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अस्पताल को पहुंचा लेकिन नहीं मिला इलाज, भिनभिनाती रही मक्खियां, हुई मौत

अस्पताल की दहलीज पर एक अज्ञात व्यक्ति की तड़प-तड़पकर मौत हो गई, लेकिन अस्पताल प्रबंधन के किसी कर्मचारी ने उस व्यक्ति को इलाज के लिए भर्ती नहीं कराया.

अस्पताल परिसर में एक युवक की मौत
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Published : Aug 9, 2019, 9:08 PM IST

बिलासपुर: गौरेला के एमसीएच अस्पताल में मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है. जहां एक अज्ञात व्यक्ति अस्पताल परिसर में बने प्रतीक्षालय भवन में इलाज के लिए इंतजार करते-करते मर गया. इस दौरान उसके शरीर पर हजारों मक्खियां भिनभिनाती रही, लेकिन इस व्यक्ति की किसी ने सुध नहीं ली. इसके बाद आखिरकार उसकी मौत हो गई.

अस्पताल परिसर में एक युवक की मौत

मामला गौरेला विकासखंड के मातृ एवं शिशु अस्पताल का है. जहां 7 अगस्त को सारबहरा रेलवे स्टेशन पर बीमार पड़े व्यक्ति को 108 एंबुलेंस से इलाज के लिए MCH अस्पताल लाया गया था, लेकिन बेसुध और बीमार व्यक्ति अपने परिजनों का पता और नाम बताने में पूरी तरह सक्षम नहीं था, जिससे उसका किसी ने सुध नहीं लिया.

अस्पताल में किसी ने नहीं कराया भर्ती
इस व्यक्ति का एक हाथ टूटा हुआ था, जिसमें काफी सूजन आ गई थी. लेकिन पीड़ित टूटे हाथ से भी मक्खियों को भगाने की कोशिश करता रहा. अस्पताल परिसर में पड़े होने के बावजूद अस्पताल प्रशासन के दर्जनों कर्मचारी वहां से गुजरते रहे, लेकिन किसी ने भी इसे भर्ती कराने या इलाज की जहमत नहीं उठाई.

पढ़ें : झाड़-फूंक के चक्कर में हुई चूक, कुत्ते के काटने से ग्रामीण ने गंवाई जान

अस्पताल प्रबंधन पर उठ रहे सवाल
मामले में सामाजिक कार्यकर्ता आलोक तिवारी ने कहा कि खबर मिलने के बाद अस्पताल पहुंचे, लेकिन जब तक इलाज कराते तब तक वो अज्ञात व्यक्ति समय पर इलाज नहीं मिलने से दम तोड़ चुका था. पुलिस ने नगर पंचायत के सफाईकर्मियों की मदद से अंतिम संस्कार कराया, लेकिन इस तरह की लापरवाही ने अस्पताल प्रबंधन पर सवालिया निशान लगा दिया है.

बिलासपुर: गौरेला के एमसीएच अस्पताल में मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है. जहां एक अज्ञात व्यक्ति अस्पताल परिसर में बने प्रतीक्षालय भवन में इलाज के लिए इंतजार करते-करते मर गया. इस दौरान उसके शरीर पर हजारों मक्खियां भिनभिनाती रही, लेकिन इस व्यक्ति की किसी ने सुध नहीं ली. इसके बाद आखिरकार उसकी मौत हो गई.

अस्पताल परिसर में एक युवक की मौत

मामला गौरेला विकासखंड के मातृ एवं शिशु अस्पताल का है. जहां 7 अगस्त को सारबहरा रेलवे स्टेशन पर बीमार पड़े व्यक्ति को 108 एंबुलेंस से इलाज के लिए MCH अस्पताल लाया गया था, लेकिन बेसुध और बीमार व्यक्ति अपने परिजनों का पता और नाम बताने में पूरी तरह सक्षम नहीं था, जिससे उसका किसी ने सुध नहीं लिया.

अस्पताल में किसी ने नहीं कराया भर्ती
इस व्यक्ति का एक हाथ टूटा हुआ था, जिसमें काफी सूजन आ गई थी. लेकिन पीड़ित टूटे हाथ से भी मक्खियों को भगाने की कोशिश करता रहा. अस्पताल परिसर में पड़े होने के बावजूद अस्पताल प्रशासन के दर्जनों कर्मचारी वहां से गुजरते रहे, लेकिन किसी ने भी इसे भर्ती कराने या इलाज की जहमत नहीं उठाई.

