बिलासपुर: मस्तूरी क्षेत्र में विभागीय लापरवाही के कारण एक दिव्यांग बुजुर्ग महिला अपने ही घर से बेघर होने को मजबूर हो गई है. महिला के पास रहने का कोई ठिकाना नहीं है. महिला खुले आसमान के नीचे जीवन बिताने को मजबूर है. मामला रोजगार सहायक की बड़ी लापरवाही से जुड़ा हुआ है. मस्तूरी के ग्राम देवरी में 65 साल की शांति बाई सूर्यवंशी रोजगार सहायक के लापरवाही के कारण बेघर हो गई है.
दरअसल रोजगार सहायक विनोद साहू ने बीते दिनों शांति बाई को बताया कि उनका नाम पर प्रधानमंत्री आवास योजना में आया है. रोजगार सहायक ने शांति बाई के घर को बनवाने के लिए पुराना घर को तोड़वा दिया. लेकिन कुछ दिनों बाद पता चला कि यह आवास किसी और शांति बाई नाम की हितग्राही के लिए आया है. इस बीच महिला का पूरा घर टूट गया था. अब महिला बेघर जिंदगी बिताने को मजबूर है.
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शांति के पास नहीं है पैरों का पूरा सहारा
बता दें शांति बाई के पैर ठीक से काम नहीं करते हैं. पति की मौत भी बहुत पहले हो गई थी. वर्तमान में शांति बाई बिलकुल अकेली है. रोजगार सहायक की लापरवाही के कारण घर टूट जाने की शिकायत बुजुर्ग महिला ने 15 फरवरी को कलेक्टर कार्यालय में किया था. जिम्मेदार अधिकारी जांच की बात कहकर पल्ला झाड़ रहे हैं. एक बुजुर्ग असहाय महिला की सुध लेने वाला फिलहाल कोई नहीं है.