बिलासपुर: जर्मनी के पर्यावरण प्रेमी की साइकिल यात्रा इन दिनों चर्चा में हैं. दरअसल, जर्मनी के जोनास सोमर और स्लोवाकिया की हन्ना ओलोस ने साल 2022 के अप्रैल माह से विभिन्न देशों के लिए साइकिल यात्रा शुरू की थी. ये दोनों इस यात्रा के दौरान पर्यावरण पर शोध कर रहे हैं. मंगलवार को ये दोनों बिलासपुर पहुंचे हैं.
बाइकिंग फॉर बायो डायवर्जिंग: अपने इस यात्रा को इन्होंने "बाइकिंग फोर बायो डायवर्जिंग" नाम दिया है. ये दोनों ही पर्यावरण यात्री पर्यावरण वैज्ञानिक हैं. प्रकृति और पर्यावरण से जुड़े अलग उदाहरणों की खोज के लिए और दुनिया तक नॉलेज पहुंचाने के लिए इन्होंने अपनी यात्रा शुरू की है. इनकी ये यात्रा जर्मनी से शुरु होकर दक्षिण पूर्व एशिया तक जाएगी.
छत्तीसगढ़ पहुंचे पर्यावरण प्रेमी: बता दें कि जर्मनी के जोनास सोमर और स्लोवाकिया की हन्ना ओलोस दोनों साइक्लिस्ट पर्यावरण पर शोध कर रहे हैं. इन दिनों ये छत्तीसगढ़ पहुंचे हैं. मंगलवार को ये बिलासपुर पहुंचे. प्रकृति व पर्यावरण संरक्षण के अनूठे उदाहरणों की खोज करने और उन्हें दुनिया के साथ साझा करने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए इन्होंने यात्रा शुरू की. अपनी इस यात्रा के अंतर्गत दोनों वैज्ञानिक पर्यावरण प्रेमियों, संरक्षण वादियों, शोधकर्ताओं व अन्य स्थानीय लोगों के मध्यम से बताई गई बातों का दस्तावेजीकरण कर रहे हैं. दोनों वैज्ञानिक स्थानीय जैव विविधता बचाने के लिए भी काम करते हैं.
यहां इन पर्यावरण यात्रियों ने देखा कि पूरे छत्तीसगढ़ खासकर वनांचल क्षेत्र के जो लोग हैं वो प्रकृति पर ही निर्भर हैं. हालांकि क्षेत्र के विकास के नाम पर हो रहे कार्यों के कारण वनांचल क्षेत्र के लोगों को काफी दिक्कतें हो रही है. ऐसे कई चीजों पर ये पर्यावरण प्रेमी शोध कर रहे हैं. -पर्यावरण प्रेमी
इन जगहों पर की यात्रा: अब तक जोनास और हन्ना ने अपनी साइकिल से मरवाही, पेन्ड्रा, अमरकंटक, केवची, लमनी, छपरवा घूमा है. साथ ही अचानकमार में विभिन्न समुदायों से मुलाकात की है. दोनों ने शिवतराई जंगल भितान सांचा में नेचर स्टडी कैंप वन्यप्राणी और वनवासियों के संरक्षण को लेकर भी चर्चा की है.