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अवैध निर्माण मामले में कलेक्टर को सख्त कदम उठाने के निर्देश

दुर्ग जिले के धमधा तहसील के ठेका पार गांव में बैंक के लिए बनाये गए भवन निर्माण को लेकर सोमवार को हाईकोर्ट सुनवाई हुई. मामले में हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए 15 दिनों के भीतर जांच कर आदेश पारित करने को कहा है.

Bank's illegal building construction case
बैंक का अवैध भवन निर्माण का मामला
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Published : Jun 29, 2020, 9:13 PM IST

बिलासपुर: जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के अवैध भवन निर्माण के खिलाफ दायर याचिका पर सोमवार को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. हाईकोर्ट ने 15 दिन के भीतर जांच कर जरूरी आदेश पारित करने के लिए कलेक्टर को निर्देश दिया है.

बता दें, याचिकाकर्ता पवन पटेल का घर दुर्ग जिले के धमधा तहसील के ठेका पार गांव में है. जिसके आने-जाने के रास्ते पर बोरी ग्राम पंचायत ने जिला केंद्रीय सहकारी बैंक का भवन निर्माण का आदेश पारित किया है. जिसके खिलाफ आपत्ति दर्ज की गई थी.

सरपंच ने पारित कर दिया प्रस्ताव

याचिकाकर्ता का मकान ठेका पार और ग्राम बोरी के बीच में स्थित है. ग्राम ठेका पार से ग्राम बोरी जाने के लिए घास जमीन आवागमन के लिए निस्तार पत्रक में दर्ज है, लेकिन बोरी ग्राम पंचायत के सरपंच ने अवैधानिक रूप से आवागमन के रास्ते पर प्रस्ताव पारित कर जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के भवन की आधारशिला रख दी है. साथ ही एक अन्य निजी व्यक्ति सुशील बंजारे ने घास जमीन पर बाउंड्रीवाल खड़ा कर रास्ता रोकने का काम किया है.

काम रोकने का आदेश

याचिकाकर्ता पवन पटेल ने अनुविभागीय अधिकारी धमधा के सामने धारा 237 तथा 253 भू-राजस्व संहिता के तहत आवेदन दिया था. साथ ही अवैधानिक कब्जे को हटाए जाने और दंडित करने के लिए मांग की गई थी. अनुविभागीय अधिकारी ने अपनी जांच रिपोर्ट के आधार पर पाया कि बिना जिला कलेक्टर की मंजूरी के घास जमीन को परिवर्तन किया गया है, जिसके बाद बैंक के निर्माण कार्य को रोकने का आदेश दिया गया है.

राजस्व आदेशों की अवहेलना

उक्त आदेश को दोनों पक्षकारों ने कलेक्टर के समक्ष चुनौती दिया, लेकिन उनकी अपील को निरस्त कर दिया गया और अनुविभागीय अधिकारी के आदेश को यथावत रखा गया. इसके बावजूद पंचायत और सुशील बंजारे ने अवैधानिक निर्माण जारी रखा और राजस्व आदेशों की पूर्ण अवहेलना की गई.

हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका

याचिकाकर्ता की शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं करने पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई. याचिकाकर्ता ने याचिका दायर कर युक्तियुक्त कार्रवाई किए जाने का निवेदन किया और अवैधानिक निर्माण कार्य को हटाए जाने का अनुरोध किया.

15 दिन के भीतर जांच के आदेश

उच्च न्यायालय की एकल पीठ जस्टिस पी सेम कोशी ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता के तर्क से सहमत होते हुए कलेक्टर दुर्ग को निर्देशित किया है कि 15 दिन के भीतर जांच कर आदेश पारित करें. उन्होंने कहा कि किस प्रकार से बिना मद परिवर्तन किए प्रतिवादियों की ओर से अवैधानिक निर्माण किया जा रहा है और राजस्व अधिकारियों के पारित विभिन्न आदेशों को ध्यान में रखते हुए यथा उचित आदेश पारित करें.

बिलासपुर: जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के अवैध भवन निर्माण के खिलाफ दायर याचिका पर सोमवार को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. हाईकोर्ट ने 15 दिन के भीतर जांच कर जरूरी आदेश पारित करने के लिए कलेक्टर को निर्देश दिया है.

बता दें, याचिकाकर्ता पवन पटेल का घर दुर्ग जिले के धमधा तहसील के ठेका पार गांव में है. जिसके आने-जाने के रास्ते पर बोरी ग्राम पंचायत ने जिला केंद्रीय सहकारी बैंक का भवन निर्माण का आदेश पारित किया है. जिसके खिलाफ आपत्ति दर्ज की गई थी.

सरपंच ने पारित कर दिया प्रस्ताव

याचिकाकर्ता का मकान ठेका पार और ग्राम बोरी के बीच में स्थित है. ग्राम ठेका पार से ग्राम बोरी जाने के लिए घास जमीन आवागमन के लिए निस्तार पत्रक में दर्ज है, लेकिन बोरी ग्राम पंचायत के सरपंच ने अवैधानिक रूप से आवागमन के रास्ते पर प्रस्ताव पारित कर जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के भवन की आधारशिला रख दी है. साथ ही एक अन्य निजी व्यक्ति सुशील बंजारे ने घास जमीन पर बाउंड्रीवाल खड़ा कर रास्ता रोकने का काम किया है.

काम रोकने का आदेश

याचिकाकर्ता पवन पटेल ने अनुविभागीय अधिकारी धमधा के सामने धारा 237 तथा 253 भू-राजस्व संहिता के तहत आवेदन दिया था. साथ ही अवैधानिक कब्जे को हटाए जाने और दंडित करने के लिए मांग की गई थी. अनुविभागीय अधिकारी ने अपनी जांच रिपोर्ट के आधार पर पाया कि बिना जिला कलेक्टर की मंजूरी के घास जमीन को परिवर्तन किया गया है, जिसके बाद बैंक के निर्माण कार्य को रोकने का आदेश दिया गया है.

राजस्व आदेशों की अवहेलना

उक्त आदेश को दोनों पक्षकारों ने कलेक्टर के समक्ष चुनौती दिया, लेकिन उनकी अपील को निरस्त कर दिया गया और अनुविभागीय अधिकारी के आदेश को यथावत रखा गया. इसके बावजूद पंचायत और सुशील बंजारे ने अवैधानिक निर्माण जारी रखा और राजस्व आदेशों की पूर्ण अवहेलना की गई.

हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका

याचिकाकर्ता की शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं करने पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई. याचिकाकर्ता ने याचिका दायर कर युक्तियुक्त कार्रवाई किए जाने का निवेदन किया और अवैधानिक निर्माण कार्य को हटाए जाने का अनुरोध किया.

15 दिन के भीतर जांच के आदेश

उच्च न्यायालय की एकल पीठ जस्टिस पी सेम कोशी ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता के तर्क से सहमत होते हुए कलेक्टर दुर्ग को निर्देशित किया है कि 15 दिन के भीतर जांच कर आदेश पारित करें. उन्होंने कहा कि किस प्रकार से बिना मद परिवर्तन किए प्रतिवादियों की ओर से अवैधानिक निर्माण किया जा रहा है और राजस्व अधिकारियों के पारित विभिन्न आदेशों को ध्यान में रखते हुए यथा उचित आदेश पारित करें.

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