बिलासपुर: एनटीपीसी से निकलने वाले राखड़ से परेशान ग्रामीणों ने शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री का घेराव किया. इस विषय में ग्रामीणों का कहना है कि सैकड़ों बार शिकायत करने के बाद भी एनटीपीसी पर कार्रवाई नहीं की जा रही (Health Minister TS Singhdeo surrounded in ashes case in Bilaspur) है. चिमनी और डैम के राखड़ से एक दर्जन गांवों की फसलें खराब हो रही है. खेती करने वाली जमीन बंजर होती जा रही है. उनकी फरियाद कोई नहीं सुन रहा है.
एनटीपीसी के अड़ियल रवैये से लोग परेशान: बता दें कि नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन लिमिटेड का बिलासपुर के सीपत में पावर प्लांट है. पावर प्लांट चिमनी से पिछले कई सालों से निकलने वाले राखड़ और राखड़ डैम से आंधी में उड़ने वाले राखड़ से सीपत के कई गांव के लोग परेशान हैं. एनटीपीसी के अड़ियल रवैये के कारण सीपत क्षेत्र के डैम से उड़ने वाला राखड़ इलाके के कई गांवों के ग्रामीणों के जीवन को नरक बना रहा है. पिछले 12 साल से लोग यंहा की समस्या को लेकर जनप्रतिनिधियों और जिलाप्रशासन से शिकायत कर रहें हैं. लेकिन अब तक इसका कोई निदान नहीं हो सका है. बार-बार ग्रमीणों को अपनी समस्या को लेकर सड़क में उतरना पड़ता है. आश्वासन देकर उन्हें अधिकारी चलता कर देते है. शुक्रवार को बड़ी संख्या में सैकड़ों महिलाओं ने कलेक्टरेट का घेराव कर एनटीपीसी प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. ग्रामीण तत्काल डैम से उड़ रहे राखड़ से निजात दिलाने की मांग कर रहे हैं.
ग्रामीणों के आक्रोश पर नोटिस जारी: क्षेत्रीय पर्यवरण बोर्ड ने ग्रामीणों की शिकायत पर 30 मई को एनटीपीसी को नोटिस जारी कर तत्काल उड़ रहे राखड़ की समस्या को दूर करने की चेतावनी दी थी. नोटिस को जारी किए 4 दिन बीत चुके हैं. लेकिन समस्या का निराकरण एनटीपीसी प्रबंधन ने नहीं किया है. परेशान ग्रमीणों को जब स्वास्थ्य मंत्री के बिलासपुर प्रवास की जानकारी मिली तो वे कलेक्ट्रेट पहुंचे.
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टीएस सिंहदेव ने मुख्यमंत्री तक बात पहुचाने की बात कही: मामले में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने राखड़ समस्या को लेकर गंभीरता दिखाई है. मौके से ही प्रिंसिपल सेक्रेटरी को मामले की जानकारी दी. स्वास्थ्य विभाग से जांच कराने के निर्देश दिए हैं. मंत्री ने संबंधित विभाग के मंत्री मोहम्मद अकबर और मुख्यमंत्री से भी समस्या को अवगत कराने की बात कही है. टीएस सिंहदेव ने कहा, "मैंने देखा है...समस्या विकराल है. लोगों का राखड़ से स्वास्थ्य खराब हो सकता है. मैंने स्वास्थ्य विभाग को ग्रामीणों के स्वास्थ्य जांच कराने की बात भी कही है. मैं इस बात की जानकारी मुख्यमंत्री को दूंगा."
खेत हो रहा बंजर: एनटीपीसी की चिमनी से निकलने वाले राख हवा में मिलने के बाद फैल जाते हैं. राख आसपास के गांव की खेतों की जमीन में गिर रहे है. जिसके कारण किसानों के खेत बंजर होने लगे हैं. जितना फसल वह एनटीपीसी के आने के पहले लिया करते थे. अब उनके खेतों से उसका आधा भी उपज उन्हें नहीं मिल पाता है. इस मामले में वो सालों से जिला प्रशासन सहित पर्यावरण बोर्ड और जनप्रतिनिधियों को इसकी शिकायत करते रहे हैं. लेकिन अब तक उन्हें इस समस्या से निजात नहीं मिल पाया है. अभी स्थिति यह हो गई है कि किसान खेतों में फसल लगाना ही बंद कर चुके हैं. जिसके कारण उनकी आर्थिक स्थिति बद से बदतर होती जा रही है.