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बिलासपुर : टोकन वितरण के लिए पहुंचे किसान, न अधिकारी मिले, न कर्मचारी

बिलासपुर कार्यालय में टोकन के लिए किसान सुबह से पहुंचे थे, लेकिन टोकन वितरण के लिए न कर्मचारी पहुंचे, न अधिकारी. किसानों ने स्थानीय प्रशासन पर लापरवाही और अव्यवस्था का आरोप लगाया है.

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टोकन वितरण के लिए पहुंचे किसान
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Published : Nov 27, 2020, 10:28 PM IST

Updated : Nov 27, 2020, 10:50 PM IST

बिलासपुर : प्रदेश में 1 दिसंबर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू होने वाली है. इस कड़ी में शुक्रवार को पूरे प्रदेश में किसानों को टोकन का वितरण किया जाना था. लेकिन टोकन वितरण के पहले दिन ही प्रशासन की पूरी व्यवस्था धरी की धरी रह गई. किसान सुबह से टोकन लेने के लिए कार्यालय के सामने जुटे रहे लेकिन कार्यालय में कोई भी अधिकारी-कर्मचारी नहीं पहुंचा. इससे किसानों में जमकर नाराजगी देखने को मिली.

टोकन वितरण के लिए पहुंचे किसान

पेंड्रा के धान खरीदी केंद्र में टोकन वितरण के लिए कोई भी अधिकारी-कर्मचारी नहीं पहुंचा था. यहां तक की कार्यालय भी नहीं खुला था. किसानों ने आपसी सहमति से किसानों की सूची भी बना ली. लेकिन टोकन वितरण प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी. कार्यालय किसानों के आने की सूचना पर स्थानीय प्रशासन के लोग मौके पर पहुंचे. किसानों को जल्द धान बेचने के लिए टोकन काटने का अश्वास्न भी दिया.

पढ़ें : धान खरीदी: टोकन के लिए भूखे-प्यासे इंतजार करते रहे किसान, बदइंतजामी पर फूटा गुस्सा

लापरवाही और अव्यवस्था का आरोप

लिस्ट के अनुसार 20 किसानो की सूची के हिसाब से टोकन काटने की तैयारी की गई. किसानों ने स्थानीय प्रशासन पर लापरवाही और अव्यवस्था का आरोप लगाया है. हालांकि आदिम जाति विभाग ने कार्यालय को सही समय पर न खोले जाने के वजह जिला कार्यालय की मीटिंग को बताया है.

तैयारियों के संबंध में दिए गए दिशा-निर्देश

⦁ छत्तीसगढ़ में धान बेचने वाले किसानों की संख्या के साथ रकबा भी बढ़ाया गया है.

⦁ किसानों की सुविधा के लिए राज्य में लगभग 260 नवीन धान उपार्जन केन्द्र खोले गए हैं.

⦁ इन केन्द्रों में चबूतरा निर्माण सहित खरीदी केन्द्र के चारों तरफ सुरक्षा के लिए घेरा की व्यवस्था.

⦁ ड्रेनेज सिस्टम, बारदाना, तालपतरी, कांटा-बांट सत्यापन, मास्चर मीटर, बोर्ड लगाने का कार्य पूरा करने के निर्देश.

⦁ राज्य के खरीदी केन्द्रों में दो चरणों में 7 हजार 620 चबूतरों का निर्माण कराने की स्वीकृति दी गई है.

⦁ जिन जिलों में चबूतरा निर्माण का कार्य पूर्ण नही हो पाया हैं. वे 30 नवंबर तक निर्माण कार्य पूरा कराएं.

⦁ राज्य में गिरदावरी के बाद प्रविष्टि का कार्य 10 नवंबर को समाप्त हो चुका है.

⦁ गिरदावरी के संबंध में किसी भी जिले से कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है.

⦁ 1 दिसंबर से धान खरीदी शुरु होने के बाद रकबे में कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा.

⦁ रकबे में कोई परिवर्तन या संशोधन की जरूरत हो, उसे 30 नवंबर तक अनिवार्य रूप से पूरा कर लिया जाए.

