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कानन पेंडारी जू में लाए गए मादा चीतल की मौत, प्रशासन पर उठे सवाल

बुधवार को बिलासपुर के तखतपुर विधानसभा क्षेत्र के कानन पेंडारी जू में एक मादा चीतल की मौत हो गई है, जिसके बाद अधिकारियों की मौजूदगी में उसका अंतिम संस्कार किया गया.

female chital died in kanan pendari zoo
कानन पेंडारी जू में मादा चीतल की हुई मौत
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Published : May 28, 2020, 8:33 AM IST

बिलासपुर : तखतपुर विधानसभा क्षेत्र के कानन पेंडारी जू में रेस्क्यू कर लाए गए एक मादा चीतल की मौत हो गई है. अधिकारियों की मौजूदगी में शव का पोस्टमार्टम कर अंतिम संस्कार कर दिया गया है. जानकारी के मुताबिक दो दिन पहले खोदरा से लगभग डेढ़ साल की एक मादा चीतल को रेस्क्यू कर कानन पेंडारी जू में लाया गया था.

जानकारी के मुताबिक चीतल का पैर टूटा हुआ था, जिसका इलाज कानन के अस्पताल में चल रहा था. बुधवार को सुबह घायल मादा चीतल की मौत हो गई, जिसके बाद शव का पोस्टमार्टम कर अंतिम संस्कार कर दिया गया.

बीते दिनों ही हुई थी तेंदुए की मौत

बता दें कि बीते दिनों अचानकमार टाईगर रिजर्व से रेस्क्यू कर कानन पेंडारी जू लाए गए एक तेंदुए की भी मौत हो गई थी. अब तक जू में लाए गए आधे से ज्यादा जानवरों की इलाज के दौरान मौत हो गई हैं. लगातार कानन पेंडारी जू में जानवरों की मौत से बिलासपुर जिले का मिनी जू जानवरों के मौत का अड्डा बना गया है. बताया जा रहा है कि कानन जू को एक और नए डॉक्टर मिले हैं. दरअसल कानन पेंडारी जू में शासन ने डॉ. आलोक पांडेय की नियुक्ति की है.

पढ़ें: बिलासपुरः आवारा कुत्तों ने चीतल को घेरा, दौड़ा-दौड़ाकर ले ली जान

लगातार तीन चार महीने में जानवरों की मौत से प्रशासनिक अधिकारियों की खानापूर्ती साफ दिखाई दे रहा है, वहीं दूसरी तरफ कानन पेंडारी जू में इलाज के लिए लाए गए जानवरों का ठीक न हो कर सीधे मौत हो जाना ये भी एक गंभीर विषय है. बताया जा रहा है कि जू में इलाज के लिए ठीक से व्यवस्था नहीं है. वहीं उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधा दूसरे जगहों पर किया जा सकता है, लेकिन फिर भी जानवरों को कानन पेंडारी मिनी जू में इलाज के लिए लाया जाता हैं, जिसमें से कई जानवरों की मौत हो चुकी हैं. जानकारी के मुताबिक अब तक इलाज के लिए लाए गए जानवरों में 6 से ज्यादा की मौत हो गई है जो कानन प्रशासन पर कई सवाल खड़े कर रहा है.

बिलासपुर : तखतपुर विधानसभा क्षेत्र के कानन पेंडारी जू में रेस्क्यू कर लाए गए एक मादा चीतल की मौत हो गई है. अधिकारियों की मौजूदगी में शव का पोस्टमार्टम कर अंतिम संस्कार कर दिया गया है. जानकारी के मुताबिक दो दिन पहले खोदरा से लगभग डेढ़ साल की एक मादा चीतल को रेस्क्यू कर कानन पेंडारी जू में लाया गया था.

जानकारी के मुताबिक चीतल का पैर टूटा हुआ था, जिसका इलाज कानन के अस्पताल में चल रहा था. बुधवार को सुबह घायल मादा चीतल की मौत हो गई, जिसके बाद शव का पोस्टमार्टम कर अंतिम संस्कार कर दिया गया.

बीते दिनों ही हुई थी तेंदुए की मौत

बता दें कि बीते दिनों अचानकमार टाईगर रिजर्व से रेस्क्यू कर कानन पेंडारी जू लाए गए एक तेंदुए की भी मौत हो गई थी. अब तक जू में लाए गए आधे से ज्यादा जानवरों की इलाज के दौरान मौत हो गई हैं. लगातार कानन पेंडारी जू में जानवरों की मौत से बिलासपुर जिले का मिनी जू जानवरों के मौत का अड्डा बना गया है. बताया जा रहा है कि कानन जू को एक और नए डॉक्टर मिले हैं. दरअसल कानन पेंडारी जू में शासन ने डॉ. आलोक पांडेय की नियुक्ति की है.

पढ़ें: बिलासपुरः आवारा कुत्तों ने चीतल को घेरा, दौड़ा-दौड़ाकर ले ली जान

लगातार तीन चार महीने में जानवरों की मौत से प्रशासनिक अधिकारियों की खानापूर्ती साफ दिखाई दे रहा है, वहीं दूसरी तरफ कानन पेंडारी जू में इलाज के लिए लाए गए जानवरों का ठीक न हो कर सीधे मौत हो जाना ये भी एक गंभीर विषय है. बताया जा रहा है कि जू में इलाज के लिए ठीक से व्यवस्था नहीं है. वहीं उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधा दूसरे जगहों पर किया जा सकता है, लेकिन फिर भी जानवरों को कानन पेंडारी मिनी जू में इलाज के लिए लाया जाता हैं, जिसमें से कई जानवरों की मौत हो चुकी हैं. जानकारी के मुताबिक अब तक इलाज के लिए लाए गए जानवरों में 6 से ज्यादा की मौत हो गई है जो कानन प्रशासन पर कई सवाल खड़े कर रहा है.

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