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गौरेला पेंड्रा मरवाही में बुजुर्गों के बुरे दिन, नमक के साथ चावल खाने को मजबूर - Elderly are forced to eat rice with salt

गौरेला पेंड्रा मरवाही में महीनों से बुजुर्गों को वृद्धा पेंशन नहीं मिल रही है. जिसके कारण लाभार्थी बुजुर्गों की हालत दयनीय हो गई है. ये बुजुर्ग दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है.

old age pension
वृद्धा पेंशन
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Published : May 4, 2023, 4:26 PM IST

नहीं मिल रहा बुजुर्गों को वृद्धा पेंशन

गौरेला पेंड्रा मरवाही: सरकार की महत्वाकांक्षी वृद्धा पेंशन योजना बुजुर्गों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. लेकिन गौरेला पेंड्रा मरवाही में पिछले 4 से 6 माह से वृद्धा पेंशन हितग्राहियों को नहीं मिली है. जिले में 10 हजार 510 वृद्धा पेंशन पाने वाले बुजुर्ग हैं. अब सभी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं. इनकी सुध लेने वाला भी कोई नहीं है.

पेंशन न मिलने से असहाय हुए लोग: पेंशन नहीं मिलने से बुजुर्ग परेशान हैं. अपनी जरूरत की चीजों के लिए भी इन्हें दूसरों के अधीन रहना पड़ रहा है. पेंशन न मिलने से ग्रामीण क्षेत्रों में बुजुर्गों की स्थिती दयनीय हो चुकी है.

चावल भाजी में करना पड़ रहा गुजारा: बुजुर्गों का कहना है कि 1 रुपए प्रति किलो की दर से राशन दुकान से चावल मिल जाता था तो जैसे तैसे गुजारा हो जाता था. लेकिन बीते 4-6 माह से पेंशन न मिलने से काफी दिक्कतें हो रही है. लोगों का कहना है कि राशन दुकान से लिया हुआ चावल तो है पर साथ में खाने को सब्जी नहीं है. कुछ लोग सूखी भाजी को पानी में उबाल कर खा रहे हैं. तो कोई सिर्फ नमक के साथ ही चावल खाने को मजबूर हैं.

यह भी पढ़ें: bastar mahabandh: बस्तरवासियों ने की रावघाट जगदलपुर रेल लाइन विस्तार की मांग

भूल चुके हैं सब्जी का स्वाद: एक बुजुर्ग का कहना है कि पड़ोसी कुछ सब्जी दे देता है तो उसे भी अच्छे से बनाने के लिए किराना का सामान नहीं है. किसी दिन भूखे पेट भी सोना पड़ जाता है. हम तो अच्छी सब्जी का स्वाद भूल चुके हैं."

तकनीकी समस्या की दलील: कंप्यूटर ऑपरेटर राम सिंह ध्रुव के मुताबिक कुछ तकनीकी समस्या है. पहले रायपुर को सूचना दी गई. रायपुर से दिल्ली को इंफार्म किया गया है. सर्वर की समस्या है. वहीं इस मामले में अधिकारियों ने फिलहाल चुप्पी साध रखी है.

नहीं मिल रहा बुजुर्गों को वृद्धा पेंशन

गौरेला पेंड्रा मरवाही: सरकार की महत्वाकांक्षी वृद्धा पेंशन योजना बुजुर्गों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. लेकिन गौरेला पेंड्रा मरवाही में पिछले 4 से 6 माह से वृद्धा पेंशन हितग्राहियों को नहीं मिली है. जिले में 10 हजार 510 वृद्धा पेंशन पाने वाले बुजुर्ग हैं. अब सभी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं. इनकी सुध लेने वाला भी कोई नहीं है.

पेंशन न मिलने से असहाय हुए लोग: पेंशन नहीं मिलने से बुजुर्ग परेशान हैं. अपनी जरूरत की चीजों के लिए भी इन्हें दूसरों के अधीन रहना पड़ रहा है. पेंशन न मिलने से ग्रामीण क्षेत्रों में बुजुर्गों की स्थिती दयनीय हो चुकी है.

चावल भाजी में करना पड़ रहा गुजारा: बुजुर्गों का कहना है कि 1 रुपए प्रति किलो की दर से राशन दुकान से चावल मिल जाता था तो जैसे तैसे गुजारा हो जाता था. लेकिन बीते 4-6 माह से पेंशन न मिलने से काफी दिक्कतें हो रही है. लोगों का कहना है कि राशन दुकान से लिया हुआ चावल तो है पर साथ में खाने को सब्जी नहीं है. कुछ लोग सूखी भाजी को पानी में उबाल कर खा रहे हैं. तो कोई सिर्फ नमक के साथ ही चावल खाने को मजबूर हैं.

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भूल चुके हैं सब्जी का स्वाद: एक बुजुर्ग का कहना है कि पड़ोसी कुछ सब्जी दे देता है तो उसे भी अच्छे से बनाने के लिए किराना का सामान नहीं है. किसी दिन भूखे पेट भी सोना पड़ जाता है. हम तो अच्छी सब्जी का स्वाद भूल चुके हैं."

तकनीकी समस्या की दलील: कंप्यूटर ऑपरेटर राम सिंह ध्रुव के मुताबिक कुछ तकनीकी समस्या है. पहले रायपुर को सूचना दी गई. रायपुर से दिल्ली को इंफार्म किया गया है. सर्वर की समस्या है. वहीं इस मामले में अधिकारियों ने फिलहाल चुप्पी साध रखी है.

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