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बिलासपुर: कानन जू पहुंचे दो मादा हिप्पो, पर्यटकों में उत्साह - Two female Hippopotamus Kanan Zoo arrived from Bhubaneswar

बिलासपुर के कानन पेंडारी जू में चार महीने बाद भुवनेश्वर से दो मादा हिप्पोपोटामस को लाया गया. पर्यटकों में हिप्पो को देखने का उत्साह दिखा.

Female hippopotamus
मादा हिप्पोपोटामस
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Published : Feb 27, 2021, 3:01 PM IST

Updated : Feb 27, 2021, 4:50 PM IST

बिलासपुर: कानन पेंडारी जू की टीम ने चार महीने बाद भुवनेश्वर से दो मादा हिप्पोपोटामस को लेकर कानन जू में सफलता पूर्वक पहुंचाया. दोनों मादा हिप्पोपोटामस को लाकर एक अलग बाड़े में एक महीने के लिए क्वारेंटाइन कर रखा गया है.

हिप्पो देखने के लिए पर्यटकों में उत्साह
कुछ महीने पहले एक हिप्पोपोटामस और शेर की मौत होने के कारण कानन जू में वन्यजीवों की कमी देखने को मिल रही थी. जिसे देखते हुए वनमंडलाधिकारी के निर्देश पर भुवनेश्वर से दो हिप्पोपोटामस लाने की पहल की गई. इस पहल के बाद एक बार फिर कानन जू में अलग-अलग वन्यजीव नजर आएंगे. दो मादा हिप्पोपोटामस के आने से जू में आने वाले पर्यटकों का उत्साह देखने को मिल रहा है.

बर्ड फ्लू के मद्देनजर कानन पेंडारी में किए गए विशेष इंतजाम

जल्द करेंगे दो मादा हिप्पोपोटामस का नामकरण
कानन जू की टीम ने 600 किलोमीटर की दूरी तय कर सुरक्षित दो मादा हिप्पोपोटामस को जू में पहुंचाया है. जिसमें एक की उम्र तीन साल और दूसरे की पांच साल है. दोनों मादा हिप्पोपोटमस का जल्दी ही नामकरण किया जाना है.

बिलासपुर: कानन पेंडारी जू की टीम ने चार महीने बाद भुवनेश्वर से दो मादा हिप्पोपोटामस को लेकर कानन जू में सफलता पूर्वक पहुंचाया. दोनों मादा हिप्पोपोटामस को लाकर एक अलग बाड़े में एक महीने के लिए क्वारेंटाइन कर रखा गया है.

हिप्पो देखने के लिए पर्यटकों में उत्साह
कुछ महीने पहले एक हिप्पोपोटामस और शेर की मौत होने के कारण कानन जू में वन्यजीवों की कमी देखने को मिल रही थी. जिसे देखते हुए वनमंडलाधिकारी के निर्देश पर भुवनेश्वर से दो हिप्पोपोटामस लाने की पहल की गई. इस पहल के बाद एक बार फिर कानन जू में अलग-अलग वन्यजीव नजर आएंगे. दो मादा हिप्पोपोटामस के आने से जू में आने वाले पर्यटकों का उत्साह देखने को मिल रहा है.

बर्ड फ्लू के मद्देनजर कानन पेंडारी में किए गए विशेष इंतजाम

जल्द करेंगे दो मादा हिप्पोपोटामस का नामकरण
कानन जू की टीम ने 600 किलोमीटर की दूरी तय कर सुरक्षित दो मादा हिप्पोपोटामस को जू में पहुंचाया है. जिसमें एक की उम्र तीन साल और दूसरे की पांच साल है. दोनों मादा हिप्पोपोटमस का जल्दी ही नामकरण किया जाना है.

Last Updated : Feb 27, 2021, 4:50 PM IST
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