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बिलासपुर में 5 साल के अरमान ने यूं तोड़ा अपना ही रिकॉर्ड

बिलासपुर में 5 साल के अरमान ने अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया (Armaan of Bilaspur broke his own record ) है. अरमान 2 से 40 तक का पहाड़ा ऐसे पढ़ता है मानों एबीसीडी पढ़ रहा है. अरमान खेल-खेल में गणित के सवालों को हल करता है.

Armaan of Bilaspur
बिलासपुर के अरमान
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Published : Jun 10, 2022, 12:54 AM IST

बिलासपुर: बड़े तो बड़े अब बच्चे भी किसी से कम नहीं. बिलासपुर के अरमान ने महज तीन माह के अंतराल में अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया (Armaan of Bilaspur broke his own record) है. अरमान ने गुणांक में सबसे कम समय में सवाल को हल करने का रिकॉर्ड तोड़ा है. लंदन के हावर्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड में अरमान को सबसे कम उम्र के बच्चे की कैटेगरी में रखा गया है, जो 2 से 40 तक का पहाड़ा आसानी से याद कर सुना लेता है. इतने छोटे बच्चे के बड़े कारनामे ने अपने परिवार का नाम रौशन किया है.

कम्प्यूटर के तरह चलता है अरमान का दिमाग: दरअसल, छत्तीसगढ़ बिलासपुर के तोरवा के रहने वाले मनीष और शायना उभरानी का पांच साल का बेटा अरमान गणित के सवालों को ऐसे हल करता है... मानों कोई गणित के जानकार सवाल को हल कर रहा हो. अरमान का दिमाग कम्प्यूटर की तरह चलता है. वह तीन माह पहले इसी रिकॉर्ड को 2 से 26 तक का टेबल मुहजुबानी याद कर रिकॉर्ड दर्ज किया था. अब अरमान ने 2 से 40 तक के पहाड़ा याद कर सुनने के लिए नया रिकॉर्ड कायम कर खुद का ही रिकॉर्ड तोड़ दिया है. अरमान की इस उपलब्धि से उसके परिवार वाले भी गर्वित हैं.

अरमान ने यूं तोड़ा अपना ही रिकॉर्ड

तीन बड़े रिकॉर्ड अपने नाम किये: अरमान के इसी गुण के कारण उसने तीन बड़े रिकॉर्ड पहले ही अपने नाम कर रखे हैं.अरमान ने 5 साल की उम्र में पहले दो वर्ल्ड रिकार्ड और इंडिया रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया था. अब हॉवर्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम किया है. अरमान उभरानी के इस प्रतिभा को देखकर साल 2022 में इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड के साथ ही लंडन के हावर्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड से नवाजा गया है. इस अवार्ड के साथ ही वह सबसे कम उम्र में गणित के गुणांक को हल करने वाला बन गया है. अरमान जैसे दूसरे बच्चे जिस उम्र में खेलना और सही ढंग से बोलना तक नहीं सीख पाते.... उस उम्र में अरमान गणित के सवालों को आसानी से हल करता है.



खेल-खेल में पढ़ता है टेबल: बता दें कि अरमान को 2 से 40 तक का टेबल ऐसे याद है जैसे मानो इस उम्र के बच्चो को a से z तक कोई याद कराया हो. अरमान की मां सायना उभरानी ने इस विषय में ईटीवी भारत को बताया, "अरमान को जब वो पढ़ाना शुरू किए तो देखा कि वो गणित के सवालों पर ज्यादा ध्यान देता है. खास कर गुणांक के सवालों को वह इंटरेस्ट लेकर हल करता है. वह खेल-खेल में टेबल पढ़ता है और गणित से जुड़े सवाल बार-बार उनसे पूछता है. पूरे समय अरमान गणित की बात करता है. हर खेल में गणित के सूत्र बोलता रहता है. जब उससे पूछा जाता है कि बड़े होकर क्या करोगे? तो वो रोबोट बनाने की बात करता है. अभी तो वो बच्चा है इसलिए बोलता है, लेकिन देखेंगे कि आगे वो क्या करता है. अरमान जो भी आगे करना चाहेगा उसे हम वही कराएंगे. उस पर कोई प्रेशर नहीं देंगे."

