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बिलासपुर: जांच के घेरे में EOW और ACB, अधिकारियों के खिलाफ FIR - बिलासपुर एसपी रजनेश सिंह

सिंचाई अफसर आलोक अग्रवाल के घर छापेमारी के प्रकरण में ईओडब्ल्यू-एसीबी का अमला जांच के घेरे में आ गया है. इस पर बिलासपुर सीजेएम (Chief Judicial Magistrate) ने ईओडब्ल्यू और एसीबी के अधिकारियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है.

FIR on EOW and ACB officers
सिविल लाईन थाना, बिलासपुर
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Published : Nov 9, 2020, 5:56 PM IST

Updated : Nov 9, 2020, 7:40 PM IST

बिलासपुर: पांच साल पहले सिंचाई अफसर आलोक अग्रवाल के घर छापेमारी के प्रकरण में ईओडब्ल्यू-एसीबी का अमला जांच के घेरे में आ गया है. सीजेएम (Chief Judicial Magistrate) के आदेश पर सिविल लाइन पुलिस ने रायपुर के एसीबी अधिकारियों के खिलाफ चोरी, धोखाधड़ी और दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ का प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

EOW और ACB के अधिकारियों के खिलाफ FIR

साल 2014 में ईओडब्ल्यू (Economic Offences Wing) और एसीबी (Anti corruption Bureau) ने सिंचाई विभाग के कार्यपालन यंत्री आलोक अग्रवाल के ठिकाने पर छापेमारी की थी. आलोक अग्रवाल के साथ ही उनके भाई पवन अग्रवाल और परिवार के लोगों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया गया था. जिसमें आलोक अग्रवाल की गिरफ्तारी भी हुई थी. इस मामले में आलोक अग्रवाल के परिजनों ने ईओडब्ल्यू-एसीबी की कार्रवाई पर सवाल खड़े करते हुए गंभीर आरोप लगाए थे. परिजनों का आरोप था कि आलोक अग्रवाल के साथ-साथ उनके परिवार के लोगों की संपत्ति और सामान को अवैध कमाई का बताकर जब्त किया गया है. जबकि उनका पुश्तैनी व्यवसाय है.

रायपुर: दस्तावेजों की अदला-बदली कर फाइनेंस कंपनी से धोखाधड़ी, अपराध दर्ज

रजनेश सिंह के नेतृत्व में हुई थी कार्रवाई

परिजनों ने ये भी आरोप लगाया था कि जांच के दौरान कई सामान गायब हो गए थे. साथ ही दस्तावेजों के साथ भी छेड़छाड़ की गई थी. परिजनों का कहना था कि फर्जी दस्तावेज तैयार कर पवन अग्रवाल और अन्य लोगों को फंसाया गया. यह सब कार्रवाई तत्कालीन आईजी मुकेश गुप्ता और एसपी रजनेश सिंह के नेतृत्व में हुई थी. परिजनों ने इस पूरे मामले की कई जगह शिकायत की थी. कोई कार्रवाई न होने पर न्यायालय में परिवाद भी दायर किया गया था.

अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज होने की बात

बिलासपुर सीजेएम ने इस पूरे मामले को गंभीर माना है. इसके लिए कोर्ट ने कार्रवाई के आदेश दिए हैं. कोर्ट के आदेश पर सिविल लाइन पुलिस ने रजनेश सिंह और अन्य के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. हालांकि पुलिस अभी मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने की बात कह रही है. मामले में अधिकारियों ने अपने खिलाफ दर्ज हुए एफआईआर (FIR) के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका भी दायर कर दी है.

बिलासपुर: पांच साल पहले सिंचाई अफसर आलोक अग्रवाल के घर छापेमारी के प्रकरण में ईओडब्ल्यू-एसीबी का अमला जांच के घेरे में आ गया है. सीजेएम (Chief Judicial Magistrate) के आदेश पर सिविल लाइन पुलिस ने रायपुर के एसीबी अधिकारियों के खिलाफ चोरी, धोखाधड़ी और दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ का प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

EOW और ACB के अधिकारियों के खिलाफ FIR

साल 2014 में ईओडब्ल्यू (Economic Offences Wing) और एसीबी (Anti corruption Bureau) ने सिंचाई विभाग के कार्यपालन यंत्री आलोक अग्रवाल के ठिकाने पर छापेमारी की थी. आलोक अग्रवाल के साथ ही उनके भाई पवन अग्रवाल और परिवार के लोगों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया गया था. जिसमें आलोक अग्रवाल की गिरफ्तारी भी हुई थी. इस मामले में आलोक अग्रवाल के परिजनों ने ईओडब्ल्यू-एसीबी की कार्रवाई पर सवाल खड़े करते हुए गंभीर आरोप लगाए थे. परिजनों का आरोप था कि आलोक अग्रवाल के साथ-साथ उनके परिवार के लोगों की संपत्ति और सामान को अवैध कमाई का बताकर जब्त किया गया है. जबकि उनका पुश्तैनी व्यवसाय है.

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रजनेश सिंह के नेतृत्व में हुई थी कार्रवाई

परिजनों ने ये भी आरोप लगाया था कि जांच के दौरान कई सामान गायब हो गए थे. साथ ही दस्तावेजों के साथ भी छेड़छाड़ की गई थी. परिजनों का कहना था कि फर्जी दस्तावेज तैयार कर पवन अग्रवाल और अन्य लोगों को फंसाया गया. यह सब कार्रवाई तत्कालीन आईजी मुकेश गुप्ता और एसपी रजनेश सिंह के नेतृत्व में हुई थी. परिजनों ने इस पूरे मामले की कई जगह शिकायत की थी. कोई कार्रवाई न होने पर न्यायालय में परिवाद भी दायर किया गया था.

अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज होने की बात

बिलासपुर सीजेएम ने इस पूरे मामले को गंभीर माना है. इसके लिए कोर्ट ने कार्रवाई के आदेश दिए हैं. कोर्ट के आदेश पर सिविल लाइन पुलिस ने रजनेश सिंह और अन्य के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. हालांकि पुलिस अभी मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने की बात कह रही है. मामले में अधिकारियों ने अपने खिलाफ दर्ज हुए एफआईआर (FIR) के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका भी दायर कर दी है.

Last Updated : Nov 9, 2020, 7:40 PM IST
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