बिलासपुर : छत्तीसगढ़ में त्योहार और अन्य कार्यक्रमों में डीजे साउंड बजाने का चलन बढ़ गया था. सड़कों पर तेज आवाज और चकाचौंध रोशनी के साथ ही लेजर लाइट वाले डीजे राहगीरों को परेशान कर रहे थे. जिसके बाद हाईकोर्ट ने मानक स्तर से अधिक आवाज वाले डीजे को सड़क पर बजाने पर प्रतिबंधित किया. इसके साथ ही आम जनता को हो रही दिक्कतों से राहत दिलाने डीजे साउंड के उपयोग पर रोक लगा दी गई है. डीजे साउंड पर रोक लगाते ही बैंड बाजे की पूछ परख बढ़ने लगी है. बैंड बाजा अब सड़कों पर नजर आने लगेगा. माना जा रहा है कि डीजे पर रोक लगने के बाद बैंड बाजे वालों के अच्छे दिन आ गए हैं.
पहले के मुकाबले अब ज्यादा हो रही है बुकिंग : बिलासपुर बैंड बाजा संघ के नासिर खान ने बताया कि पिछले कुछ सालों में बैंड बाजा की पूछ परख कम हो गई थी. बहुत कम लोग ही बारात या अन्य कार्यक्रमों के लिए बैंड बाजे की बुकिंग करते थे, लेकिन इस वर्ष बैंड बाजे की बुकिंग अत्यधिक हो रही है. दिसंबर से लेकर फरवरी तक शादी का सीजन है, इसके बाद अप्रैल और मई भी शादी का सीजन होता है, जिसके लिए अभी से बैंड बाजे की बुकिंग शुरू हो गई है.
'' कई ऐसी तारीख है जिनमें ग्राहकों के लिए बैंड बाजे की बुकिंग नहीं हो पा रही है क्योंकि पहले ही लोग एडवांस देकर उन तरीकों में बुकिंग करा चुके हैं. कुछ सालों में बैंड बाजा चलन से बाहर हो गया था, लेकिन एक बार फिर अब बैंड बाजा चलन में आ सकता है.कई सालों से दिक्कतों से जीवन जीने वाले बैंड बाजे के कर्मचारी और संचालक अब आर्थिक रूप से मजबूत होंगे.'' नासिर खान, बैंड संचालक
वाद्य यंत्र से निकलता है बैंड की आवाज : बैंड बाजे के विषय में बैंड बाजा संचालक नासिर खान ने बताया कि बैंड बाजे की आवाज वाद्य यंत्रों से निकलती है, जिसे माइक में लेकर स्पीकर तक पहुंचाया जाता है.लेकिन डीजे मशीन से निकलकर मशीन में ही जाती है. जिसकी वजह से उसकी अत्यधिक आवाज होती है. इस आवाज से लोगों को भले ही तकलीफ होती होगी लेकिन बैंड बाजे की आवाज में बेस नहीं होता और इससे आम जनता को तकलीफ नहीं होती. डीजे अत्यधिक रूप में ध्वनि प्रदूषण फैला रहा था. इसके बेस की वजह से आम लोगों को काफी तकलीफ हो रही थी. डीजे की बेस से हार्ट के मरीजों को लगे पेस मेकर रुकने की संभावना ज्यादा रहती है.इससे हार्ट के मरीजों की जान भी जा सकती है. यही वजह है कि डीजे को लेकर हाईकोर्ट ने सख्ती बरती है.