यह भी पढ़ेंः Bilaspur Wonder Boy Armaan Ubhrani : सेकेंडों में हल करता है मैथ्स के सवाल, कई रिकॉर्ड किए अपने नाम


विलक्षण प्रतिभा का धनी अरमान: अरमान के पिता पेसे से दाल मिल संचालक हैं और वो बैडमिंटन के नेशनल खिलाड़ी भी हैं. इस विषय में अरमान के पिता कहते हैं, " शुरुआत में तो अरमान की इस प्रतिभा पर हमने ध्यान ही नहीं दिया, लेकिन बाद में जब अरमान की मां ने बताया कि मेरे बेटा के अंदर यह प्रतिभा बढ़ रही है. तब मैं भी उस पर ध्यान देने लगा. अरमान के रिकॉर्ड होल्डर होने और उसकी इस प्रतिभा को उभारने का पूरा श्रेय उसकी मां सायना को जाता है. अपने रिकॉर्ड और अचीवमेंट को मैं कम मानता हूं. क्योंकि मेरा बेटा आज मुझे एक नई पहचान दे रहा है. मुझे बेहद खुशी है कि मेरा बेटा विलक्षण प्रतिभा का धनी है."

84 सवालों को महज 16 मिनट में किया हल: अरमान के इस अचीवमेंट को लेकर पूरा परिवार खुश है. उसके दादा-दादी और माता-पिता का कहना है कि उन्हें उनके बेटे और बहू पोते पर नाज है. वह दोनों ही बैडमिंटन के नेशनल प्लेयर हैं. लेकिन वह कहते हैं कि अब उनका पोता उन सबसे बढ़कर है. उसकी वजह से समाज सहित शहर और प्रदेश में उनका नाम रौशन हो रहा है. जिस उम्र में दूसरे बच्चे एबीसीडी सीखते है और स्कूल जाना शुरू करते है...उस उम्र में उनके पोते ने उन्हें पूरे शहर में नई पहचान बना ली है. अरमान के दादा का कहना है कि उनके पोते ने जो नाम और शोहरत उन्हें दी है उससे वे काफी खुश हैं.

कैसे बने थे अरमान के पहले रिकॉर्ड: अरमान का रिकॉर्ड है कि उसने गणित के गुणांक को मिनटों में हल करने की क्षमता रखते हुए ऑनलाइन कॉम्पिटिशन में 2 से 20 तक के टेबल को 8 मिनट 3 सेकंड में हल करके हावर्ड वर्ल्ड रिकार्ड में अपना नाम दर्ज किया है. अरमान ने इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड के लिए ऑनलाइन ली गई परीक्षा में गणित के 86 प्रश्नों को मात्र 16 मिनट में हल कर वर्ल्ड रिकार्ड पर कब्जा जमा लिया था. यही नहीं अरमान ने 100 गुणांक को 3 गुणा कर मात्र 12 मिनट 8 सेकंड में हल करके अपने ही पहले के रिकार्ड को तोड़ने में कामयाबी हासिल कर ली है. महज 5 साल के बच्चे अरमान ने 3-3 रिकॉर्ड अपने नाम किया था. अब एक और रिकॉर्ड कायम कर उसने अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया है.

बिलासपुर: बड़े तो बड़े अब बच्चे भी किसी से कम नहीं. बिलासपुर के अरमान ने महज तीन माह के अंतराल में अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया (Armaan of Bilaspur broke his own record) है. अरमान ने गुणांक में सबसे कम समय में सवाल को हल करने का रिकॉर्ड तोड़ा है. लंदन के हावर्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड में अरमान को सबसे कम उम्र के बच्चे की कैटेगरी में रखा गया है, जो 2 से 40 तक का पहाड़ा आसानी से याद कर सुना लेता है. इतने छोटे बच्चे के बड़े कारनामे ने अपने परिवार का नाम रौशन किया है.

कम्प्यूटर के तरह चलता है अरमान का दिमाग: दरअसल, छत्तीसगढ़ बिलासपुर के तोरवा के रहने वाले मनीष और शायना उभरानी का पांच साल का बेटा अरमान गणित के सवालों को ऐसे हल करता है... मानों कोई गणित के जानकार सवाल को हल कर रहा हो. अरमान का दिमाग कम्प्यूटर की तरह चलता है. वह तीन माह पहले इसी रिकॉर्ड को 2 से 26 तक का टेबल मुहजुबानी याद कर रिकॉर्ड दर्ज किया था. अब अरमान ने 2 से 40 तक के पहाड़ा याद कर सुनने के लिए नया रिकॉर्ड कायम कर खुद का ही रिकॉर्ड तोड़ दिया है. अरमान की इस उपलब्धि से उसके परिवार वाले भी गर्वित हैं.

अरमान ने यूं तोड़ा अपना ही रिकॉर्ड

तीन बड़े रिकॉर्ड अपने नाम किये: अरमान के इसी गुण के कारण उसने तीन बड़े रिकॉर्ड पहले ही अपने नाम कर रखे हैं.अरमान ने 5 साल की उम्र में पहले दो वर्ल्ड रिकार्ड और इंडिया रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया था. अब हॉवर्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम किया है. अरमान उभरानी के इस प्रतिभा को देखकर साल 2022 में इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड के साथ ही लंडन के हावर्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड से नवाजा गया है. इस अवार्ड के साथ ही वह सबसे कम उम्र में गणित के गुणांक को हल करने वाला बन गया है. अरमान जैसे दूसरे बच्चे जिस उम्र में खेलना और सही ढंग से बोलना तक नहीं सीख पाते.... उस उम्र में अरमान गणित के सवालों को आसानी से हल करता है.



