ETV Bharat / state

छत्तीसगढ़ में फिर मचा शराब पर बवाल, हमलावर हुआ विपक्ष

छत्तीसगढ़ में शराब की दुकानें खुलते ही नेता प्रतिपक्ष ने सरकार पर हमला करना शुरू कर दिया है. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि पहले सरकार दुकानों में ही शराब बेचती थी, लेकिन अब जो घर पहुंच सेवा शुरू करने जा रही है, वह गलत है.

dharamlal-kaushik-opposing-the-opening-of-liquor-shop-in-chhattisgarh
शराब पर सियासत
author img

By

Published : May 4, 2020, 7:59 PM IST

Updated : May 4, 2020, 10:35 PM IST

बिलासपुर: केंद्र सरकार ने सभी राज्यों में नियम-शर्तों के साथ शराब दुकानों को खोलने की अनुमति दे दी है. अनुमति मिलते ही छत्तीसगढ़ में भी सोमवार से शराब दुकानें खुल गई हैं. अब शराब दुकानों के खुलते ही प्रदेश में सियासत भी शुरू हो गई है. छत्तीसगढ़ सरकार शराब दुकान खोले जाने के पीछे राजस्व हित का हवाला दे रही है, तो वहीं विपक्ष इस पर भूपेश सरकार पर हमलावर है.

शराब पर बवाल

पढ़ें:मदिरा प्रेमियों के लिए आज का दिन रहा खास, उधार लेकर पहुंचे शराब खरीदने

दरअसल, बीते दिनों जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि जान और जहान दोनों जरूरी है, तो तमाम विश्लेषकों ने प्रधानमंत्री के शब्द जहान को अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के रूप में देखा था, लेकिन शायद ही किसी को यह उम्मीद रही होगी कि जहान को पटरी पर लाने की जो सबसे पहली कवायद होगी, वह शराब दुकानों को खोलने के रूप में होगी. भूपेश सरकार ने भी आनन-फानन में राजस्व हित का हवाला देते हुए शराब दुकानें खोलने की इजाजत दे दी, लेकिन अब बीजेपी इसे लेकर सरकार पर हमलावर हो गई है.

Dharamlal Kaushik opposing the opening of liquor shop in Chhattisgarh
शराब दुकानों में भीड़

पढ़ें: शराब दुकान खुलने के बाद देखिए छत्तीसगढ़ का हाल

नेता प्रतिपक्ष ने पूर्ण शराबबंदी को दिलाया याद

ETV भारत की टीम ने जब शहर के कुछ शराब दुकानों का जायजा लिया, तो वहां लोगों की की भीड़ दिखी. दुकान खुलने से शराब के शौकीन कुछ हद तक उत्साहित भी नजर आए, लेकिन पुलिस के लिए भी शराब के शौकीनों को नियंत्रित करना आसान नहीं था. सोशल डिस्टेंसिंग तो दूर- दूर तक नहीं दिखा, बल्कि इस दौरान लॉकडाउन का मजाक जरूर बनाया गया.

इससे पहले ETV भारत के माध्यम से नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने पूर्ण शराबबंदी के सरकार के वादों को याद दिलाया था. उन्होंने कहा था कि क्यों न इस बुरी आदत को यहीं तिलांजलि दे दी जाए, लेकिन राजस्व की उगाही इतनी महत्वपूर्ण हो गई कि विपक्ष की अच्छी नसीहत भी सरकार को नागवार गुजरी.

पढ़ें:सारे नियम तार-तार, मयखानों पर लगी दीवानों की कतार

सवालों के घेरे में छत्तीसगढ़ सरकार
बहरहाल, सरकार के इस आदेश से न सिर्फ विपक्ष को बैठे-बिठाए एक मुद्दा मिल गया है, बल्कि कहीं न कहीं सभ्य समाज भी आज खुद को लज्जित महसूस कर रहा है. सवाल यह भी है कि राजस्व उगाही का यह खेल बगैर नशे के कारोबार के संभव नहीं है क्या. सवाल यह भी है कि सरकार की अपने ही घोषणापत्र में पूर्ण शराबबंदी की बातें क्या महज एक छलावा थी और सवाल यह भी है कि पूर्ण शराबबंदी के लिए माकूल समय की बात करने वाली राज्य सरकार के पास 40 दिनों का लॉकडाउन का पीरियड एक शुभ मुहूर्त नहीं था क्या ?

