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बिलासपुर वासियों के लिए खुशखबरी, बिलासा एयरपोर्ट का होगा विस्तार

बिलासपुर में स्थित बिलासा एयरपोर्ट के विस्तार में अब तेजी (Good news for the residents of Bilaspur) आएगी. इस एयरपोर्ट पर नाइट लैंडिंग सहित नए टर्मिनल बिल्डिंग पर कार्य किया ( Bilasa Airport will be expanded) जाएगा. इसको लेकर प्रक्रिया जल्द ही पूरी होने की उम्मीद ( Efforts to facilitate night landing at Bilasa airport) है.

Good news for the residents of Bilaspur
बिलासपुर वासियों के लिए खुशखबरी
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Published : Jul 25, 2022, 9:48 PM IST

बिलासपुर: बिलासा एयरपोर्ट के नए टर्मिनल, नए बिल्डिंग, जमीन वापसी और बुनियादी सुविधाओं की मांग को लेकर हवाई सुविधा नागरिक संघर्ष समिति ने कलेक्टर से मुलाकात (Good news for the residents of Bilaspur) की. समिति के सदस्यों ने इस दौरान एयरपोर्ट विस्तार की आवश्यकताओं के साथ काम में हो रही देरी को लेकर कलेक्टर से ( Bilasa Airport will be expanded) विस्तृत चर्चा की. कलेक्टर ने 15 दिनों में रुके कार्यो का टेंडर जारी करने और बारिश खत्म होते ही काम शुरू कराने की बात कही ( Efforts to facilitate night landing at Bilasa airport) है.



बिलासा एयरपोर्ट के लिए हो रहा बड़ा आंदोलन: बिलासपुर के चकरभाठा क्षेत्र में बिलासा देवी एयरपोर्ट में कई सुविधाओ के साथ ही नाइट लैंडिंग की सुविधा को लेकर आंदोलन किया जा रहा है. आंदोलन के मद्देनजर सोमवार को हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने बिलासपुर कलेक्टर से मुलाकात की. इस दौरान समिति के सदस्यों ने नई टर्मिनल बिल्डिंग का कार्य जल्द कराने को कहा. उसका टेंडर अब तक नहीं लगा है. इसलिए जल्द से जल्द टेंडर कराने की मांग की गई है. 1 साल से कंसलटेंट के पास ड्राइंग डिजाइन का कार्य लंबित है. अगर 7 करोड रुपए की नई टर्मिनल बिल्डिंग बना ली जाती है तो बिलासा एयरपोर्ट में बुनियादी सुविधाओं की कमी दूर हो जाएगी.

15 दिन में मंजूरी मिलने की संभावना: बिलासा एयरपोर्ट को लेकर लंबे समय से बुनियादी सुविधाओं के विस्तार का मामला अटका हुआ है. एयरपोर्ट का विस्तार स्टीमेट की मंजूरी की वजह से भी प्रभावित हो रहा है. कलेक्टर ने हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति के सदस्यों को स्थिति को स्पष्ट करते हुए बताया कि नाइट लैंडिंग का आकलन मंजूरी के लिए अटका हुआ है. कलेक्टर ने बताया कि "आने वाले 15 दिन के भीतर उसकी मंजूरी मिलने की संभावना है. इसी तरह नाइट लैंडिंग और नई टर्मिनल बिल्डिंग के विस्तार के लिए बारिश में ही इसकी टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी और बारिश खत्म होते ही इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा".

ये भी पढ़ें: बिलासा एयरपोर्ट की जमीन को लेकर खड़ा हुआ नया विवाद


सेना ने जमीन वापसी के दिए संकेत: सेना को कुछ साल पहले राज्य शासन ने छावनी बनाने के लिए लगभग 1000 एकड़ जमीन दी थी. लेकिन छावनी अब तक बनकर तैयार होना तो दूर इसकी नींव भी तक नहीं रखी गई है. इस मामले को लेकर पिछले दिनों राज्य सरकार के प्रयास ने जमीन वापसी की उम्मीद जगा दी है. सेना ने राज्य सरकार को जमीन वापसी करने के संकेत दिए हैं और पूरी प्रक्रिया कलेक्टर के माध्यम से की जाएगी. हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने कलेक्टर से मुलाकात कर इस विषय पर भी चर्चा की है. इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की मांग की गई है. इसके अलावा हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति के समन्वयक एडवोकेट सुदीप श्रीवास्तव ने बताया कि "जिस तरह से कलेक्टर के जवाब से उन्हें एयरपोर्ट के विस्तार की उम्मीद जगी है. इसी तरह जल्द ही नाइट लैंडिंग भी शुरू हो जाएगी तो छत्तीसगढ़ सहित दो संभाग बिलासपुर संभाग और सरगुजा संभाग के हवाई यात्रियों को हवाई यात्रा की सहज सुविधा मिल जाएगी."

