम रमन सिंह (former CM Raman Singh) और संबित पात्रा (Sambit Patra) की याचिका पर आज छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट (Chhattisgarh High Court) में सुनवाई हुई. कोर्ट ने एफआईआर पर रोक को लेकर फैसला सुरक्षित रख लिया है. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया है कि ये एफआईआर राजनीतिक एजेंडे के तहत हुई हैं.

जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास की कोर्ट में 11 से 3 बजे तक लंबी सुनवाई चली. 8 जून को पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कथित टूलकिट मामले को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. इस याचिका में दोनों ने रायपुर में उनके खिलाफ दर्ज FIR को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी.

क्या था पूरा मामला ?

18 मई को पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक ट्वीट किया. जिसके बाद छत्तीसगढ़ की राजनीति में हलचल मच गई. इस ट्वीट का असर ये हुआ कि कांग्रेस ने रमन सिंह के खिलाफ रायपुर सिविल लाइन थाना (Raipur Civil Line Police Station) में FIR दर्ज कराई और उनकी गिरफ्तारी की मांग की.

रमन सिंह का वो ट्वीट जिस पर विवाद खड़ा हुआ

पूर्व सीएम रमन सिंह ने कांग्रेस का कथित लेटर ट्विटर पर पोस्ट करते हुए दावा किया था कि इसमें देश का माहौल खराब करने की पूरी प्लानिंग लिखी है. रमन सिंह की तरफ से सोशल मीडिया पर लिखा गया कि 'कोरोना संकट के समय कांग्रेस की बिलो द बेल्ट राजनीति देखकर शर्म आती है. विदेशी मीडिया में देश को बदनाम करने कांग्रेस कुंभ का दुष्प्रचार और जलती लाशों की फोटो दिखाने का षड्यंत्र कर रही है. महामारी से साथ लड़ने के बजाय कांग्रेस लोगों को आपस में लड़ा रही है.' रमन सिंह ने #congresstoolkitexposed के साथ ये पोस्ट ट्वीट किया.

पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर कांग्रेस का देशव्यापी प्रदर्शन

रायपुर में रमन सिंह के खिलाफ FIR

रमन सिंह के ट्वीट के बाद कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रमन सिंह (Former Chhattisgarh CM Raman Singh) पर जाली दस्तावेजों की मदद से सौहार्द्र बिगाड़ने की कोशिश करने का आरोप लगाया और रायपुर के सिविल लाइंस थाने में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई.

52 पुलिस थानों में एफआईआर

कथित टूलकिट को लेकर कांग्रेस ने पूर्व सीएम रमन सिंह और संबित पात्रा के साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, प्रवक्ता संबित पात्रा, स्मृति ईरानी और बीएल संतोष, संबित पात्रा समेत कई बीजेपी नेताओं के खिलाफ छत्तीसगढ़ के 52 पुलिस थानों में FIR दर्ज कराई है. बीजेपी ने इसके विरोध में प्रदर्शन भी किया है.

सोशल मीडिया में भी छिड़ा था वार

कांग्रेस ने जहां इस मामले में पूर्व सीएम रमन सिंह और संबित पात्रा समेत बीजेपी के कुछ नेताओं के खिलाफ रायपुर के सिविल लाइन थाने में FIR दर्ज कराई थी. इसके विरोध में बीजेपी ने सोशल मीडिया पर एक बड़ा अभियान छेड़ दिया और # 'भूपेश हमें भी गिरफ्तार करो' को ट्रेंड करा दिया. इसका जवाब सोशल मीडिया पर ही कांग्रेस के नेताओं ने जमकर भड़ास निकाल कर दिया. देखते ही देखते प्रदेश भर के 52 पुलिस थानों में बीजेपी नेताओं के खिलाफ शिकायत और FIR दर्ज करा दी गई थी.

क्या होता है टूलकिट ?

टूलकिट एक डिजिटल दस्तावेज होता है. इसे सोशल मीडिया के जरिए शेयर किया जाता है. टूलकिट आमतौर पर किसी मुद्दे को लेकर तैयार किया जाता है. उस मुद्दे पर तैयारियों और आगे का रोडमैप का उल्लेख किया जाता है. टूलकिट में संबंधित मामले से जुड़ा हर अपडेट डाला जाता है. उस मुद्दे से जुड़े अदालती याचिकाओं, प्रदर्शनकारियों की जानकारी, इसे जन आंदोलन बनाने की कोशिश से जुड़ी तमाम सामग्री सूचनाओं के तौर पर उपलब्ध करवाई जाती है. इसमें एक्शन प्वाइंट दिया होता है और उसी के मुताबिक तैयारी की जाती है. सोशल मीडिया पर हैशटैग भी चलाया जाता है.

Last Updated : Jun 11, 2021, 4:11 PM IST
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