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त्योहारी सीजन में घटी फूल की मांग, ग्राहकों की कमी से मुरझाये व्यापारियों के चेहरे

बिलासपुर (Bilaspur) के फूल मंडी (Flower market) में ग्राहकों (Customers) की कमी के कारण फूल मंडी (Flower market) बेजार पड़ा हुआ है. दरअसल, कोरोना (Corona) के डर से लोग फूल खरीदने नहीं आ रहे हैं. यही कारण है कि त्यौहारी सीजन (Festive season) होने के बावजूद फूल व्यापारियों (Flower merchants) के चेहरे मुरझाये हुए हैं.

The demand for flowers decreased in the festive season
त्यौहारी सीजन में फूल की मांग हुई कम
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Published : Oct 14, 2021, 2:58 PM IST

बिलासपुरः छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बिलासपुर (Bilaspur) में त्यौहारी सीजन (Festive season) की धूम जरूर है, लेकिन लोग अब भी कोरोना महामारी (Corona pandemic) के डर से बाहर निकलने से किनारा कर रहे हैं. यही कारण है कि बिलासपुर में फूल बाजार (Flower market) से रौनक गायब सी हो गई है. वहीं, नवरात्र (Navratri) में फूल व्यापारियों (Flower merchants)को उम्मीद है कि शायद त्योहारी सीजन में उनका धंधा चलेगा और फूलों की डिमांड बढ़ेगी. बता दें कि दुर्गा पूजा में वैसे भी पंडाल (Pandal) और देवी (Devi) की साज-सज्जा फूलों से की जाती है. यही कारण है कि फूल व्यापारियों को त्योहारी सीजन में धंधा चलने की उम्मीद थी, लेकिन अब इससे भी व्यापारियों को कोई खास खुशी नहीं मिल पा रही है.

ग्राहकों की कमी से मुरझाये फूल व्यापारियों के चेहरे

साल भर रहती है फूलों की डिमांड

बता दें कि फूलों (Flower) की मांग पूरे साल भर रहती है और तरह-तरह के फूल अलग-अलग उपयोग में आते हैं. शादी सीजन में स्टेज सजावट से लेकर कार सजावट और दूल्हा-दुल्हन के साथ ही बारातियों का स्वागत फूल माला पहनाकर किया जाता है. इसके अलावा मंदिरों में पूजा-अर्चना के काम में भी फूलों का काफी महत्व है. खासकर त्यौहारों में देवी-देवताओं को लोग फूल चढ़ाकर मन्नतें मांगते हैं. साथ ही कई राजनीतिक और समाजिक कार्यक्रमों में फूलों का विशेष महत्व होता है.

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हर शुभ काम में फूल है अहम

भारत में हर शुभ काम के दौरान फूलों की भूमिका अहम मानी गई है और यही कारण है कि फूल बाजार पूरे देश में 12 महीना चलने वाला धंधा माना जाता है. हालांकि महामारी ने अब इस धंधे को भी पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है. बाजार में वैसे तो सैकड़ों किस्म की फूल मौजूद है और फूलों का बाजार फूलों से पूरी तरह गुलजार है. हालांकि अभी फूल मंडी में व्यापारियों को ग्राहक का इंतजार है. दरअसल कोरोना के डर से अभी भी लोग घरों में ही पूजा कर रहे है.

कोरोना के डर से लोगों ने बाजार से बनाई दूरी

वहीं, जब ईटीवी भारत ने फूल के व्यापारियों से त्यौहारी सीजन में चल रहे धंधे को लेकर बातचीत की तो व्यापारियों ने बताया कि कोरोना में तो धंधा पहले ही खराब हो गया था. लेकिन इस बार कोरोना की गाइडलाइन की वजह से नवरात्रि पर्व में श्रद्धालु खुलकर बाजार की ओर नहीं आए. इसके अलावा मंदिरों में भी श्रद्धालुओं की संख्या कम रही. अगर ऐसा ही चलता रहा तो फूल बाजार पूरी तरह से ठप्प पड़ जाएगा. अगर ग्राहक नहीं आये तो ये फूल का बाजार गुलजार होने के बजाए मुरझा जाएगा.

कोलकाता से आते है फूल

साथ ही व्यापारियों ने बताया कि बिलासपुर में फूल ज्यादातर कोलकाता से आते हैं इसके अलावा नागपुर से भी फूलों की आवक है. लेकिन ज्यादा वैरायटी और अच्छे किस्म के फूल कोलकाता से ही मंगाया जाता है. कोलकाता से ट्रेनों के माध्यम से फूल बाजार तक पहुच रहे है. अधिक कीमत में व्यापारियों को फिलहाल फूल मिलती है. इसलिए ग्राहकों को भी अधिक कीमत देना पड़ रहा है. ये भी एक कारण है कि फूलों के महंगे होने से इसकी डिमांड में कमी आई है.

