बिलासपुर: छत्तीसगढ़ में अप्रत्यक्ष प्रणाली से महापौर का चुनाव होगा. प्रदेश में पार्षद, मेयर का चुनाव करेंगे. मध्य प्रदेश में पहले ही ये फैसला लिया जा चुका था. नगरीय निकाय चुनाव समिति की बैठक में ये फैसला लिया गया है.
बैठक के बाद समिति में शामिल कैबिनेट मंत्री शिव डहरिया, मोहम्मद अकबर और रविन्द्र चौबे ने इस बात की जानकारी दी है. नगरीय निकाय मंत्री शिव डहरिया ने कहा कि समिति ने फैसला लिया है कि छत्तीसगढ़ में अब अप्रत्यक्ष प्रणाली से मेयर का चुनाव होगा .
लोगों की ऐसी है प्रतिक्रिया
कुछ लोगों का कहना है कि इस प्रणाली को पहले भी अपनाया जा चुका है और इसमें कहीं कोई बुराई नहीं है. वहीं कुछ लोगों का मानना है कि पार्षद भी अपने वार्ड का प्रतिनिधि ही होता है, लिहाजा उन्हें मेयर चुनने का अगर अधिकार मिल गया तो इसमें कुछ गलत नहीं है.
वहीं कुछ लोगों ने इसे लोकतंत्र की हत्या करार देते हुए कहा कि यह लोकतंत्र की मूल अवधारणा की भावना पर प्रहार है. इस प्रणाली में कई विसंगतियां हो सकती है और जनता के अधिकार का हनन भी संभव है .