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अस्पताल प्रबंधन पर उठ रहे सवाल
मामले में सामाजिक कार्यकर्ता आलोक तिवारी ने कहा कि खबर मिलने के बाद अस्पताल पहुंचे, लेकिन जब तक इलाज कराते तब तक वो अज्ञात व्यक्ति समय पर इलाज नहीं मिलने से दम तोड़ चुका था. पुलिस ने नगर पंचायत के सफाईकर्मियों की मदद से अंतिम संस्कार कराया, लेकिन इस तरह की लापरवाही ने अस्पताल प्रबंधन पर सवालिया निशान लगा दिया है.

Intro:cg_bls_03_death_avb_CGC10013

बिलासपुर गौरेला के एमसीएच अस्पताल में मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया जहां एक अज्ञात पीड़ित व्यक्ति अस्पताल परिसर में बने प्रतीक्षालय भवन में इलाज की प्रतीक्षा करते हुए जानवरो की तरह मर गया इस दौरान उसके शरीर पर हजारों मक्खियां भिनभिनाती रही पर अज्ञात व्यक्ति कि किसी ने सुध नहीं ली , घंटों जमीन पर जानवरों की तरह पड़े रहने के बाद अंततः उसकी मौत हो गई, मामले पर सामाजिक कार्यकर्ता अस्पताल प्रशासन पर कार्यवाही की मांग कर रहे हैं.. Body:cg_bls_03_death_avb_CGC10013

मामला गौरेला विकासखंड के 50 बिस्तरीय मातृ एवं शिशु अस्पताल का है जहां 7 अगस्त को सारबहरा रेलवे स्टेशन में बीमार पड़े व्यक्ति को 108 एंबुलेंस से इलाज के लिए एमसीएच अस्पताल लाया गया था पर बेसुध और बीमार यह व्यक्ति अपने परिजनों का पता और नाम बताने में पूरी तरह असमर्थ था जिसके बाद इसे अस्पताल परिसर मैं छोड़ दिया गया, कुछ देर बाद यह व्यक्ति अस्पताल परिसर में बने प्रतिक्षालय में जाकर लेट गया जहां हजारों मक्खियां इसके शरीर पर भिनभिनाती रही इस व्यक्ति का एक हाथ कलाई के नीचे से टूटा हुआ था जिसमें काफी सूजन आ गई थी, पर टूटे हाथ से भी वह मक्खियों को भगाने की भी कोशिश करता रहा, इस दौरान अस्पताल परिसर में पड़े होने के बावजूद अस्पताल प्रशासन के दर्जनों कर्मचारी वहाँ से गुजरे पर किसी ने इसे भर्ती कराने या इलाज की जहमत नहीं उठाई , गंदगी में गोबर और कचड़े के बीच पड़े लावारिस पर हजारों मच्छर मक्खियों ने अपना बसेरा बना लिया था, कुछ देर बाद इलाज कराने आए कुछ लोगों ने इसका वीडियो बनाकर सामाजिक कार्यकर्ताओं को भेजा जिसके बाद कुछ लोगों ने इसकी खोज खबर ली , पर जब तक इसे अस्पताल में भर्ती कराया जाता इलाज के अभाव में इस ने दम तोड़ दिया था, बाद में मृत शरीर को उठाकर फ्रीजर में रखा गया पुलिस को मार्ग इंटीमेशन कर अस्पताल प्रशासन ने अपनी जिम्मेदारियां पूरी कर ली, पुलिस ने इस लावारिस शव का नगर पंचायत के सफाई कर्मियों की मदद से अंतिम संस्कार कराया.. पर जिस तरह इस व्यक्ति की इलाज के अभाव में अस्पताल परिसर में पड़े मच्छर मक्खियों के बीच जानवरों की तरह मौत हुई उसने अस्पताल प्रशासन पर सवालिया निशान लगा दिया है कि क्या किसी गरीब असहाय निराश्रित बीमार को अस्पताल परिसर में भी इलाज नहीं मिलेगा..? Conclusion:cg_bls_03_death_avb_CGC10013

क्या यही है मानवता जिसने एक इंसान को जानवरों की मौत मरने छोड़ दिया...? मामले पर अस्पताल प्रशासन ने चुप्पी साध रखी है और कोई भी बोलने के लिए तैयार नहीं है

बाईट - आलोक तिवारी सामाजिक कार्यकर्ता
बाईट - आर कुमार - इंजीनियर नगर पंचायत गौरेला
बाईट - डी आर ठाकुर - सब इंस्पेक्टर गौरेला थाना

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