खेल-खेल में पढ़ता है टेबल: बता दें कि अरमान को 2 से 40 तक का टेबल ऐसे याद है जैसे मानो इस उम्र के बच्चो को a से z तक कोई याद कराया हो. अरमान की मां सायना उभरानी ने इस विषय में ईटीवी भारत को बताया, "अरमान को जब वो पढ़ाना शुरू किए तो देखा कि वो गणित के सवालों पर ज्यादा ध्यान देता है. खास कर गुणांक के सवालों को वह इंटरेस्ट लेकर हल करता है. वह खेल-खेल में टेबल पढ़ता है और गणित से जुड़े सवाल बार-बार उनसे पूछता है. पूरे समय अरमान गणित की बात करता है. हर खेल में गणित के सूत्र बोलता रहता है. जब उससे पूछा जाता है कि बड़े होकर क्या करोगे? तो वो रोबोट बनाने की बात करता है. अभी तो वो बच्चा है इसलिए बोलता है, लेकिन देखेंगे कि आगे वो क्या करता है. अरमान जो भी आगे करना चाहेगा उसे हम वही कराएंगे. उस पर कोई प्रेशर नहीं देंगे."

यह भी पढ़ेंः Bilaspur Wonder Boy Armaan Ubhrani : सेकेंडों में हल करता है मैथ्स के सवाल, कई रिकॉर्ड किए अपने नाम


विलक्षण प्रतिभा का धनी अरमान: अरमान के पिता पेसे से दाल मिल संचालक हैं और वो बैडमिंटन के नेशनल खिलाड़ी भी हैं. इस विषय में अरमान के पिता कहते हैं, " शुरुआत में तो अरमान की इस प्रतिभा पर हमने ध्यान ही नहीं दिया, लेकिन बाद में जब अरमान की मां ने बताया कि मेरे बेटा के अंदर यह प्रतिभा बढ़ रही है. तब मैं भी उस पर ध्यान देने लगा. अरमान के रिकॉर्ड होल्डर होने और उसकी इस प्रतिभा को उभारने का पूरा श्रेय उसकी मां सायना को जाता है. अपने रिकॉर्ड और अचीवमेंट को मैं कम मानता हूं. क्योंकि मेरा बेटा आज मुझे एक नई पहचान दे रहा है. मुझे बेहद खुशी है कि मेरा बेटा विलक्षण प्रतिभा का धनी है."

84 सवालों को महज 16 मिनट में किया हल: अरमान के इस अचीवमेंट को लेकर पूरा परिवार खुश है. उसके दादा-दादी और माता-पिता का कहना है कि उन्हें उनके बेटे और बहू पोते पर नाज है. वह दोनों ही बैडमिंटन के नेशनल प्लेयर हैं. लेकिन वह कहते हैं कि अब उनका पोता उन सबसे बढ़कर है. उसकी वजह से समाज सहित शहर और प्रदेश में उनका नाम रौशन हो रहा है. जिस उम्र में दूसरे बच्चे एबीसीडी सीखते है और स्कूल जाना शुरू करते है...उस उम्र में उनके पोते ने उन्हें पूरे शहर में नई पहचान बना ली है. अरमान के दादा का कहना है कि उनके पोते ने जो नाम और शोहरत उन्हें दी है उससे वे काफी खुश हैं.

कैसे बने थे अरमान के पहले रिकॉर्ड: अरमान का रिकॉर्ड है कि उसने गणित के गुणांक को मिनटों में हल करने की क्षमता रखते हुए ऑनलाइन कॉम्पिटिशन में 2 से 20 तक के टेबल को 8 मिनट 3 सेकंड में हल करके हावर्ड वर्ल्ड रिकार्ड में अपना नाम दर्ज किया है. अरमान ने इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड के लिए ऑनलाइन ली गई परीक्षा में गणित के 86 प्रश्नों को मात्र 16 मिनट में हल कर वर्ल्ड रिकार्ड पर कब्जा जमा लिया था. यही नहीं अरमान ने 100 गुणांक को 3 गुणा कर मात्र 12 मिनट 8 सेकंड में हल करके अपने ही पहले के रिकार्ड को तोड़ने में कामयाबी हासिल कर ली है. महज 5 साल के बच्चे अरमान ने 3-3 रिकॉर्ड अपने नाम किया था. अब एक और रिकॉर्ड कायम कर उसने अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया है.

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