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Kalicharan gets bail:  कालीचरण को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से मिली जमानत, महात्मा गांधी पर की थी आपत्तिजनक टिप्पणी - छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट न्यूज

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले संत कालीचरण की जमानत पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई. देर शाम अदालत ने कालीचरण को जमानत दे दी.

Sant Kalicharan gets bail
संत कालीचरण को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से मिली जमानत
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Published : Apr 1, 2022, 7:45 PM IST

Updated : Apr 3, 2022, 9:48 PM IST

बिलासपुर: रायपुर की धर्म संसद में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले कालीचरण महाराज को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है. कालीचरण पिछले तीन महीने से रायपुर के सेंट्रल जेल में बंद थे. शुक्रवार को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में कालीचरण की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. बिलासपुर हाईकोर्ट ने कालीचरण को देर शाम जमानत दे दी. कालीचरण की तरफ से सीनियर एडवोकेट ने इस तरह के मामलों में सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का उल्लेख किया, साथ ही किताबों में लिखी हुई बातों को भी प्रस्तुत किया. दोनों पक्षों को सुनने के बाद जस्टिस अरविंद सिंह चंदेल ने पहले फैसला सुरक्षित रखा, फिर देर शाम कालीचरण को जमानत दे दी.

देर शाम कालीचरण को मिली जमानत: निचली अदालत से जमानत अर्जी खारिज होने के बाद कालीचरण के वकील मेहुल जेठानी ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी. याचिका में बताया गया था कि कालीचरण के खिलाफ पुलिस ने बाद में राजद्रोह का केस दर्ज किया है. कालीचरण के खिलाफ राजद्रोह का मामला नहीं बनता. शुक्रवार को जमानत अर्जी पर जस्टिस अरविंद सिंह चंदेल की बेंच में बहस हुई. कालीचरण की तरफ से सीनियर एडवोकेट किशोर भादुड़ी ने तर्क प्रस्तुत करते हुए कहा कि कालीचरण ने किताबों में लिखी बातों को सार्वजनिक मंच पर साझा किया. उनका उद्देश्य किसी की भावना को ठेस पहुंचाना नहीं था.

महात्मा गांधी पर विवादित टिप्पणी का मामला, संत कालीचरण के खिलाफ पेश हुआ चालान

एडवोकेट जनरल सुनील ओटवानी ने रखा सरकार का पक्ष: शासन की तरफ से एडिशनल एडवोकेट जनरल सुनील ओटवानी ने कहा कि महात्मा गांधी जैसे राष्ट्र पुरुष के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने के बाद भी कालीचरण को कोई पछतावा नहीं है, क्योंकि अपने बयान देने के चार दिन बाद उन्होंने यूट्यूब पर बयान अपलोड किया था और बोला था कि उन्हें कोई पछतावा नहीं है. ऐसे में जेल से बाहर आने के बाद वह फिर से ऐसी हरकतें कर सकता है और सांप्रदायिकता फैला सकता है, इसलिए कालीचरण को जमानत नहीं दिया जाना चाहिए. दोनों पक्षों को सुनने के बाद जस्टिस अरविंद सिंह चंदेल ने देर शाम कालीचरण को जमानत दे दी.

एमपी के खजुराहो से गिरफ्तार हुआ था कालीचरण: आपको बता दें कि संत कालीचरण महाराज के खिलाफ राजद्रोह समेत अनेक मामलों में रायपुर के टिकरापारा थाने में एफआईआर दर्ज किया गया था. जिसके बाद रायपुर पुलिस मध्य प्रदेश के खजुराहो स्थित लॉज से कालीचरण को गिरफ्तार कर रायपुर लाई थी. 31 दिसंबर 2021 से कालीचरण रायपुर के सेंट्रल जेल में बंद है. इससे पहले 21 मार्च 2022 को रायपुर पुलिस ने चालान पेश करने के लिए कोर्ट से 1 सप्ताह का समय मांगा था. जिसके बाद 29 मार्च को रायपुर पुलिस ने कालीचरण के खिलाफ चालान पेश किया.

बिलासपुर: रायपुर की धर्म संसद में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले कालीचरण महाराज को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है. कालीचरण पिछले तीन महीने से रायपुर के सेंट्रल जेल में बंद थे. शुक्रवार को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में कालीचरण की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. बिलासपुर हाईकोर्ट ने कालीचरण को देर शाम जमानत दे दी. कालीचरण की तरफ से सीनियर एडवोकेट ने इस तरह के मामलों में सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का उल्लेख किया, साथ ही किताबों में लिखी हुई बातों को भी प्रस्तुत किया. दोनों पक्षों को सुनने के बाद जस्टिस अरविंद सिंह चंदेल ने पहले फैसला सुरक्षित रखा, फिर देर शाम कालीचरण को जमानत दे दी.

देर शाम कालीचरण को मिली जमानत: निचली अदालत से जमानत अर्जी खारिज होने के बाद कालीचरण के वकील मेहुल जेठानी ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी. याचिका में बताया गया था कि कालीचरण के खिलाफ पुलिस ने बाद में राजद्रोह का केस दर्ज किया है. कालीचरण के खिलाफ राजद्रोह का मामला नहीं बनता. शुक्रवार को जमानत अर्जी पर जस्टिस अरविंद सिंह चंदेल की बेंच में बहस हुई. कालीचरण की तरफ से सीनियर एडवोकेट किशोर भादुड़ी ने तर्क प्रस्तुत करते हुए कहा कि कालीचरण ने किताबों में लिखी बातों को सार्वजनिक मंच पर साझा किया. उनका उद्देश्य किसी की भावना को ठेस पहुंचाना नहीं था.

महात्मा गांधी पर विवादित टिप्पणी का मामला, संत कालीचरण के खिलाफ पेश हुआ चालान

एडवोकेट जनरल सुनील ओटवानी ने रखा सरकार का पक्ष: शासन की तरफ से एडिशनल एडवोकेट जनरल सुनील ओटवानी ने कहा कि महात्मा गांधी जैसे राष्ट्र पुरुष के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने के बाद भी कालीचरण को कोई पछतावा नहीं है, क्योंकि अपने बयान देने के चार दिन बाद उन्होंने यूट्यूब पर बयान अपलोड किया था और बोला था कि उन्हें कोई पछतावा नहीं है. ऐसे में जेल से बाहर आने के बाद वह फिर से ऐसी हरकतें कर सकता है और सांप्रदायिकता फैला सकता है, इसलिए कालीचरण को जमानत नहीं दिया जाना चाहिए. दोनों पक्षों को सुनने के बाद जस्टिस अरविंद सिंह चंदेल ने देर शाम कालीचरण को जमानत दे दी.

एमपी के खजुराहो से गिरफ्तार हुआ था कालीचरण: आपको बता दें कि संत कालीचरण महाराज के खिलाफ राजद्रोह समेत अनेक मामलों में रायपुर के टिकरापारा थाने में एफआईआर दर्ज किया गया था. जिसके बाद रायपुर पुलिस मध्य प्रदेश के खजुराहो स्थित लॉज से कालीचरण को गिरफ्तार कर रायपुर लाई थी. 31 दिसंबर 2021 से कालीचरण रायपुर के सेंट्रल जेल में बंद है. इससे पहले 21 मार्च 2022 को रायपुर पुलिस ने चालान पेश करने के लिए कोर्ट से 1 सप्ताह का समय मांगा था. जिसके बाद 29 मार्च को रायपुर पुलिस ने कालीचरण के खिलाफ चालान पेश किया.

Last Updated : Apr 3, 2022, 9:48 PM IST
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