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आरक्षक भर्ती प्रक्रिया मामले में 21 जनवरी को होगी अगली सुनवाई - बिलासपुर

आरक्षक भर्ती प्रक्रिया निरस्त करने खिलाफ दायर याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई. मामले की अगली सुनवाई 21 जनवरी को तय हुई है.

hearing in case of constable recruitment process
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
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Published : Jan 13, 2020, 4:29 PM IST

Updated : Jan 13, 2020, 5:25 PM IST

बिलासपुर : आरक्षकों की भर्ती निरस्त करने के खिलाफ दायर याचिका को हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने खारिज कर दिया था जिसे हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की डबल बेंच में चुनौती दी गई है. मामले की सुनवाई 21 जनवरी तक बढ़ा दी गई है.

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट

मामले की पिछली सुनवाई में उच्च न्यायालय ने शासन द्वारा आरक्षक भर्ती के लिए जारी किए जाने वाले विज्ञापन पर रोक लगाते हुए शासन को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था.

बता दें कि जस्टिस भादुरी की बेंच ने पिछली सुनवाई में याचिकाकर्ताओं की याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि 'भर्ती प्रक्रिया के लिए जारी किए गए विज्ञापन में तब की रमन सरकार द्वारा बनाए गए नियम के तहत भर्ती होनी थी, लेकिन राज्य में सरकार बदलने के बाद नई सरकार ने पहले के नियम में संशोधन कर दिया'.

पढ़ें :बिलासपुर: SDO को देने होंगे 60 दिनों में जमीन अधिग्रहण के पैसे

'भर्ती प्रक्रिया को निरस्त किया जाना सही'

उन्होंने कहा था कि 'संशोधित नियमों के तहत पूर्व की भर्ती प्रक्रिया नहीं हो रही थी इसलिए मौजूदा सरकार द्वारा भर्ती प्रक्रिया को निरस्त किया जाना सही है'.

पढ़ें :28 मीसाबंदियों को एरियर्स सहित पेंशन दे सरकार : हाईकोर्ट

निरस्त कर दी गई थी आरक्षक भर्ती प्रक्रिया

बता दें कि 2017 में हुए आरक्षक परीक्षा के परिणाम जारी नहीं किए जा रहे थे, जिसको लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. इस पर न्यायालय ने 2 महीने के भीतर डीजीपी को मामले का निराकरण करने का आदेश जारी किया था, लेकिन शासन द्वारा आरक्षक भर्ती प्रक्रिया को निरस्त कर दिया गया.

इन्होंने दायर की थी याचिका

2259 पदों के लिए होने वाली इस भर्ती को निरस्त करने के खिलाफ आशीष सिंह और अन्य ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी.

बिलासपुर : आरक्षकों की भर्ती निरस्त करने के खिलाफ दायर याचिका को हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने खारिज कर दिया था जिसे हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की डबल बेंच में चुनौती दी गई है. मामले की सुनवाई 21 जनवरी तक बढ़ा दी गई है.

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट

मामले की पिछली सुनवाई में उच्च न्यायालय ने शासन द्वारा आरक्षक भर्ती के लिए जारी किए जाने वाले विज्ञापन पर रोक लगाते हुए शासन को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था.

बता दें कि जस्टिस भादुरी की बेंच ने पिछली सुनवाई में याचिकाकर्ताओं की याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि 'भर्ती प्रक्रिया के लिए जारी किए गए विज्ञापन में तब की रमन सरकार द्वारा बनाए गए नियम के तहत भर्ती होनी थी, लेकिन राज्य में सरकार बदलने के बाद नई सरकार ने पहले के नियम में संशोधन कर दिया'.

पढ़ें :बिलासपुर: SDO को देने होंगे 60 दिनों में जमीन अधिग्रहण के पैसे

'भर्ती प्रक्रिया को निरस्त किया जाना सही'

उन्होंने कहा था कि 'संशोधित नियमों के तहत पूर्व की भर्ती प्रक्रिया नहीं हो रही थी इसलिए मौजूदा सरकार द्वारा भर्ती प्रक्रिया को निरस्त किया जाना सही है'.

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निरस्त कर दी गई थी आरक्षक भर्ती प्रक्रिया

बता दें कि 2017 में हुए आरक्षक परीक्षा के परिणाम जारी नहीं किए जा रहे थे, जिसको लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. इस पर न्यायालय ने 2 महीने के भीतर डीजीपी को मामले का निराकरण करने का आदेश जारी किया था, लेकिन शासन द्वारा आरक्षक भर्ती प्रक्रिया को निरस्त कर दिया गया.

इन्होंने दायर की थी याचिका

2259 पदों के लिए होने वाली इस भर्ती को निरस्त करने के खिलाफ आशीष सिंह और अन्य ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी.

Intro:2259 पदों पर आरक्षको की भर्ती निरस्त करने के विरुद्ध दायर याचिका को उच्च न्यायालय की सिंगल बेंच द्वारा खारिज किए जाने के बाद आज उच्च न्यायालय की चीफ जस्टिस की डबल बेंच में चुनौती दी गई है । आज मामले पर सुनवाई 21 तारीख के लिए बढ़ा दी गई है। मामले की पिछली सुनवाई में उच्च न्यायालय ने शासन द्वारा आरक्षक भर्ती के लिए जारी किए जाने वाले विज्ञापन पर रोक लगाते हुए शासन को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था।अब मामले की अगली सुनवाई 21 जनवरी को तय हुई है। Body:बता दें कि जस्टिस भादुरी की बेंच ने पिछली सुनवाई में याचिकाकर्ताओं की याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा था कि भर्ती प्रक्रिया के लिए जारी किए गए विज्ञापन मे तब की रमन सरकार के द्वारा बनाए गए नियम के तहत भर्ती होनी थी ।लेकिन राज्य में सरकार बदलने के बाद नई भूपेश सरकार ने पहले के नियम में संशोधन कर दिया। और संशोधित नियमों के तहत क्योंकि पूर्व की भर्ती प्रक्रिया नहीं हो रही थी इसलिए मौजूदा सरकार द्वारा भर्ती प्रक्रिया को निरस्त किया जाना सही है। बता दें कि 2017 में हुए आरक्षक परीक्षा के परिणाम जारी नहीं किए जा रहे थे जिसको लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी। जिस पर न्यायालय ने 2 महीने के भीतर डीजीपी को मामले का निराकरण करने हेतु आदेश जारी किया था। लेकिन शासन द्वारा आरक्षक भर्ती प्रक्रिया को निरस्त कर दिया गया।Conclusion:2259 पदों के लिए होने वाली इस भर्ती को निरस्त करने के खिलाफ याचिकाकर्ता आशीष सिंह व अन्य ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।
Last Updated : Jan 13, 2020, 5:25 PM IST
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