बिलासपुर : बिलासपुर वन मंडल कार्यालय के बाहर छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी के बैनर तले कर्मचारियों ने अनिश्चिकालीन हड़ताल पर बैठ गए. कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से वन कार्यालय और जंगलों की सुरक्षा को लेकर काम बंद रहा. जंगल और जानवरों की सुरक्षा करने वाले हड़ताल पर रहेंगे तो उनकी सुरक्षा कौन करेगा? ऐसे में आने वाले दिनों में जंगल और जंगली जानवर भगवान भरोसे...
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एक लंबे समय बाद 11 सूत्री मांगों को लेकर वन कर्मचारी सड़क पर उतरने को मजबूर हो गए हैं. बिलासपुर वन मंडल कार्यालय के बाहर छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है. वेतन विसंगति के आलावा कई अन्य मांगें शामिल हैं. हड़ताल का असर भी कार्यालय में नजर आया. विभाग में कर्मचारियों की मौजूदगी नाममात्र दिखी. दूसरी तरफ सबसे महत्त्वपूर्ण जंगलों की सुरक्षा है, जो इन कर्मचारियों के कंधे पर है. ये सारे कर्मचारी हड़ताल पर हैं. ऐसे में अनुमान लगाया जा सकता है कि जंगलों की सुरक्षा अब भगवान भरोसे ही है.
बिलासपुर संभाग में है टाइगर रिजर्व
बिलासपुर संभाग के मुंगेली और जीपीएम (गौरेला पेंड्रा मरवाही) जिला के अंतर्गत अचानकमार टाइगर रिजर्व का क्षेत्र है. ऐसे में तृतीय वर्ग के कर्मचारियों के भरोसे जंगल और जंगली जानवरों की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई है. अचानकमार टाइगर रिजर्व में जंगली जानवरों के शिकार होने की कई घटनाएं सामने आ चुकी है.
इसके अलावा गर्मी के मौसम में आग भी लगती है. यह कर्मचारी ड्यूटी में मौजूद होने के दौरान आग की घटनाओं को रोकने और शिकार होने से रोकते हैं. इन कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से अब जंगल और जंगली जानवर भगवान भरोसे हो गए हैं.