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बिलासपुर: सूखता के नाम पर किसानों से वसूला जा रहा अधिक धान - Disruptions in Paddy Procurement Centers

पेंड्रा में धान उपार्जन केंद्र में सूखता के नाम पर तय वजन से अधिक धान लिए जाने का मामला सामने आया है, यहां किसानों से 200 से 300 ग्राम अतिरिक्त धान लिया जा रहा है.

More paddy taken from farmers
धान उपार्जन केंद्र
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Published : Dec 7, 2019, 8:16 AM IST

Updated : Dec 7, 2019, 12:57 PM IST

बिलासपुर: प्रदेश में धान खरीदी शुरू हो गई है, इसके साथ ही धान उपार्जन केंद्रों में अव्यवस्थाएं देखने को मिल रही है, पेंड्रा के उपार्जन केंद्रों में किसानों ने वजन से अधिक धान लिए जाने की शिकायत की है. धान खरीदी केंद्रों में किसानों से सूखता के नाम पर 200 से 300 ग्राम अधिक धान लिया जा रहा है. जिस पर प्रशासनिक कार्रवाई नहीं किए जाने पर किसान किसान अधिक धान देने पर मजबूर हैं.

धान उपार्जन केंद्र

पेंड्रा उपार्जन केंद्र में किसानों से तय वजन से अधिक धान लिए जाने का मामला सामने आया है. उपार्जन केंद्र में फसल की नमी की भी जांच नहीं की जा रही है. बता दें, शासन ने 40 किलोग्राम धान पर 500 ग्राम अतिरिक्त धान लेने का नियम बनाया था, लेकिन केंद्र में 40 किलोग्राम धान पर 800 ग्राम धान अतिरिक्त लिया जा रहा है. वही इसे लेकर किसानों का कहना है कि केंद्र प्रभारी के निर्देश पर सूखता के नाम पर वे 200 से 300 ग्राम धान देने को मजबूर है.

मामले में धान खरीदी प्रभारी ने कहा कि किसान मिसाई के बाद सीधे खरीदी केंद्रों में धान लेकर पहुंचते हैं, फसल में नमी होने की वजह से अतिरिक्त धान लिया जा रहा है, उपार्जन केंद्रों से धान उठाव में 15 से 20 दिन का समय लगता है ऐसे में फसल सूख जाती है.

बिलासपुर: प्रदेश में धान खरीदी शुरू हो गई है, इसके साथ ही धान उपार्जन केंद्रों में अव्यवस्थाएं देखने को मिल रही है, पेंड्रा के उपार्जन केंद्रों में किसानों ने वजन से अधिक धान लिए जाने की शिकायत की है. धान खरीदी केंद्रों में किसानों से सूखता के नाम पर 200 से 300 ग्राम अधिक धान लिया जा रहा है. जिस पर प्रशासनिक कार्रवाई नहीं किए जाने पर किसान किसान अधिक धान देने पर मजबूर हैं.

धान उपार्जन केंद्र

पेंड्रा उपार्जन केंद्र में किसानों से तय वजन से अधिक धान लिए जाने का मामला सामने आया है. उपार्जन केंद्र में फसल की नमी की भी जांच नहीं की जा रही है. बता दें, शासन ने 40 किलोग्राम धान पर 500 ग्राम अतिरिक्त धान लेने का नियम बनाया था, लेकिन केंद्र में 40 किलोग्राम धान पर 800 ग्राम धान अतिरिक्त लिया जा रहा है. वही इसे लेकर किसानों का कहना है कि केंद्र प्रभारी के निर्देश पर सूखता के नाम पर वे 200 से 300 ग्राम धान देने को मजबूर है.

मामले में धान खरीदी प्रभारी ने कहा कि किसान मिसाई के बाद सीधे खरीदी केंद्रों में धान लेकर पहुंचते हैं, फसल में नमी होने की वजह से अतिरिक्त धान लिया जा रहा है, उपार्जन केंद्रों से धान उठाव में 15 से 20 दिन का समय लगता है ऐसे में फसल सूख जाती है.

