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ETV भारत की खबर का असर, अब अस्पताल में ही मिलेगी दवा - एआरवी इंजेक्शन

जिले में ETV भारत की खबर का असर हुआ है, जहां अस्पताल में दवाओं की कमी के मुद्दे को प्रमुखता से उठाए जाने के बाद अब अस्पताल में दवाएं उपलब्ध होने लगी हैं.

ETV भारत की खबर का असर
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Published : Jul 1, 2019, 7:14 PM IST

बता दें कि एआरवी इंजेक्शन की कमी की खबर को हमने प्रमुखता से उठाया था. इसके बाद सिम्स प्रशासन हरकत में आया और अस्पताल में जरूरत के हिसाब से दवा की पूर्ति आसानी से की जा रही है.

ETV भारत की खबर का असर

घटों लाइन में रहते थे खड़ा

पहले मरीजों की शिकायत रहती थी कि लम्बी लाइन में घटों खड़े रहने के बावजूद भी उन्हें दवा नहीं मिलती थी, लिहाजा वो बाहर महंगे दाम पर दवा लेने को मजबूर थे.

मायूस होकर लौटना पड़ता था
सिम्स अस्पताल में औसतन 20 से 30 मरीजों को एआरवी इंजेक्शन की जरूरत पड़ती है, जिसकी पूर्ति अब शत-प्रतिशत हो रही है. पहले एजेंसी इस दवा की अधिकतम पूर्ति नहीं कर पा रही थी. दवा की कमी का फायदा बाहर के दवा दुकानदार उठा रहे थे और मनमाने दाम पर दवा बेच रहे थे.

बता दें कि एआरवी इंजेक्शन की कमी की खबर को हमने प्रमुखता से उठाया था. इसके बाद सिम्स प्रशासन हरकत में आया और अस्पताल में जरूरत के हिसाब से दवा की पूर्ति आसानी से की जा रही है.

ETV भारत की खबर का असर

घटों लाइन में रहते थे खड़ा

पहले मरीजों की शिकायत रहती थी कि लम्बी लाइन में घटों खड़े रहने के बावजूद भी उन्हें दवा नहीं मिलती थी, लिहाजा वो बाहर महंगे दाम पर दवा लेने को मजबूर थे.

मायूस होकर लौटना पड़ता था
सिम्स अस्पताल में औसतन 20 से 30 मरीजों को एआरवी इंजेक्शन की जरूरत पड़ती है, जिसकी पूर्ति अब शत-प्रतिशत हो रही है. पहले एजेंसी इस दवा की अधिकतम पूर्ति नहीं कर पा रही थी. दवा की कमी का फायदा बाहर के दवा दुकानदार उठा रहे थे और मनमाने दाम पर दवा बेच रहे थे.

Intro:संभाग के सबसे बड़े सिम्स अस्पताल में एंटी रेबीज वैक्सिन की कमी और मरीजों को हो रही परेशानी को लेकर हमने अपनी ख़बर को प्रमुखता से दिखाया था । ईटीवी भारत के इसी खबर का असर हुआ है और अब कुत्ता काटने के पीड़ित मरीजों को सिम्स से बाहर दवा लेने की जरूरत नही है ।


Body:ए आर वी इंजेक्शन की कमी की ख़बर के ईटीवी भारत मे चलने के बाद सिम्स प्रशासन हरकत में आया और अब अस्पताल में जरूरत के हिसाब से दवा की पूर्ति आसानी से हो जा रही है । पहले मरीजों की शिकायत रहती थी कि लम्बी लाइन घण्टों लगने के बाबजूद भी उन्हें दवा की कमी के कारण दवा नहीं मिलती थी । लिहाजा वो बाहर महंगे दाम में दवा लेने को मजबूर होते थे ।


Conclusion:सिम्स अस्पताल में औसतन 20 से 30 मरीज़ों को ए आर वी इंजेक्शन की जरूरत पड़ती है जिसकी पूर्ति अब शत प्रतिशत हो जा रही है । पहले संवंधित एजेंसी इस दवा की अधिकतम पूर्ति नहीं कर पा रही थी जिस कारण से सिम्स के मरीज़ों को सिम्स से मायूस होकर लौटना पड़ता था । सिम्स में ए आर वी की दवा की कमी का फायदा बाहर के दवा दुकानदार उठाते थे और मनमाने दाम में मरीजों से दवा के बदले पैसा लेते थे ।
बाईट.... डॉ आरती पांडेय.... डिप्टी एम एस ,सिम्स
विशाल झा..... बिलासपुर
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