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सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा रिजल्ट पर मंडराया खतरा, हाईकोर्ट की शरण में अभ्यर्थी - सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा

Sub Inspector Recruitment Exam छत्तीसगढ़ सब इंस्पेक्टर परीक्षा के फाइनल रिजल्ट को लेकर हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई है. जिसमें ये कहा गया है कि बिना विसंगतियों को दूर किए ही आनन फानन में भर्ती परीक्षा ली गई.जिससे करीब 2500 अभ्यर्थी पहले ही दौर में बाहर हो गए. इस परीक्षा को रद्द करने के लिए हाईकोर्ट में की शरण में अभ्यर्थी चले गए हैं.Bilaspur High Court

Sub Inspector Recruitment Exam
सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा पर मंडराए खतरे के बादल
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Nov 28, 2023, 6:38 PM IST

बिलासपुर : छत्तीसगढ़ गृह विभाग ने सब इंस्पेक्टर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी कर प्रक्रिया शुरू की थी.जिसमें साक्षात्कार के बाद अब फाइनल रिजल्ट आना है.लेकिन रिजल्ट आने से पहले ही कई अभ्यर्थी कोर्ट पहुंच गए.जिसके कारण कोर्ट ने फाइनल रिजल्ट पर रोक लगा दी. आपको बता दें कि भर्ती प्रक्रिया शुरुआत से ही विवादों में है. क्योंकि सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा में प्रारंभिक चरण से ही लगभग 25 सौ पुरुष अभ्यर्थियों को पुलिस विभाग की गलती के कारण बाहर होना पड़ा. इस परीक्षा में कई विसंगतियों के बावजूद विभाग इसे पूरा करना चाहता है. इसलिए याचिकाकर्ताओं ने परीक्षा को निरस्त करने की मांग की है. 120 अभ्यर्थियों ने इसे निरस्त करने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिकाएं लगाई हैं.

क्या है याचिका ? : याचिकाओं में कहा गया है कि विभाग इस प्रक्रिया को जल्द पूरा करने के लिए हड़बड़ी कर रहा है. परीक्षा के दौरान इसमें कई त्रुटि थी जिसे अभ्यर्थियों ने परीक्षा के समय ही विभाग को बताया था. फिर भी विभाग इस भर्ती प्रक्रिया को अगले चरण में ले गया. फिलहाल भर्ती को लेकर 20 से अधिक याचिकाएं लंबित हैं. इसमें अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट को बताया है कि पुलिस विभाग और राज्य शासन की मंशा 2018 से लंबित सब इंस्पेक्टर भर्ती प्रक्रिया जल्दबाजी में पूरी करने की है.

क्या है अभ्यर्थियों की मांग ? : अभ्यर्थियों ने पुलिस विभाग और शासन से मांग की है कि सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा के सभी चरणों में विसंगतियों को दूर करने के लिए मुख्य परीक्षा को निरस्त किया जाए.इसके बाद प्रारंभिक परीक्षा से बाहर हुए लगभग 2500 अभ्यर्थियों को शामिल करते हुए दोबारा परीक्षा ली जाए. ताकि सभी अभ्यर्थियों के साथ न्याय हो सके. पूरी भर्ती प्रक्रिया पर अनियमिताओं के कारण ही हाईकोर्ट ने निर्णय आने तक परीक्षा के अंतिम परिणाम पर रोक लगा रखी है. इस मामले अभ्यर्थियों ने हाई कोर्ट से भी यही मांग की है.

क्यों परीक्षा को लेकर उठे सवाल : हाईकोर्ट में लगी याचिका में याचिकाकर्ताओं ने बताया कि शासन ने विसंगतियों का निराकरण किए बिना आनन फानन में मुख्य परीक्षा का आयोजन 12 दिनों में ही कर लिया था.जो उचित नहीं है. मुख्य परीक्षा में भी पहले चरण की तरह गलतियों को दोहराया गया. जिसमें 400 से अधिक पुरुष अभ्यर्थी और भूतपूर्व सैनिक विभागीय आरक्षण, आरक्षण रोस्टर का सही ढंग से पालन न करने की वजह से बाहर हो गए. इसके बाद अभ्यर्थियों ने फिर से हाईकोर्ट की शरण ली. कोर्ट ने भी माना कि इसमें बहुत सी विसंगतियां है और पुलिस विभाग को विसंगति दूर करने के निर्देश दिए. लेकिन पुलिस विभाग व् इन निर्देशों की अवहेलना कर विसंगतियों को दूर किए बिना ही शारीरिक दक्षता परीक्षा और अंत में साक्षात्कार की प्रक्रिया पूर्ण कर ली.

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क्या है याचिका ? : याचिकाओं में कहा गया है कि विभाग इस प्रक्रिया को जल्द पूरा करने के लिए हड़बड़ी कर रहा है. परीक्षा के दौरान इसमें कई त्रुटि थी जिसे अभ्यर्थियों ने परीक्षा के समय ही विभाग को बताया था. फिर भी विभाग इस भर्ती प्रक्रिया को अगले चरण में ले गया. फिलहाल भर्ती को लेकर 20 से अधिक याचिकाएं लंबित हैं. इसमें अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट को बताया है कि पुलिस विभाग और राज्य शासन की मंशा 2018 से लंबित सब इंस्पेक्टर भर्ती प्रक्रिया जल्दबाजी में पूरी करने की है.

क्या है अभ्यर्थियों की मांग ? : अभ्यर्थियों ने पुलिस विभाग और शासन से मांग की है कि सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा के सभी चरणों में विसंगतियों को दूर करने के लिए मुख्य परीक्षा को निरस्त किया जाए.इसके बाद प्रारंभिक परीक्षा से बाहर हुए लगभग 2500 अभ्यर्थियों को शामिल करते हुए दोबारा परीक्षा ली जाए. ताकि सभी अभ्यर्थियों के साथ न्याय हो सके. पूरी भर्ती प्रक्रिया पर अनियमिताओं के कारण ही हाईकोर्ट ने निर्णय आने तक परीक्षा के अंतिम परिणाम पर रोक लगा रखी है. इस मामले अभ्यर्थियों ने हाई कोर्ट से भी यही मांग की है.

क्यों परीक्षा को लेकर उठे सवाल : हाईकोर्ट में लगी याचिका में याचिकाकर्ताओं ने बताया कि शासन ने विसंगतियों का निराकरण किए बिना आनन फानन में मुख्य परीक्षा का आयोजन 12 दिनों में ही कर लिया था.जो उचित नहीं है. मुख्य परीक्षा में भी पहले चरण की तरह गलतियों को दोहराया गया. जिसमें 400 से अधिक पुरुष अभ्यर्थी और भूतपूर्व सैनिक विभागीय आरक्षण, आरक्षण रोस्टर का सही ढंग से पालन न करने की वजह से बाहर हो गए. इसके बाद अभ्यर्थियों ने फिर से हाईकोर्ट की शरण ली. कोर्ट ने भी माना कि इसमें बहुत सी विसंगतियां है और पुलिस विभाग को विसंगति दूर करने के निर्देश दिए. लेकिन पुलिस विभाग व् इन निर्देशों की अवहेलना कर विसंगतियों को दूर किए बिना ही शारीरिक दक्षता परीक्षा और अंत में साक्षात्कार की प्रक्रिया पूर्ण कर ली.

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