बिलासपुर: शहर के लोगों को ताजी हवा खिलाने के लिए बिलासा ताल खोला गया. लेकिन ये पिकनिक स्पॉट अब बदहाल हो गया है. सही तरीके से देखरेख नहीं होने के कारण बिलासा ताल की दुर्दशा हो गई है. मेंटेनेंस के अभाव में मनोरंजन के लिए लगाए गए झूले, शेड, ब्रिज, बोट सभी खराब हो चुके हैं. शहर से लगे पिकनिक स्पॉट के बदहाल होने से लोगों का आना-जाना भी कम हो गया है. जिससे ना तो रेवेन्यू मिल रहा है और ना ही शासन की तरफ से इसके सुधार के लिए बजट पास हो रहा है.
शहर से लगे कोनी में पर्यटकों के लिए पिकनिक स्पॉट के तौर पर साल 2010 में बिलासा ताल का निर्माण किया गया था. प्राकृतिक स्वरूप देने के लिए जीव जंतुओं की बड़ी-बड़ी मूर्तियां, मनोरंजन के लिए झूले, शेड सहित अन्य आकर्षक कलाकृतियां भी स्थापित की गई. जो शुरुआत में पर्यटकों के बीच लोकप्रिय रहीं. लेकिन समय के साथ देख-रेख के अभाव में इसकी स्थिति बदहाल होती गई. अब हालत ऐसा है कि, बिलासा ताल खस्ताहाल हो गया है. ब्रिज, झूले, शेड टूट गए हैं. बदहाली के कारण पर्यटकों का भी आना कम हो गया है.
मेंटेनेंस के लिए नहीं फंड
इधर इस बदहाली के बीच विभाग के पास इसके मेंटेनेंस के लिए फंड नहीं है. पर्यटकों की कमी के कारण उनसे मिलने वाली टोकन मनी में भी कमी आ गई है. लिहाजा विभाग भी अब इसके संचालन में ज्यादा इंट्रेस्ट नहीं दिखा रहा है. हालांकि वन विभाग के आला अधिकारी बिलासा ताल की स्थिति के लिए कोरोना संक्रमण काल को जिम्मेदार बता रहे हैं. उनका कहना है, कोरोना संक्रमण काल के कारण लंबे समय तक बिलासा ताल के बंद रहने के के कारण मेंटनेंस में कमी आई है. लेकिन इसे फिर से पहले की तरह बनाने की कोशिश की जा रही है.
कोरोना के कारण पर्यटकों में हुई कमी
DFO कुमार निशांत ने बताया कि पिछले 2 साल से कोरोना काल के कारण बिलासा ताल में पर्यटकों में कमी आई है. जिससे मेंटनेंस नहीं हो पा रहा था. उन्होंने बताया कि अब धीरे-धीरे बिलासा ताल की सफाई और दूसरे मेंटनेंस का काम शुरू कर दिया गया है. जल्द ही बिलासा ताल अपने ओरिजनल रूप में आ जाएगा.
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पर्यटकों को लुभाने की योजना हुई असफल
कोनी मार्ग पर स्थित ये पिकनिक स्पॉट काफी बड़ा है. हरियाली के साथ तालाब भी है. इसके कारण यह बेहद सुंदर नजर आता है. विभाग इसे अभी पर्यटकों के लिए सुबह साढ़े 9 बजे खोलता है. शाम को बंद हो जाता है. पर्यटकों का रुझान और आय बढ़ाने के लिए वन विभाग ने इसे विवेकानंद उद्यान की तरह सुबह पांच बजे खोलने का निर्णय लिया था. इसकी योजना भी बनाई गई. जिससे की लोग हरियाली के बीच सुबह की ताजी हवा लेने के लिए पहुंच सके. लेकिन यह योजना सफल नहीं हो पाई. शहर में सिर्फ एक विवेकानंद उद्यान है. जहां भीड़ रहती है. इसके कारण लोग खुलकर सैर भी नहीं कर पाते हैं.
इसी तरह पर्यटकों की संख्या कानन पेंडारी चिड़ियाघर में भी काफी कम हुई है. DFO कुमार निशांत ने ETV भारत से बताया कि कानन पेंडारी के मास्टर प्लान के लिए भी स्वीकृति मिल गई है. जल्द ही इसके लिए फंड मिलना शुरू हो जाएगा. इस समय अनलॉक के बाद कानन पेंडारी खुल गया है. जिससे हर रोज ज्यादा से ज्यादा पर्यटक आ रहे हैं.