बिलासपुर: सहायक अध्यापक भर्ती से पूर्व आवेदन स्वीकार करने के केस में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति और कुलसचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
बता दें, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में सहायक अध्यापक की नियुक्ति होनी थी. इसके लिए डॉक्टर सुधीर जायसवाल ने भी आवेदन पेश किया था. विज्ञापन में कहा गया था कि पोल्ट्री साइंस और लाइवस्टॉक प्रोडक्शन एंड मैनेजमेंट में से किसी एक विषय में पीजी होना जरूरी है.
लाइवस्टॉक प्रोडक्शन एंड मैनेजमेंट में पीजी नहीं
याचिकाकर्ता लाइवस्टॉक प्रोडक्शन एंड मैनेजमेंट में माइनर और पोल्ट्री साइंस में मेजर पीजी हैं, लेकिन इसके बाद भी इनका फॉर्म यह कह कर रोक दिया गया कि आप लाइवस्टॉक प्रोडक्शन एंड मैनेजमेंट में पीजी नहीं हैं. इसे एडवोकेट मनोज कुमार सिन्हा के जरिए हाईकोर्ट में चुनौती दी गई.
कुलपति और कुलसचिव को जारी किया नोटिस
याचिका पर जस्टिस गौतम भादुड़ी की सिंगल बेंच में सुनवाई हुई. इसमें कहा गया कि विज्ञापन में दोनों में से किसी एक विषय में पीजी की शर्त थी. इसलिए उम्मीदवारी रोकना अनुचित है. सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति और कुलसचिव को नोटिस जारी कर 1 सप्ताह में जवाब तलब किया है. केस की अगली सुनवाई 1 सप्ताह बाद दोबारा होगी.
इससे पहले भी मांगा जा चुका है जवाब
बता दें, इससे पहले भी छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में चयन को लेकर नियमों का पालन नहीं किए जाने के खिलाफ पेश याचिका में कुलाधिपति के संयुक्त सचिव, विश्वविद्यालय के कुलपति और कुलसचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था.
कुलपति का कार्यकाल बढ़ाए जाने के खिलाफ याचिका
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर एसके पाटिल का कार्यकाल बढ़ाए जाने के खिलाफ विश्वविद्यालय में कार्यरत कार्यक्रम सहायक स्वाति शर्मा और आशीष शर्मा ने अधिवक्ता अब्दुल वहाब खान के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. इसमें कहा गया है कि कुलपति डॉ. पाटिल का कार्यकाल 1 नवम्बर 2016 को पूरा हो गया था. इसके बाद भी नियम के विपरीत उनका कार्यकाल बढ़ाया गया था.