बिलासपुर: बिलासपुर में 7 महीने बाद नगर निगम की सामान्य सभा आयोजित की गई. सामान्य सभा में 45 प्रस्ताव और 19 अतिरिक्त प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास किए (General Assembly meeting was uproar in bilaspur) गए. इस दौरान नगर निगम के नए जुड़े क्षेत्रों के समस्याओं और स्मार्ट सिटी के कामकाज को लेकर भी विपक्ष ने निगम सरकार पर जमकर सवाल खड़े किए. सत्ता पक्ष और विपक्ष के पार्षद इसे लेकर आपस में भिड़ते रहे. bilaspur latest news
समस्याओं का निराकरण नहीं होने पर जताई नाराजगी: बिलासपुर नगर निगम में सामान्य सभा के शुरू होने के साथ ही विपक्ष आक्रामक दिखा. नेता प्रतिपक्ष ने सबसे पहले 7 महीने बाद सामान्य सभा कराने पर नाराजगी जताते हुए निगम सरकार पर सवाल खड़े किया. जिसके बाद पार्षदों ने भी सवाल जवाब के क्रम में वार्डों की समस्याओं और सुविधाओं को लेकर अपनी बात रखी. इस दौरान अधिकांश पार्षदों ने पानी, नाली, बिजली,सड़क जैसी मूलभूत समस्याओं का निराकरण नहीं होने पर निगम सरकार पर जमकर नाराजगी जताई.
कामकाज को लेकर विपक्ष आक्रामक: सबसे ज्यादा नए जुड़े क्षेत्रों के विकास और स्मार्ट सिटी के कामकाज को लेकर विपक्ष आक्रामक दिखा. विपक्ष ने स्मार्ट सिटी में मनमानी करने और बिना उपयोगिता के प्रोजेक्ट बनाकर पैसे का दुरुपयोग करने का भी आरोप लगाया. इसके साथ ही विपक्ष ने अरपा तट संवर्धन के तहत हो रहे काम और प्लानिंग का ब्यौरा देने की भी मांग सभा में की.
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समस्याओं का समाधान न होने पर आंदोलन की चेतावनी: विपक्ष के सवाल और निगम सरकार के जवाब के बीच 45 प्रस्ताव और 19 अतिरिक्त प्रस्ताव भी सभा में रखे गए. जिसे सर्वसम्मति से पास किया गया. स्मार्ट सिटी के विस्तार और नए क्षेत्रों को स्मार्ट सिटी में शामिल करने जनप्रतिनिधियों को भी कार्ययोजना बनाने कमेटी में शामिल करने सुझाव रखा गया. विपक्ष ने इसके साथ ही वार्डों के समस्याओं का समाधान नहीं होने पर सड़क में आंदोलन करने की भी चेतावनी दी है.
सायकल ट्रैक का हुआ विरोध: स्मार्ट सिटी के तहत शहर में 7 करोड़ रुपए की लागत से साइकिल ट्रैक तैयार करने की योजना है. इस योजना को लेकर मुख्य विपक्षी दल भाजपा के पार्षदों ने विरोध दर्ज कराया है. भाजपा पार्षदों का कहना है कि शहर में पहले से मूलभूत समस्याएं हैं, लेकिन इन समस्याओं को दूर करने के बजाए इतनी भारी-भरकम रकम साइकिल ट्रैक के लिए खर्चे की जा रही है, जबकि इससे कहीं ज्यादा जरूरी मूलभूत समस्याएं दूर करना है. नगर निगम इस मामले में ध्यान नहीं दे रहा है, और स्मार्ट सिटी लिमिटेड पैसों को व्यर्थ में खर्च कर रहा है. पार्षदों के विरोध के बाद एमआईसी मेंबर इसे सही बताते हुए स्मार्ट सिटी द्वारा किए जा रहे कार्य को अपना समर्थन दे दिए.