बिलासपुर: छत्तीसगढ़ में ओमीक्रोन के पहले (First case of Omicron variant in Chhattisgarh) मामले की पुष्टि हुई है. बिलासपुर में एक मरीज ओमीक्रोन पॉजिटिव निकल गया है. गोल बाजार गोंड़पारा निवासी परिवार में 52 वर्षीय बुजुर्ग के ओमीक्रोन संक्रमित होने की पुष्टि हुई है.
संयुक्त अरब अमीरात के दुबई से परिवार में चार सदस्य चार दिसंबर को बिलासपुर वापस लौटे थे. इसमें से दो को कोरोना संक्रमित पाया गया था. इनकी सैंपल जीनोम सिक्वेंसिंग जांच (WGS) के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज भुवनेश्वर भेजा गया था. जहां से बुजुर्ग के ओमीक्रोन संक्रमित होने की (Omicron B.1.1529) की पुष्टि की गई है. इससे बिलासपुर में लोगों के बीच हड़कंप मच गया है.
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दुबई से लौटा था परिवार
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार उक्त बुजुर्ग नागरिक ने दुबई में कोरोना वायरस की जांच करवाई थी. जहां उसका रिपोर्ट निगेटिव आया था. इसके बाद उसने दिल्ली एयरपोर्ट (Delhi Airport) पर भी जांच करवाया. इसके बाद वह बिलासपुर पहुंचा. बिलासपुर में भी उनकी 8 दिसंबर को कोविड की जांच (covid test) हुई. दंपत्ति ने बिलासपुर आते ही स्वास्थ्य विभाग से संपर्क किया था और स्वास्थ्य विभाग ने उन्हें होम आइसोलेट (home isolate) होने की सलाह दी थी. इसके बाद 8 दिसंबर को लिए गए जांच सैंपल में दो लोग कोरोना वायरस से ग्रसित पाए गए. 52 वर्षीय बुजुर्ग की रिपोर्ट रिजेक्ट होने पर 14 तारीख को फिर से जांच के लिए सैंम्पल भुनेश्वर भेजा गया.
भुनेश्वर से रिपोर्ट आने पर बुजुर्ग में ओमीक्रोन की पुष्टि हो गई. इस मामले में स्वास्थ्य विभाग उन्हें घर में रहने की सलाह दे रहा है और आवश्यक एहतियात बरतने की सलाह दी गई है. स्वास्थ्य विभाग के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रमोद महाजन ने बताया कि इस समय दुबई से लौटा परिवार स्वस्थ है और सिम्टम्स भी कुछ नजर नहीं आ रहा है. फिर भी वह गाइडलाइन के मुताबिक आवश्यक दिशा-निर्देश के साथ एहतियात बरतने की बात संक्रमित परिवार से कहे हैं. होम आइसोलेट के निर्देश दिए गए हैं.
स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही, बरप सकता है छत्तीसगढ़ में ओमीक्रोन का कहर
बिलासपुर के जिस इलाके में यह सदस्य ओमीक्रोन पॉजिटिव (omicron positive) पाया गया है, वहां उसके घर में सुबह से शाम तक एक गोदाम में काम चल रहा था. कई लोगों का यहां आना-जाना बना हुआ था. इस पूरे मामले में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही भी सामने आई है. अभी तक यहां स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी नहीं पहुंच सके हैं. परिवारवालों को भी कोई हिदायत नहीं दी गई है. इस पूरे मामले में लगातार स्वास्थ्य विभाग पर सवाल उठ रहे हैं. दुबई से लौटे परिवार की महिला सदस्य ने स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया. महिला ने कहा कि जब वह 4 दिसंबर को बिलासपुर आए थे तभी स्वास्थ्य विभाग में कोरोना के नोडल अधिकारी सौरव शर्मा से संपर्क किया गया. कोरोना जांच के लिए कहा गया.
कोरोना जांच के बाद उनका रिपोर्ट पॉजिटिव आया. जिसके बाद वह होम आइसोलेट हुईं. उनके पिता की ओमीक्रोंन रिपोर्ट इतने समय बाद आना स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही है. क्योंकि यदि उनके परिवार के एक सदस्य में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमीक्रोन की पुष्टि हुई है तो अब तक तो वह शहर के कई लोगों को इनफैक्ट कर चुके होंगे. दूसरी ओर, जिले में ओमीक्रोन का मामला मिलने के बाद शहर के लोगों में दहशत का माहौल बन गया है. एक महीने पहले आए ओमीक्रोन के संक्रमित मरीज ने शहर में कितने लोगों को संपर्क में लिया और कितने संक्रमित हुए, स्वास्थ्य विभाग के पास इसका किसी प्रकार का डाटा नहीं है. विभाग इसकी जानकारी लेने की भी किसी प्रकार की कोशिश नहीं कर रहा है.