कोरिया: छत्तीसगढ़ ग्राम रोजगार सहायक संघ के आह्वान पर मनेन्द्रगढ़ ब्लॉक के रोजगार सहायक जनपद कार्यालय के सामने धरने पर बैठे हैं. रोजगार सहायक वेतन में बढ़ोतरी और नियमितीकरण की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं.
रोजगार सहायकों का कहना है कि जब से मनरेगा अधिनियम लागू किया गया है, तब से मनरेगा कर्मचारी ग्राम रोजगार सहायक के पद पर हर ग्राम पंचायत में मानदेय पर नियुक्त किए गए हैं. जो पीछले 14-15 साल से ग्राम रोजगार सहायक मनरेगा सहित शासन के विभिन्न योजनाओं में अपनी सेवा दे रहे हैं. शासन की कोई भी महत्वपूर्ण योजना हो उसमें रोजगार सहायकों को जिम्मेदारी जरूर मिलती है. राशन कार्ड, स्मार्ट कार्ड, मतदाता सूची, निर्वाचन, गोधन न्याय योजना जैसी तमाम योजनाओं से संबंधित जो भी जिम्मेदारी मिलती है उसका निर्वहन रोजगार सहायक करते हैं, लेकिन आजतक रोजगार सहायकों का वेतनमान निर्धारण नहीं होना समझ से परे है.
रोजगार सहायकों की मांग
- ग्रेड के निर्धारण पर वेतनमान मिलना.
- सहायक सचिव घोसित कर सचिव की भर्ती में सीधी नियुक्ति.
- ग्राम पंचायतों को नगर पंचायत या नगर निगम में शामिल किया जाता है तो जो अभी के रोजगार सहायक है उन्हें सीधे रोजगार सहायक में सम्मिलित करना.
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कई सालों से हो रही मांग
रोजगार सहायक पीछले कई सालों से वेतनमान निर्धारण, नियमितीकरण, ग्राम पंचायत सचिव पद पर सीधी भर्ती, सहायक सचिव घोषित करने और नगरीय निकाय में सम्मिलित होने वाले ग्राम पंचायतों के रोजगार सहायकों को उसी निकाय में समायोजित करने की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे हैं.
वर्तमान सरकार ने विपक्ष में रहते हुए की थी हड़ताल
वर्तमान में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष और वर्तमान पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव ने विपक्ष में रहते हुए खुद इन मांगों को लेकर हड़ताल किये थे. साथ ही घोषणा पत्र में भी इन मांगों को शामिल किया गया था. जिससे रोजगार सहायकों की उम्मीद नई सरकार बनते ही बढ़ गई. सरकार बने अब तक दो साल पूरे हो चुके हैं. लेकिन अब तक रोजगार सहायकों की मांग पर किसी तरह की कोई पहल नहीं की गई है.