⦁ एक दिसंबर के बाद साफ्टवेयर को लॉक कर दिया जाएगा.

⦁ गिरदावरी के कार्य में अनियमितता पाए जाने पर संबंधितों की जिम्मेदारी तय की जाएगी.

बिलासपुर : प्रदेश में 1 दिसंबर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू होने वाली है. इस कड़ी में शुक्रवार को पूरे प्रदेश में किसानों को टोकन का वितरण किया जाना था. लेकिन टोकन वितरण के पहले दिन ही प्रशासन की पूरी व्यवस्था धरी की धरी रह गई. किसान सुबह से टोकन लेने के लिए कार्यालय के सामने जुटे रहे लेकिन कार्यालय में कोई भी अधिकारी-कर्मचारी नहीं पहुंचा. इससे किसानों में जमकर नाराजगी देखने को मिली.

टोकन वितरण के लिए पहुंचे किसान

पेंड्रा के धान खरीदी केंद्र में टोकन वितरण के लिए कोई भी अधिकारी-कर्मचारी नहीं पहुंचा था. यहां तक की कार्यालय भी नहीं खुला था. किसानों ने आपसी सहमति से किसानों की सूची भी बना ली. लेकिन टोकन वितरण प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी. कार्यालय किसानों के आने की सूचना पर स्थानीय प्रशासन के लोग मौके पर पहुंचे. किसानों को जल्द धान बेचने के लिए टोकन काटने का अश्वास्न भी दिया.

पढ़ें : धान खरीदी: टोकन के लिए भूखे-प्यासे इंतजार करते रहे किसान, बदइंतजामी पर फूटा गुस्सा

लापरवाही और अव्यवस्था का आरोप

लिस्ट के अनुसार 20 किसानो की सूची के हिसाब से टोकन काटने की तैयारी की गई. किसानों ने स्थानीय प्रशासन पर लापरवाही और अव्यवस्था का आरोप लगाया है. हालांकि आदिम जाति विभाग ने कार्यालय को सही समय पर न खोले जाने के वजह जिला कार्यालय की मीटिंग को बताया है.

तैयारियों के संबंध में दिए गए दिशा-निर्देश

⦁ छत्तीसगढ़ में धान बेचने वाले किसानों की संख्या के साथ रकबा भी बढ़ाया गया है.

⦁ किसानों की सुविधा के लिए राज्य में लगभग 260 नवीन धान उपार्जन केन्द्र खोले गए हैं.

⦁ इन केन्द्रों में चबूतरा निर्माण सहित खरीदी केन्द्र के चारों तरफ सुरक्षा के लिए घेरा की व्यवस्था.

⦁ ड्रेनेज सिस्टम, बारदाना, तालपतरी, कांटा-बांट सत्यापन, मास्चर मीटर, बोर्ड लगाने का कार्य पूरा करने के निर्देश.

⦁ राज्य के खरीदी केन्द्रों में दो चरणों में 7 हजार 620 चबूतरों का निर्माण कराने की स्वीकृति दी गई है.

⦁ जिन जिलों में चबूतरा निर्माण का कार्य पूर्ण नही हो पाया हैं. वे 30 नवंबर तक निर्माण कार्य पूरा कराएं.

⦁ राज्य में गिरदावरी के बाद प्रविष्टि का कार्य 10 नवंबर को समाप्त हो चुका है.

⦁ गिरदावरी के संबंध में किसी भी जिले से कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है.

⦁ 1 दिसंबर से धान खरीदी शुरु होने के बाद रकबे में कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा.

⦁ रकबे में कोई परिवर्तन या संशोधन की जरूरत हो, उसे 30 नवंबर तक अनिवार्य रूप से पूरा कर लिया जाए.

⦁ एक दिसंबर के बाद साफ्टवेयर को लॉक कर दिया जाएगा.

⦁ गिरदावरी के कार्य में अनियमितता पाए जाने पर संबंधितों की जिम्मेदारी तय की जाएगी.

Last Updated : Nov 27, 2020, 10:50 PM IST
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