बता दें कि एआरवी इंजेक्शन की कमी की खबर को हमने प्रमुखता से उठाया था. इसके बाद सिम्स प्रशासन हरकत में आया और अस्पताल में जरूरत के हिसाब से दवा की पूर्ति आसानी से की जा रही है.
घटों लाइन में रहते थे खड़ा
पहले मरीजों की शिकायत रहती थी कि लम्बी लाइन में घटों खड़े रहने के बावजूद भी उन्हें दवा नहीं मिलती थी, लिहाजा वो बाहर महंगे दाम पर दवा लेने को मजबूर थे.
मायूस होकर लौटना पड़ता था
सिम्स अस्पताल में औसतन 20 से 30 मरीजों को एआरवी इंजेक्शन की जरूरत पड़ती है, जिसकी पूर्ति अब शत-प्रतिशत हो रही है. पहले एजेंसी इस दवा की अधिकतम पूर्ति नहीं कर पा रही थी. दवा की कमी का फायदा बाहर के दवा दुकानदार उठा रहे थे और मनमाने दाम पर दवा बेच रहे थे.