बिलासपुर: शासकीय भूमि आवंटन मामले को लेकर दायर जनहित याचिका पर सोमवार को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर 2 सप्ताह में जवाब मांगा है.
राज्य सरकार की ओर से 7500 वर्ग फिट शासकीय भूमि का आवंटन आवेदकों को किया जा रहा है. इस योजना के अंतर्गत राज्य सरकार ने भूमि आवंटन का अधिकार प्रदेश के कलेक्टर्स को दिया है.
सुनियोजित ढंग से योजना की शुरुआत
शासन की इस योजना का विरोध करते हुए बीजेपी नेता सुशांत शुक्ला ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि शासन सिर्फ आवेदन देने पर ही सीधा भूमि आवंटन कर रहा है. याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि शासन ने इस योजना की शुरुआत सुनियोजित ढंग से भू-माफिया और उच्च वर्ग को लाभ देने के लिए शुरू किया है. साथ ही याचिकाकर्ता ने कहा है कि राज्य शासन की इस योजना का लाभ केवल उच्च वर्ग के लोगों को मिलेगा.
योजना को निरस्त करने की मांग
याचिकाकर्ता ने कहा कि सरकार की नीतियों से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग इस योजना से वंचित रह जाएंगे. याचिका में शासन की योजना को संविधान के खिलाफ बताया गया है और हाईकोर्ट से इस योजना को निरस्त करने की मांग की गई है.
2 हफ्ते बाद फिर से सुनवाई
मामले में 2 हफ्ते बाद दोबारा सुनवाई होगी. इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रामचंद्र मेनन और जस्टिस पीपी साहू की डिविजन बेंच में हुई.