दंतेवाड़ा: नक्सलियों के सुरक्षित पुनर्वास के लिए दंतेवाड़ा में लोन वर्राटू अभियान चलाया गया है. लोन वर्राटू का मतलब होता है घर वापस आईए. लोन वर्राटू अभियान के तहत अबतक दंतेवाड़ा जिले में 212 माओादियों ने आत्मसमर्पण किया है. मंगलवार को एक बार फिर तीन इनामी नक्सलियों ने पुलिस के सामने हथियार डाल दिए. सरेंडर करने वालों में दरभा डिवीजन डीवीसीएम सुरक्षा दलम का सदस्य और सेक्शन डिप्टी कमांडर कुमारी मासे माड़वी शामिल है. 22 साल की कुमारी मासे माड़वी कटेकल्याण थाना क्षेत्र के माड़गादम की रहने वाली है. शासन ने मासे पर 3 लाख का इनाम रखा था.
3 हार्डकोर माओवादियों का सरेंडर: सरेंडर करने वालों में नेलनार एलओएस सदस्य रामबती कुंजाम भी शामिल है. 25 साल की राबमती कुंजाम मिरतुर थाना इलाके के मुरिया गांव की रहने वाली है. पुलिस ने राबमती कुंजाम पर 2 लाख का इनाम घोषित किया था. सरेंडर करने वाले तीसरे नक्सली का नाम देवा उर्फ नरेश है जो वेड़मा आरपीसी जनताना सरकार का अध्यक्ष रहा है. 45 साल का देवा जगरगुंडा का रहने वाला है. देवा पर 1 लाख का इनाम घोषित था.
लोन वर्राटू अभियान: तीनों माओवादियों ने लोन वर्राटू अभियान के तहत हिंसा का रास्ता छोड़ समाज की मुख्यधारा में शामिल होने का फैसला किया. पुलिस अधीक्षक गौरव राय ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से चलाई जा रही आत्मसमर्पण पुनर्वास नीति के तहत आत्मसमर्पित नक्सलियों को 25 हजार की सहायता राशि दी जा रही है. इसके साथ ही बाकी की जो सुविधाएं हैं वो भी मिल रही है. इन सबके अलावा हर महीने 10 हजार की आर्थिक मदद सरेंडर करने वाले माओवादियों को मिल रही है. तीन साल तक मुफ्त आवास और भोजन की सुविधा के साथ स्किल डवलपेंट, कृषि योग्य भूमि भी दी जा रही है. लोन वर्राटू अभियान के तहत अबतक 212 नक्सलियों सहित कुल 892 माओवादी सरेंडर कर समाज की मुख्यधारा में शामिल हो चुके हैं.