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चीतल की खाल के साथ पिता और बेटा गिरफ्तार

पेंड्रा के बचरवार गांव में वन विभाग ने चीतल की खाल के साथ दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने खेत में बने पंप हाउस चीतल की खाल छुपा कर रखी था.

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Published : Jan 3, 2021, 5:32 PM IST

deer skin
चीतल की खाल

बिलासपुर: पेंड्रा के बचरवार गांव में वन विभाग ने दबिश देकर खेत में बने पंप हाउस से चीतल का खाल जब्त किया है. इस मामले में पुलिस ने पिता और बेटे को गिरफ्तार किया है. उड़नदस्ता की टीम ने इसकी जानकारी वन विभाग को दी है. फिलहाल मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है.

पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि बचरवार गांव के रहेन वाले छोटे लाल राठौर ने अपने खेत में चीतल का खाल छुपा कर रखी है. सूचना के आधार पर पुलिस ने दाबिस देकर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. वन मंत्री मोहम्मद अकबर के निर्देशानुसार वन विभाग की ओर से वनों की अवैध कटाई और वन्य प्राणियों के अवैध शिकार की रोकथाम के लिए निगरानी की जा रही है. बावजूद इसके शिकारियों के हौसले बुलंद हैं.

पढ़ें: बीजापुर: बाघ ने दो मवेशियों का किया शिकार, ग्रामीणों मे दहशत का माहौल

वन्यजीवों के शिकार के मामले

  • कोरिया में वनविभाग के अमले ने नीलगाय का शिकार करने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था. आरोपियों के पास से नीलगाय का चार किलो मांस जब्त किया गया.
  • महासमुंद के बागबाहरा में अपने साथियों के साथ मिलकर चीतल का शिकार करने वाले आरोपी को गिरफ्तार किया था. आरोपी तार बिछाकर वन्यजीवों का शिकार करते थे. तार की चपेट में आने से 6 साल के नर चीतल की मौत हो गई थी.
  • मुंगेली के लोरमी के अचानकमार टाइगर रिजर्व में पुलिस सुरही रेंज में चीतल के भूने हुए मांस के साथ एटीआर की टीम ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया.
  • गरियाबंद के पाण्डुका वन परिक्षेत्र में पुलिस ने एक नर चीतल की खाल के साथ पुलिस ने 6 लोगों को गिरफ्तार किया.
  • रतनपुर क्षेत्र में भैंसाझार नर्सरी के पास चीतल का शव पड़ा हुआ मिला था.
  • गरियाबंद में चीतल के शव के साथ पुलिस ने एक तस्कर गिरफ्तार किया था.

पढ़ें: कवर्धा के कई गांव में लॉकडाउन जैसा माहौल, बाघ के डर से घरों में कैद हुए ग्रामीण

वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 क्या है?

  • भारत सरकार ने देश के वन्य जीवन की रक्षा करने और प्रभावी ढंग से अवैध शिकार, तस्करी और वन्यजीव के अवैध व्यापार को नियंत्रित करने के उद्देश्य से वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम [wildlife (protection) act], 1972 लागू किया.
  • इस अधिनियम को जनवरी 2003 में संशोधित किया गया था और कानून के तहत अपराधों के लिये सज़ा एवं जुर्माने और अधिक कठोर बना दिया गया.
  • मंत्रालय ने अधिनियम को मज़बूत बनाने के लिये कानून में संशोधन करके और अधिक कठोर उपायों को शुरू करने का प्रस्ताव किया है.
  • इसका उद्देश्य सूचीबद्ध लुप्तप्राय वनस्पतियों और जीव एवं पर्यावरण की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण संरक्षित क्षेत्रों को सुरक्षा प्रदान करना है.

बिलासपुर: पेंड्रा के बचरवार गांव में वन विभाग ने दबिश देकर खेत में बने पंप हाउस से चीतल का खाल जब्त किया है. इस मामले में पुलिस ने पिता और बेटे को गिरफ्तार किया है. उड़नदस्ता की टीम ने इसकी जानकारी वन विभाग को दी है. फिलहाल मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है.

पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि बचरवार गांव के रहेन वाले छोटे लाल राठौर ने अपने खेत में चीतल का खाल छुपा कर रखी है. सूचना के आधार पर पुलिस ने दाबिस देकर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. वन मंत्री मोहम्मद अकबर के निर्देशानुसार वन विभाग की ओर से वनों की अवैध कटाई और वन्य प्राणियों के अवैध शिकार की रोकथाम के लिए निगरानी की जा रही है. बावजूद इसके शिकारियों के हौसले बुलंद हैं.

पढ़ें: बीजापुर: बाघ ने दो मवेशियों का किया शिकार, ग्रामीणों मे दहशत का माहौल

वन्यजीवों के शिकार के मामले

  • कोरिया में वनविभाग के अमले ने नीलगाय का शिकार करने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था. आरोपियों के पास से नीलगाय का चार किलो मांस जब्त किया गया.
  • महासमुंद के बागबाहरा में अपने साथियों के साथ मिलकर चीतल का शिकार करने वाले आरोपी को गिरफ्तार किया था. आरोपी तार बिछाकर वन्यजीवों का शिकार करते थे. तार की चपेट में आने से 6 साल के नर चीतल की मौत हो गई थी.
  • मुंगेली के लोरमी के अचानकमार टाइगर रिजर्व में पुलिस सुरही रेंज में चीतल के भूने हुए मांस के साथ एटीआर की टीम ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया.
  • गरियाबंद के पाण्डुका वन परिक्षेत्र में पुलिस ने एक नर चीतल की खाल के साथ पुलिस ने 6 लोगों को गिरफ्तार किया.
  • रतनपुर क्षेत्र में भैंसाझार नर्सरी के पास चीतल का शव पड़ा हुआ मिला था.
  • गरियाबंद में चीतल के शव के साथ पुलिस ने एक तस्कर गिरफ्तार किया था.

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वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 क्या है?

  • भारत सरकार ने देश के वन्य जीवन की रक्षा करने और प्रभावी ढंग से अवैध शिकार, तस्करी और वन्यजीव के अवैध व्यापार को नियंत्रित करने के उद्देश्य से वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम [wildlife (protection) act], 1972 लागू किया.
  • इस अधिनियम को जनवरी 2003 में संशोधित किया गया था और कानून के तहत अपराधों के लिये सज़ा एवं जुर्माने और अधिक कठोर बना दिया गया.
  • मंत्रालय ने अधिनियम को मज़बूत बनाने के लिये कानून में संशोधन करके और अधिक कठोर उपायों को शुरू करने का प्रस्ताव किया है.
  • इसका उद्देश्य सूचीबद्ध लुप्तप्राय वनस्पतियों और जीव एवं पर्यावरण की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण संरक्षित क्षेत्रों को सुरक्षा प्रदान करना है.
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