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कोरिया जिले में किसान की जमीन पर गौठान का निर्माण, हाईकोर्ट ने गौठान निर्माण पर लगाई रोक

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कोरिया जिले में बनने वाले गौठान निर्माण पर आगामी सुनवाई तक रोक लगा दी है. याचिकाकर्ता सरकारी भूमि पर 60-70 सालों से काबिज होकर खेती का कार्य कर रहे है, लेकिन राज्य शासन ने बीते दिनों इस ज़मीन को गौठान निर्माण के लिए चयनित किया है.

Construction of Gouthan on farmer's land in Korea district, High court bans Gowthan construction
हाईकोर्ट ने गौठान निर्माण पर लगाई रोक
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Published : Dec 8, 2020, 9:53 PM IST

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कोरिया जिले में बनने वाले गौठान निर्माण पर आगामी सुनवाई तक रोक लगा दी है. बता दें कि याचिकाकर्ता अंबिका सिंह समेत लटमा गांव के निवासियों ने यह याचिका हाईकोर्ट में लगाई थी.

70 वर्षों से निवासी हैं किसान

याचिकाकर्ता गांव में ही स्थित सरकारी भूमि पर 60-70 सालों से काबिज होकर खेती का कार्य कर रहे है, लेकिन राज्य शासन ने बीते दिनों इस ज़मीन को गौठान निर्माण के लिए चयनित किया गया था. इसके बाद ग्राम पंचायत ने गौठान का निर्माण शुरू कर दिया था. जिसके खिलाफ ग्रामीणों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. हाईकोर्ट में याचिका दायर कर गौठान निर्माण को रोक लगाने के साथ ही साथ उस स्थान को बदलकर दूसरे स्थान पर गौठान निर्माण करने याचिका प्रस्तुत की है.

पढ़ें- ETV भारत की ग्राउंड रिपोर्ट: फेल हो रहा भूपेश सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट, गौठानों में छाई वीरानी

हाईकोर्ट ने सरकार को दिया नोटिस

याचिका में कहा गया है कि जिस ज़मीन पर गौठान निर्माण कार्य शुरू किया गया है उसपर याचिकाकर्ता 70 सालों से काबिज हैं और कृषि कार्य कर रहे हैं. याचिकाकर्ताओं ने कहा कि 2012 में वन अधिकार अधिनियम के तहत वन अधिकार दिलाए जाने हेतु आवेदन भी प्रस्तुत किया गया था. जिसपर आज दिनांक तक किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई. पूरे मामले में सुनवाई करते हुए जस्टिस गौतम भादुरी की सिंगल बेंच ने गौठान निर्माण में स्थगन आदेश पारित करते हुए राज्य शासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. अगली सुनवाई तक याचिकाकर्ता को उस जमीन से बेदखल नहीं करने का आदेश पारित किया गया है.

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कोरिया जिले में बनने वाले गौठान निर्माण पर आगामी सुनवाई तक रोक लगा दी है. बता दें कि याचिकाकर्ता अंबिका सिंह समेत लटमा गांव के निवासियों ने यह याचिका हाईकोर्ट में लगाई थी.

70 वर्षों से निवासी हैं किसान

याचिकाकर्ता गांव में ही स्थित सरकारी भूमि पर 60-70 सालों से काबिज होकर खेती का कार्य कर रहे है, लेकिन राज्य शासन ने बीते दिनों इस ज़मीन को गौठान निर्माण के लिए चयनित किया गया था. इसके बाद ग्राम पंचायत ने गौठान का निर्माण शुरू कर दिया था. जिसके खिलाफ ग्रामीणों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. हाईकोर्ट में याचिका दायर कर गौठान निर्माण को रोक लगाने के साथ ही साथ उस स्थान को बदलकर दूसरे स्थान पर गौठान निर्माण करने याचिका प्रस्तुत की है.

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हाईकोर्ट ने सरकार को दिया नोटिस

याचिका में कहा गया है कि जिस ज़मीन पर गौठान निर्माण कार्य शुरू किया गया है उसपर याचिकाकर्ता 70 सालों से काबिज हैं और कृषि कार्य कर रहे हैं. याचिकाकर्ताओं ने कहा कि 2012 में वन अधिकार अधिनियम के तहत वन अधिकार दिलाए जाने हेतु आवेदन भी प्रस्तुत किया गया था. जिसपर आज दिनांक तक किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई. पूरे मामले में सुनवाई करते हुए जस्टिस गौतम भादुरी की सिंगल बेंच ने गौठान निर्माण में स्थगन आदेश पारित करते हुए राज्य शासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. अगली सुनवाई तक याचिकाकर्ता को उस जमीन से बेदखल नहीं करने का आदेश पारित किया गया है.

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