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बिलासपुरः कम बारिश से मायूस किसान, कृषि विभाग ने दी ये नसीहत

मारवाही और तखतपुर विधानसभा क्षेत्र में बारिश नहीं होने से किसानों की चिंता बढ़ती जा रही है. कृषि वैज्ञानिकों ने असामान्य बारिश के कारण किसानों को शुष्क खेती करने की सलाह दी.

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Published : Jul 20, 2019, 5:56 PM IST

कम बारिश से मायूस किसान

बिलासपुर: जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में बारिश न होने से किसानों की चिंता बढ़ती जा रही है. पहले मानसून में देरी और अब पखवाड़े भर से बारिश नहीं हुई है. किसानों को उम्मीद थी कि सावन के महीने में बारिश जरूर होगी. लेकिन अभी तक बारिश की एक बूंद भी नहीं गिरी और तेज धूप के कारण तापमान में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. इसके कारण बुआई हुए खेतों में भी दरारें पड़ने लगी हैं और फसल भी खराब हो रही है.

कम बारिश से मायूस किसान

किसानों ने बताया कि मानसून में देरी के कारण बुआई भी देरी से की गई. इस समय धान की फसल में खाद डालने, बियासी या रोपाई किया जाता है. मौसम की इस बेरुखी से साधन संपन्न किसानों को अब तक विशेष फर्क नहीं पड़ा है, लेकिन चिंता की लकीरें उनके भी माथे पर आने लगी हैं.

किसान के माथे पर चिंता की लकीर
तखतपुर क्षेत्र के किसानों ने ETV भारत को बताया कि लेट मानसून और अब बारिश की बेरुखी ने खेती के समय में फेरबदल कर दिया है. यह समय बियासी का होता है लेकिन बारिश के इंतजार में अभी तक बुआई भी कर पाना मुश्किल है. इसके अलावा जिन किसानों ने सूखा बोआई कर लिया है उनके खेतों में दरारें पड़ गई हैं. क्षेत्र के बुजुर्ग किसान का कहना है कि कितने भी तालाब और कुएं खुदवाए जाएं पर जब तक वर्षा नहीं होती सिंचाई और जीवन कैसे चलेगा.

क्या कहता है दस वर्षों का आंकड़ा, पिछले 10 वर्षों की बारिश की परिमाण पर नजर डालें तो-

  • पेंड्रा में 285mm की अपेक्षा सिर्फ 110mm
  • गौरेला में 336mm की तुलना में अब तक 135mm
  • जबकि मरवाही में सामान्य बारिश 400 mm से अब तक मात्र 78 mm बारीश दर्ज की गई है. असामान्य बारिश की हालात को दखते हुए प्रशासन ने किसानों को फसल बीमा कराने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए सोसायटी को निर्देश दिए हैं.

किसानों को शुष्क खेती करने की सलाह
मौसम विभाग द्वारा लगाए गये अनुमान के गलत होने से कृषि अधिकारी ने किसानों को शुष्क खेती करने की सलाह दी है. बारिश नहीं होने से पानी के अभाव को देखते हुए कृषि अधिकारी ने किसानों को धान के फसल की जगह दलहन, तिलहन की फसल उगाने को कहा और बताया कि इन फसलों में पानी की मात्रा कम लगती है.

बिलासपुर: जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में बारिश न होने से किसानों की चिंता बढ़ती जा रही है. पहले मानसून में देरी और अब पखवाड़े भर से बारिश नहीं हुई है. किसानों को उम्मीद थी कि सावन के महीने में बारिश जरूर होगी. लेकिन अभी तक बारिश की एक बूंद भी नहीं गिरी और तेज धूप के कारण तापमान में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. इसके कारण बुआई हुए खेतों में भी दरारें पड़ने लगी हैं और फसल भी खराब हो रही है.

कम बारिश से मायूस किसान

किसानों ने बताया कि मानसून में देरी के कारण बुआई भी देरी से की गई. इस समय धान की फसल में खाद डालने, बियासी या रोपाई किया जाता है. मौसम की इस बेरुखी से साधन संपन्न किसानों को अब तक विशेष फर्क नहीं पड़ा है, लेकिन चिंता की लकीरें उनके भी माथे पर आने लगी हैं.

किसान के माथे पर चिंता की लकीर
तखतपुर क्षेत्र के किसानों ने ETV भारत को बताया कि लेट मानसून और अब बारिश की बेरुखी ने खेती के समय में फेरबदल कर दिया है. यह समय बियासी का होता है लेकिन बारिश के इंतजार में अभी तक बुआई भी कर पाना मुश्किल है. इसके अलावा जिन किसानों ने सूखा बोआई कर लिया है उनके खेतों में दरारें पड़ गई हैं. क्षेत्र के बुजुर्ग किसान का कहना है कि कितने भी तालाब और कुएं खुदवाए जाएं पर जब तक वर्षा नहीं होती सिंचाई और जीवन कैसे चलेगा.

क्या कहता है दस वर्षों का आंकड़ा, पिछले 10 वर्षों की बारिश की परिमाण पर नजर डालें तो-

  • पेंड्रा में 285mm की अपेक्षा सिर्फ 110mm
  • गौरेला में 336mm की तुलना में अब तक 135mm
  • जबकि मरवाही में सामान्य बारिश 400 mm से अब तक मात्र 78 mm बारीश दर्ज की गई है. असामान्य बारिश की हालात को दखते हुए प्रशासन ने किसानों को फसल बीमा कराने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए सोसायटी को निर्देश दिए हैं.

किसानों को शुष्क खेती करने की सलाह
मौसम विभाग द्वारा लगाए गये अनुमान के गलत होने से कृषि अधिकारी ने किसानों को शुष्क खेती करने की सलाह दी है. बारिश नहीं होने से पानी के अभाव को देखते हुए कृषि अधिकारी ने किसानों को धान के फसल की जगह दलहन, तिलहन की फसल उगाने को कहा और बताया कि इन फसलों में पानी की मात्रा कम लगती है.

Intro:तखतपुर विधान सभा क्षेत्र में नहीं हो रहा बारिश ,किसानों के चेहरे में छायी मायूसी,क्षेत्रकृषि अधिकारी ने किसानों को शुष्क खेती का दिया उपाय ।Body:सावन के आते ही किसानों में बारिश होने की आश लगा हुआ था ऐसे में तेज कडाके की धूप ने किसानों के चेहरे में चिंता की लकिरे ला दी है । क्षेत्र में बारिश नहीं होने से किसानों का धान बोआई रुका हुआ है । कम बारिश में इस वर्ष भी धान उत्पादन में कमी होने की चिंता लगातार किसानों के चेहरे पर दिखाई दे रहा है ।
तेज धूप से बढा़ तापमान - क्षेत्र में 12-15 दिन से बारिश नहीं होने से धरती के तापमान में बढोत्तरी हुआ है क्षेत्र में उमस के साथ गर्मी बढा़ हुआ है ।
मौसम विभाग फेल - मौसम विभाग द्वारा लगातार संभाग में भारी वर्षा की चेतावनी देते रहे हैं वहीं धरातल में पानी की बूंद तक नहीं गिरा है ।
शुष्क खेती लाभ - इस प्रकार की खेती में धान के साथ दलहन,तिलहन की खेती करने से पानी के अभाव में धान की फसल नहीं होने की स्थिती में दलहन,तिलहन उत्पादन होते है और किसान नुकसान से बच सकते हैं ।Conclusion:इस विषय में वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी का बाइट । एल पी कौशिक ,वरिष्ट कृषि विकास अधिकारी तखतपुर ।
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