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बिलासपुर - प्रदेष में एक ओर जहां 1 दिसंबर से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी शुरू होने से किसान खुश नजर आ रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर उनसे खरीदी केंद्रों में धान वजन कर प्रत्येक बोरी पर उपार्जन केंद्र में सूखती के नाम से अधिक धान लिया जा रहा है। खरीदी केंद्रों में प्रत्येक बोरे में किसानों से 200 सौ ग्राम से लेकर 300 ग्राम अधिक धान वजन कर लिया जा रहा है। मामले में प्रशासन की ओर से किसी प्रकार की कार्यवाही न करने पर उपार्जन केंद्रों में किसान अधिक धान देने को मजबूर हैं जबकि प्रशासन किसानों से धान खरीदने से पहले नमी जांचने के भी निर्देष दिये हैं पर बाद उसके भी खरीदी केंद्रों में किसान ठगे जा रहे है।।। Body:cg_bls_03_paddy_avb_CGC10013

मामला पेंड्रा उपार्जन केन्द्र का है जहां समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी 1 दिसंबर से शुरू होने के बाद किसान अपने धान के साथ केंन्द्र में पहुच रहें हैं और धान खरीदी केन्द्रों पर किसानो को धान सूखती के नाम पर अधिक देने को मजबूर हो रहें हैं । शासन के नियमानुसार एक बारदाने में 40 किलों धान किसानों से लिया जाना निर्धारित किया गया है जिसमें तौल के समय बारदाने के वजन के बदले एक बारदाना रखा जाना है। जबकि हमने उपार्जन केंद्र में पाया कि किसानों के धान के तौल के समय एक बारदाने में 40 किलों 800 ग्राम लिया जा रहा है बारदाने का वजन करने पर मौके पर तौल रहें बारदाने का वजन 500 से 520 ग्राम पाया गया जबकि इस हिसाब से किसान से 40 किलों 520 ग्राम लेना था लेकिन उपार्जन केंद्र पर 40 किलों 800 ग्राम एक बारदाने में तौल किया जा रहा है जिसमें 200 से 300 ग्राम किसानें का धान एक बारदाने में अधिक तौला जा रहा है। वहीं उपार्जन केंद्र में धान बिक्री करने आये किसानों की माने तो हमें उपार्जन केंन्द्र प्रभारी के निर्देषानुसार एक बारदानें में सूखती के नाम 200 से 300 ग्राम धान अधिक देने को मजबूर हैं साथ ही धान बिक्री के समय किसी प्रकार की दिक्क्त न हो मजबूरन कहे अनुसार धान तौल करा दिया जा रहा है जबकि किसान का धान लेने से पहले नमी मापक यंत्र से धान की नमी एक से दो बार उपार्जन केंद्र में मापा जाता है। वहीं सूखती के नाम पर अधिक धान लेने के मामले में धान खरीदी प्रभारी ने भी माना कि किसानों से सूखती के नाम पर प्रत्येक बारदाने में अधिक धान लिया तो जा रहा लेकिन कारण बतातें प्रभारी का कहना है कि किसान अपने खलिहान से मिसाई के बाद सीधे खरीदी केंद्रो में लेकर पहुच रहें है और किसान के धान में नमी होने के कारण धान 100 से 150 धान अधिक ले लिया जाता है ताकि धान की उठाव में किसी प्रकार की दिक्क्त न हो क्योंकि अभी मिलरो से भी उठाव के संबंध में अनुबंध नहीं किया गया जिसके कारण उपार्जन केंद्रो से धान की उठाव में 15 से 20 दिन लग सकतें हैं । Conclusion:cg_bls_03_paddy_avb_CGC10013

बाईट 1- अशोक कुमार ....किसान

बाईट 2- राम प्रसाद ....किसान

बाईट 3 - संतोष कुमार ....धान तौल करने वाले मजदूर

बाईट 4 - मोहन सिंह ......धान तौल करने वाले मजदूर

बाईट 5- मान सिंह राठौर ..................धानखरीदी प्रभारी पेंड्रा 
Last Updated : Dec 7, 2019, 12:57 PM IST
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