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साख समिति खुद का परिवहन इस्तेमाल कर स्टोरेज केंद्र में भेजे धान: HC

धान उठाने के संबंध में दायर की गई साख समितियों की याचिका को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने निराकृत कर दिया है. हाईकोर्ट ने कहा कि साख समितियां स्वयं का परिवहन इस्तेमाल कर धान को निकटतम स्टोरेज केंद्र में भेजें.

Petition of credit committees disposed
साख समितियों की याचिका निराकृत
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Published : Jul 4, 2020, 10:58 AM IST

बिलासपुर: धान उठाने को लेकर लगाई गई साख समितियों की याचिका को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई करते हुए निराकृत कर दिया है.

बता दें कि मुंगेली की साख समितियों ने धान ना उठाए जाने को लेकर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका में कहा गया था कि नियम अनुसार शासन के 72 घंटों के भीतर धान उठाने का प्रावधान है, लेकिन सरकार ने अवधि बीत जाने के बाद भी धान नहीं उठाया, जिसकी वजह से ये खुले में रहने के कारण सड़ रहा है.

Petition of credit committees disposed
साख समितियों की याचिका निराकृत

नियम के अनुसार साख समिति भी उठा सकती है धान

दूसरी ओर मामले पर सुनवाई के दौरान शासन की ओर से कहा गया कि नियम यह भी कहता है कि अगर 72 घंटे के भीतर अगर साख समिति से धान नहीं उठाया जाता है, तो साख समितियां खुद का परिवहन इस्तेमाल कर धान को निकटतम स्टोरेज केंद्र में भेजेगी.

खुद के परिवहन का करें इस्तेमाल: हाईकोर्ट

हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को खुद के परिवहन का इस्तेमाल कर धान को निकटतम स्टोरेज केंद्र में भेजने का आदेश जारी किया है. हाईकोर्ट ने साख समितियों को लेकर अपने आदेश में कहा है कि परिवहन का खर्च सरकार और साख समितियों के बीच में अनुबंध के अनुसार होगा. इसके बाद भी अगर मतभेद की स्थिति बनती है, तो अनुबंध के अनुसार ही उसका समाधान किया जाए.

मामले पर आदेश जारी करने के बाद हाईकोर्ट ने याचिकाओं को निराकृत कर दिया. पूरे मामले की सुनवाई जस्टिस पी सैम कोशी की सिंगल बेंच में की गई.

बिलासपुर: धान उठाने को लेकर लगाई गई साख समितियों की याचिका को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई करते हुए निराकृत कर दिया है.

बता दें कि मुंगेली की साख समितियों ने धान ना उठाए जाने को लेकर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका में कहा गया था कि नियम अनुसार शासन के 72 घंटों के भीतर धान उठाने का प्रावधान है, लेकिन सरकार ने अवधि बीत जाने के बाद भी धान नहीं उठाया, जिसकी वजह से ये खुले में रहने के कारण सड़ रहा है.

Petition of credit committees disposed
साख समितियों की याचिका निराकृत

नियम के अनुसार साख समिति भी उठा सकती है धान

दूसरी ओर मामले पर सुनवाई के दौरान शासन की ओर से कहा गया कि नियम यह भी कहता है कि अगर 72 घंटे के भीतर अगर साख समिति से धान नहीं उठाया जाता है, तो साख समितियां खुद का परिवहन इस्तेमाल कर धान को निकटतम स्टोरेज केंद्र में भेजेगी.

खुद के परिवहन का करें इस्तेमाल: हाईकोर्ट

हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को खुद के परिवहन का इस्तेमाल कर धान को निकटतम स्टोरेज केंद्र में भेजने का आदेश जारी किया है. हाईकोर्ट ने साख समितियों को लेकर अपने आदेश में कहा है कि परिवहन का खर्च सरकार और साख समितियों के बीच में अनुबंध के अनुसार होगा. इसके बाद भी अगर मतभेद की स्थिति बनती है, तो अनुबंध के अनुसार ही उसका समाधान किया जाए.

मामले पर आदेश जारी करने के बाद हाईकोर्ट ने याचिकाओं को निराकृत कर दिया. पूरे मामले की सुनवाई जस्टिस पी सैम कोशी की सिंगल बेंच में की गई.

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