बिलासपुर: केंद्र सरकार ने सभी राज्यों में नियम-शर्तों के साथ शराब दुकानों को खोलने की अनुमति दे दी है. अनुमति मिलते ही छत्तीसगढ़ में भी सोमवार से शराब दुकानें खुल गई हैं. अब शराब दुकानों के खुलते ही प्रदेश में सियासत भी शुरू हो गई है. छत्तीसगढ़ सरकार शराब दुकान खोले जाने के पीछे राजस्व हित का हवाला दे रही है, तो वहीं विपक्ष इस पर भूपेश सरकार पर हमलावर है.

शराब पर बवाल

पढ़ें:मदिरा प्रेमियों के लिए आज का दिन रहा खास, उधार लेकर पहुंचे शराब खरीदने

दरअसल, बीते दिनों जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि जान और जहान दोनों जरूरी है, तो तमाम विश्लेषकों ने प्रधानमंत्री के शब्द जहान को अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के रूप में देखा था, लेकिन शायद ही किसी को यह उम्मीद रही होगी कि जहान को पटरी पर लाने की जो सबसे पहली कवायद होगी, वह शराब दुकानों को खोलने के रूप में होगी. भूपेश सरकार ने भी आनन-फानन में राजस्व हित का हवाला देते हुए शराब दुकानें खोलने की इजाजत दे दी, लेकिन अब बीजेपी इसे लेकर सरकार पर हमलावर हो गई है.

Dharamlal Kaushik opposing the opening of liquor shop in Chhattisgarh
शराब दुकानों में भीड़

पढ़ें: शराब दुकान खुलने के बाद देखिए छत्तीसगढ़ का हाल

नेता प्रतिपक्ष ने पूर्ण शराबबंदी को दिलाया याद

ETV भारत की टीम ने जब शहर के कुछ शराब दुकानों का जायजा लिया, तो वहां लोगों की की भीड़ दिखी. दुकान खुलने से शराब के शौकीन कुछ हद तक उत्साहित भी नजर आए, लेकिन पुलिस के लिए भी शराब के शौकीनों को नियंत्रित करना आसान नहीं था. सोशल डिस्टेंसिंग तो दूर- दूर तक नहीं दिखा, बल्कि इस दौरान लॉकडाउन का मजाक जरूर बनाया गया.

इससे पहले ETV भारत के माध्यम से नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने पूर्ण शराबबंदी के सरकार के वादों को याद दिलाया था. उन्होंने कहा था कि क्यों न इस बुरी आदत को यहीं तिलांजलि दे दी जाए, लेकिन राजस्व की उगाही इतनी महत्वपूर्ण हो गई कि विपक्ष की अच्छी नसीहत भी सरकार को नागवार गुजरी.

पढ़ें:सारे नियम तार-तार, मयखानों पर लगी दीवानों की कतार

सवालों के घेरे में छत्तीसगढ़ सरकार
बहरहाल, सरकार के इस आदेश से न सिर्फ विपक्ष को बैठे-बिठाए एक मुद्दा मिल गया है, बल्कि कहीं न कहीं सभ्य समाज भी आज खुद को लज्जित महसूस कर रहा है. सवाल यह भी है कि राजस्व उगाही का यह खेल बगैर नशे के कारोबार के संभव नहीं है क्या. सवाल यह भी है कि सरकार की अपने ही घोषणापत्र में पूर्ण शराबबंदी की बातें क्या महज एक छलावा थी और सवाल यह भी है कि पूर्ण शराबबंदी के लिए माकूल समय की बात करने वाली राज्य सरकार के पास 40 दिनों का लॉकडाउन का पीरियड एक शुभ मुहूर्त नहीं था क्या ?

Last Updated : May 4, 2020, 10:35 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.