बिलासपुर: छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने शनिवार को इतिहास रचा है. यहां देश के पहली E- लोक अदालत में कई मामलों की सुनवाई हुई. शनिवार सुबह 10:30 बजे मुख्य न्यायाधीश पीआर रामचंद्र मेनन की ओर से छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम से इसका उद्घाटन किया गया. कोरोना संक्रमण की वजह से लोग आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं, ऐसे में दीवानी मुकदमों के निराकरण के लिए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट और राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने ई-लोक अदालत लगाने का निर्णय लिया. ई-लोक अदालत हाईकोर्ट के साथ सभी जिला न्यायालयों और तहसील न्यायालयों में भी आयोजित की जा रही है.
छत्तीसगढ़ देश का पहला ऐसा राज्य बना है, जहां कोविड-19 (Covid-19) के संकट काल में पक्षकारों को राहत दिलाने के लिए विशेष 'E-लोक अदालत' का आयोजन किया गया है. शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बिलासपुर में एक राज्य-स्तरीय ई-लोक अदालत आयोजित की गई.
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इस मामलों के होंगे निराकरण
छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष जस्टिस प्रशांत मिश्रा ने ई-लोक अदालत के संबंध में बताया कि छत्तीसगढ़ में 11 जुलाई को आयोजित ई-लोक अदालत में हाईकोर्ट सहित राज्य भर के विभिन्न जिलों की 200 से अधिक खंडपीठों में तीन हजार से अधिक मामलों की सुनवाई हुई. जस्टिस मिश्रा ने बताया कि समझौता योग्य प्रकरणों, पारिवारिक मामले, मोटर दुर्घटना दावा, चेक बाउंस के प्रकरण आदि धन संबंधी मामले प्रायः लोक अदालत के माध्यम से निराकृत किए जाते हैं.
सुबह 11बजे से शाम 5 बजे तक होगा आयोजन
पक्षकारों की ओर से ई-लोक अदालत के माध्यम से समझौते के लिए जब फार्म भरे गए, उसी समय उन्हें लिंक उपलब्ध करा दिया गया. ई-लोक अदालत में पक्षकार और वकील अपने-अपने घरों में बैठकर दिए गए लिंक के माध्यम से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट से जुड़ सके. पक्षकारों और वकीलों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से यदि जुड़ने में दिक्कत होगी, तब उन्हें यह भी सुविधा दी गई है कि वे व्हाट्सअप वीडियो कॉल करके अपना पक्ष रख सकेंगे. मामलों की सुनवाई के दौरान पक्षकार, वकील दोनों को कोर्ट आने की जरूरत नहीं होगी. शनिवार सुबह 11बजे से शाम 5 बजे तक लोक अदालतों का आयोजन किया जाएगा.