बिलासपुर: बिलासा एयरपोर्ट के नए टर्मिनल, नए बिल्डिंग, जमीन वापसी और बुनियादी सुविधाओं की मांग को लेकर हवाई सुविधा नागरिक संघर्ष समिति ने कलेक्टर से मुलाकात (Good news for the residents of Bilaspur) की. समिति के सदस्यों ने इस दौरान एयरपोर्ट विस्तार की आवश्यकताओं के साथ काम में हो रही देरी को लेकर कलेक्टर से ( Bilasa Airport will be expanded) विस्तृत चर्चा की. कलेक्टर ने 15 दिनों में रुके कार्यो का टेंडर जारी करने और बारिश खत्म होते ही काम शुरू कराने की बात कही ( Efforts to facilitate night landing at Bilasa airport) है.



बिलासा एयरपोर्ट के लिए हो रहा बड़ा आंदोलन: बिलासपुर के चकरभाठा क्षेत्र में बिलासा देवी एयरपोर्ट में कई सुविधाओ के साथ ही नाइट लैंडिंग की सुविधा को लेकर आंदोलन किया जा रहा है. आंदोलन के मद्देनजर सोमवार को हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने बिलासपुर कलेक्टर से मुलाकात की. इस दौरान समिति के सदस्यों ने नई टर्मिनल बिल्डिंग का कार्य जल्द कराने को कहा. उसका टेंडर अब तक नहीं लगा है. इसलिए जल्द से जल्द टेंडर कराने की मांग की गई है. 1 साल से कंसलटेंट के पास ड्राइंग डिजाइन का कार्य लंबित है. अगर 7 करोड रुपए की नई टर्मिनल बिल्डिंग बना ली जाती है तो बिलासा एयरपोर्ट में बुनियादी सुविधाओं की कमी दूर हो जाएगी.

15 दिन में मंजूरी मिलने की संभावना: बिलासा एयरपोर्ट को लेकर लंबे समय से बुनियादी सुविधाओं के विस्तार का मामला अटका हुआ है. एयरपोर्ट का विस्तार स्टीमेट की मंजूरी की वजह से भी प्रभावित हो रहा है. कलेक्टर ने हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति के सदस्यों को स्थिति को स्पष्ट करते हुए बताया कि नाइट लैंडिंग का आकलन मंजूरी के लिए अटका हुआ है. कलेक्टर ने बताया कि "आने वाले 15 दिन के भीतर उसकी मंजूरी मिलने की संभावना है. इसी तरह नाइट लैंडिंग और नई टर्मिनल बिल्डिंग के विस्तार के लिए बारिश में ही इसकी टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी और बारिश खत्म होते ही इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा".

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सेना ने जमीन वापसी के दिए संकेत: सेना को कुछ साल पहले राज्य शासन ने छावनी बनाने के लिए लगभग 1000 एकड़ जमीन दी थी. लेकिन छावनी अब तक बनकर तैयार होना तो दूर इसकी नींव भी तक नहीं रखी गई है. इस मामले को लेकर पिछले दिनों राज्य सरकार के प्रयास ने जमीन वापसी की उम्मीद जगा दी है. सेना ने राज्य सरकार को जमीन वापसी करने के संकेत दिए हैं और पूरी प्रक्रिया कलेक्टर के माध्यम से की जाएगी. हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने कलेक्टर से मुलाकात कर इस विषय पर भी चर्चा की है. इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की मांग की गई है. इसके अलावा हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति के समन्वयक एडवोकेट सुदीप श्रीवास्तव ने बताया कि "जिस तरह से कलेक्टर के जवाब से उन्हें एयरपोर्ट के विस्तार की उम्मीद जगी है. इसी तरह जल्द ही नाइट लैंडिंग भी शुरू हो जाएगी तो छत्तीसगढ़ सहित दो संभाग बिलासपुर संभाग और सरगुजा संभाग के हवाई यात्रियों को हवाई यात्रा की सहज सुविधा मिल जाएगी."

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