बिलासपुर: बेमेतरा कलेक्टर और नवागढ़ तहसीलदार को हाईकोर्ट का आदेश नहीं मानने पर अवमानना नोटिस जारी हुआ है. कोर्ट ने दो हफ्ते में जवाब तलब किया है.
बात दें, नवागढ़ के आदिवासी युवक कृष्ण ध्रुव ने नवागढ़ प्रशासन की ओर से दुकान और मकान तोड़े जाने के खिलाफ याचिका लगाई थी. जिस पर बीते 10 जुलाई को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आदेश जारी कर प्रशासन की कार्रवाई पर रोक लगा दी थी.
अधिकारियों ने लिखित में आदेश नहीं मिलने का दिया तर्क
हाईकोर्ट के आदेश जारी करने की जानकारी अतिरिक्त महाधिवक्ता ने तहसीलदार और कलेक्टर को दी थी. लेकिन लिखित में आदेश नहीं होने की बात कहते हुए कलेक्टर और तहसीलदर ने कार्रवाई पर रोक लगाने से इंकार कर दिया. वहीं जब याचिकाकर्ता ने कोर्ट के आदेश की जानकारी तहसीलदार को दी. जिसके बाद तहसीलदार के आदेश पर उसे तोड़फोड़ की कार्रवाई होने तक 3 घंटे के लिए जेल भेजा गया था.
कलेक्टर और तहसीलदार को उपस्थित होने को कहा था
पूरे मामले में हाईकोर्ट ने सुनवाई करने के बाद कलेक्टर और तहसीलदार को व्यक्तिगत रूप से सोमवार सुबह 10:30 बजे उपस्थित होने का आदेश जारी किया था. साथ ही कोर्ट ने नोटिस जारी कर दोनों से पूछा है कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना कि कार्यवाही शुरू की जाए.
काम नहीं आया स्पष्टीकरण
केस पर सोमवार को सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के सामने कलेक्टर और तहसीलदार की ओर से स्पष्टीकरण प्रस्तुत किया गया. लेकिन पेश किए गए स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं होते हुए जस्टिस पीसेम कोशी की सिंगल बेंच ने बेमेतरा कलेक्टर और नवागढ़ तहसीलदार को अवमानना नोटिस जारी कर 2 हफ्ते में जवाब तलब किया है.
फिर से उपस्थित होने का आदेश
मामले में कलेक्टर और तहसीलदार को दोबारा व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश जारी किया गया है. अब मामले में अगली सुनवाई 31 जुलाई को होगी.