बिलासपुर: तखतपुर के ग्राम मेड़पार में हुए गोवंश की मौत को कलेक्टर सारांश मित्तर ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. उन्होंने जिले के ग्रामीणों और पशुपालक से अपील की है कि वे अपने गौवंश का ध्यान रखें. उन्हें ऐसी जगह पर न रखें, जहां दम घुटने या किसी अन्य बीमारी से उनकी मौत होने की आशंका हो.
कलेक्टर मित्तर ने बताया कि कुछ ग्रामीणों ने मेड़पार के पुराने जर्जर भवन में गोवंश को रखा था, जहां दम घुटने से उनकी मौत हो गई है. गोवंश की मौत की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची डॉक्टरों की टीम ने बताया कि घुटन के कारण 45 से ज्यादा गोवंश की मौत हो गई है. इसके साथ ही कई मवेशियों को उपचार के बाद बचा लिया गया है. कलेक्टर ने बताया कि जिन गोवंश की मौत हो गई थी उन्हें दफना दिया गया है.
जांच कमेटी का गठन
कलेक्टर ने कहा कि जिला प्रशासन ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए पशु क्रूरता अधिनियम की धारा 13 और IPC की धारा 429 के तहत अज्ञात आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज कराया है. इसके अलावा अतिरिक्त कलेक्टर स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता में जांच के लिए एक कमेटी का गठन कर दिया गया है. इसमें जो लोग भी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी. इसी बीत जिम्मेदारों की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है, जहां गौवंश के शव को अंतिम संस्कार के लिए घसीटकर ले जाया गया है.
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दोषियों पर होगी कार्रवाई
बता दें कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गोवंश की मौत को लेकर तत्काल कार्रवाई किए जाने की बात कही है. सीएम बघेल ने इस घटना को बेहद दुर्भाग्यजनक बताया है उन्होंने कहा कि इस घटना को लेकर उन्होंने कलेक्टर को कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
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रमन सिंह ने भूपेश सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
इस मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह ने भूपेश सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. रमन सिंह ने रोका-छेका और गोधन न्याय योजना पर राज्य सरकार से सवाल किए हैं. उन्होंने कहा कि गौठानों में न पानी है और न ही चारे की व्यवस्था है. बिलासपुर के तखतपुर में 50 से ज्यादा मवेशियों की मौत इसी का नतीजा है.