नवरात्र के बाद अब दीपावली का इंतजार

फूल का बाजार हर मौसम में गुलजार रहता था. हालांकि कोरोना ने हर व्यापार की कमर तोड़ रखी है. ऐसे में अब नवरात्र के बाद लोगों को दीपावली का इंतजार है. क्योंकि व्यापारियों का मानना है कि दीपावली में लोगों में फूल की डिमांड काफी अधिक होती है. एसे में शायद व्यापारियों को दीपावली कुछ राहत मिल जाए.

बिलासपुरः छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बिलासपुर (Bilaspur) में त्यौहारी सीजन (Festive season) की धूम जरूर है, लेकिन लोग अब भी कोरोना महामारी (Corona pandemic) के डर से बाहर निकलने से किनारा कर रहे हैं. यही कारण है कि बिलासपुर में फूल बाजार (Flower market) से रौनक गायब सी हो गई है. वहीं, नवरात्र (Navratri) में फूल व्यापारियों (Flower merchants)को उम्मीद है कि शायद त्योहारी सीजन में उनका धंधा चलेगा और फूलों की डिमांड बढ़ेगी. बता दें कि दुर्गा पूजा में वैसे भी पंडाल (Pandal) और देवी (Devi) की साज-सज्जा फूलों से की जाती है. यही कारण है कि फूल व्यापारियों को त्योहारी सीजन में धंधा चलने की उम्मीद थी, लेकिन अब इससे भी व्यापारियों को कोई खास खुशी नहीं मिल पा रही है.

ग्राहकों की कमी से मुरझाये फूल व्यापारियों के चेहरे

साल भर रहती है फूलों की डिमांड

बता दें कि फूलों (Flower) की मांग पूरे साल भर रहती है और तरह-तरह के फूल अलग-अलग उपयोग में आते हैं. शादी सीजन में स्टेज सजावट से लेकर कार सजावट और दूल्हा-दुल्हन के साथ ही बारातियों का स्वागत फूल माला पहनाकर किया जाता है. इसके अलावा मंदिरों में पूजा-अर्चना के काम में भी फूलों का काफी महत्व है. खासकर त्यौहारों में देवी-देवताओं को लोग फूल चढ़ाकर मन्नतें मांगते हैं. साथ ही कई राजनीतिक और समाजिक कार्यक्रमों में फूलों का विशेष महत्व होता है.

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हर शुभ काम में फूल है अहम

भारत में हर शुभ काम के दौरान फूलों की भूमिका अहम मानी गई है और यही कारण है कि फूल बाजार पूरे देश में 12 महीना चलने वाला धंधा माना जाता है. हालांकि महामारी ने अब इस धंधे को भी पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है. बाजार में वैसे तो सैकड़ों किस्म की फूल मौजूद है और फूलों का बाजार फूलों से पूरी तरह गुलजार है. हालांकि अभी फूल मंडी में व्यापारियों को ग्राहक का इंतजार है. दरअसल कोरोना के डर से अभी भी लोग घरों में ही पूजा कर रहे है.

कोरोना के डर से लोगों ने बाजार से बनाई दूरी

वहीं, जब ईटीवी भारत ने फूल के व्यापारियों से त्यौहारी सीजन में चल रहे धंधे को लेकर बातचीत की तो व्यापारियों ने बताया कि कोरोना में तो धंधा पहले ही खराब हो गया था. लेकिन इस बार कोरोना की गाइडलाइन की वजह से नवरात्रि पर्व में श्रद्धालु खुलकर बाजार की ओर नहीं आए. इसके अलावा मंदिरों में भी श्रद्धालुओं की संख्या कम रही. अगर ऐसा ही चलता रहा तो फूल बाजार पूरी तरह से ठप्प पड़ जाएगा. अगर ग्राहक नहीं आये तो ये फूल का बाजार गुलजार होने के बजाए मुरझा जाएगा.

कोलकाता से आते है फूल

साथ ही व्यापारियों ने बताया कि बिलासपुर में फूल ज्यादातर कोलकाता से आते हैं इसके अलावा नागपुर से भी फूलों की आवक है. लेकिन ज्यादा वैरायटी और अच्छे किस्म के फूल कोलकाता से ही मंगाया जाता है. कोलकाता से ट्रेनों के माध्यम से फूल बाजार तक पहुच रहे है. अधिक कीमत में व्यापारियों को फिलहाल फूल मिलती है. इसलिए ग्राहकों को भी अधिक कीमत देना पड़ रहा है. ये भी एक कारण है कि फूलों के महंगे होने से इसकी डिमांड में कमी आई है.

नवरात्र के बाद अब दीपावली का इंतजार

फूल का बाजार हर मौसम में गुलजार रहता था. हालांकि कोरोना ने हर व्यापार की कमर तोड़ रखी है. ऐसे में अब नवरात्र के बाद लोगों को दीपावली का इंतजार है. क्योंकि व्यापारियों का मानना है कि दीपावली में लोगों में फूल की डिमांड काफी अधिक होती है. एसे में शायद व्यापारियों को दीपावली कुछ राहत मिल जाए.

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