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सेवा सहकारी समितियों को भंग करने के मामले में राज्य सरकार को बड़ा झटका - बिलासपुर

बिलासपुर हाईकोर्ट ने आगामी सुनवाई तक सेवा सहकारी समितियों को भंग करने के मामले में सरकार के आदेश पर रोक लगा दी है.

बिलासपुर हाईकोर्ट
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Published : Sep 7, 2019, 11:55 AM IST

Updated : Sep 7, 2019, 1:33 PM IST

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ की सेवा सहकारी समितियों को भंग करने के मामले में राज्य सरकार को हाईकार्ट से बड़ा झटका लगा है. मामले में याचिकर्ताओं को अंतरिम राहत मिली है. बिलासपुर हाईकोर्ट ने आगामी सुनवाई तक सरकार के आदेश पर रोक लगा दी है.

कोर्ट ने मामले को लेकर सरकार को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा है. इस मामले की अगली सुनवाई अब 3 अक्टूबर को होनी है. दरअसल, राज्य शासन ने छत्तीसगढ़ की सेवा सहकारी समितियों के पुनर्गठन के लिए अधिसूचना जारी कर 30 जुलाई 2019 तक दावा आपत्ति मंगाई थी.

इसके बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने बिना दावा-आपत्ति का निराकरण के ही 30 अगस्त 2019 को छत्तीसगढ़ की 1035 सेवा सहकारी समितियों को भंग कर दिया था. इसके बाद आदेश के खिलाफ सेवा सहकारी समिति के सदस्य ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी. जिसपर सुनवाई करते हुए आगामी सुनवाई तक सरकार के आदेश पर रोक लगा दी है.

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ की सेवा सहकारी समितियों को भंग करने के मामले में राज्य सरकार को हाईकार्ट से बड़ा झटका लगा है. मामले में याचिकर्ताओं को अंतरिम राहत मिली है. बिलासपुर हाईकोर्ट ने आगामी सुनवाई तक सरकार के आदेश पर रोक लगा दी है.

कोर्ट ने मामले को लेकर सरकार को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा है. इस मामले की अगली सुनवाई अब 3 अक्टूबर को होनी है. दरअसल, राज्य शासन ने छत्तीसगढ़ की सेवा सहकारी समितियों के पुनर्गठन के लिए अधिसूचना जारी कर 30 जुलाई 2019 तक दावा आपत्ति मंगाई थी.

इसके बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने बिना दावा-आपत्ति का निराकरण के ही 30 अगस्त 2019 को छत्तीसगढ़ की 1035 सेवा सहकारी समितियों को भंग कर दिया था. इसके बाद आदेश के खिलाफ सेवा सहकारी समिति के सदस्य ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी. जिसपर सुनवाई करते हुए आगामी सुनवाई तक सरकार के आदेश पर रोक लगा दी है.

Intro:बिलासपुर हाईकोर्ट: प्रदेश की सेवा सहकारी समितियों को भंग करने का मामला। राज्य सरकार को हाईकार्ट से झटका। याचिकर्ताओं को मिली अंतरिम राहत। आगामी सुनवाई तक सरकार के आदेश पर रोक। राज्य शासन को नोटिस जारी। Body:3 अक्टूबर को मामले में अगली सुनवाई। आदेश के खिलाफ सेवा सहकारी समिति भैसमा के सदस्य लक्ष्मण उरांव, बरपाली समिति के मोहनलाल कंवर, जीवन लाल कंवर समेत अन्य समितियों के सदस्यों ने हाईकोर्ट में की थी याचिका दाखिल। Conclusion:चीफ जस्टिस पीआर रामचंंद्र मेनन व जस्टिस पीपी साहू की डीबी ने सुनवाई के बाद फैसला रखा था सुरक्षित।
Last Updated : Sep 7, 2019, 1:33 PM IST
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