बिलासपुर : रेल रोको आंदोलन के तहत जिला कांग्रेस कमेटी ने रेलवे स्टेशन के बाहर पहले धरना प्रदर्शन किया.इसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ता रेलवे स्टेशन के अंदर घुस गए.इस दौरान रेलवे पुलिस और जीआरपी ने कांग्रेसियों को रोकने की कोशिश की.लेकिन बैरिकेड्स तोड़कर सभी प्रदर्शनकारी स्टेशन परिसर के अंदर आ गए. इस दौरान आरपीएफ ने आंदोलनकारियों को रोकने की कोशिश की. लेकिन कांग्रेसी स्टेशन के अंदर पटरी पर बैठ गए. काफी मशक्कत के बाद कांग्रेसियों को पटरी से हटाया गया, लेकिन इस दौरान कांग्रेसी रेल रोकने में कामयाब हो गए.
रेलवे को प्राइवेट हाथों में देने का आरोप : प्रदेश कांग्रेस कमेटी के आह्वान पर बिलासपुर जिले के अलग-अलग स्टेशन और प्लेटफॉर्म पर कांग्रेसियों ने रेल रोको आंदोलन किया . केंद्र सरकार की तरफ से ट्रेन कैंसिल करने और देर से चलाने के खिलाफ कांग्रेसियों ने जमकर प्रदर्शन किया . रेल रोको आंदोलन के तहत कोटा, बिलासपुर, बिल्हा और जयराम नगर में कांग्रेसी नेताओं ने पटरी पर पहुंचकर माल गाड़ियों को रोका. रेल रोको आंदोलन में शामिल पर्यटन मंडल के अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव, बिलासपुर विधायक शैलेष पांडेय और महापौर नगर निगम रामशरण यादव ने केंद्र सरकार की दोहरी नीति के खिलाफ हल्ला बोला. कांग्रेस नेताओं ने कहा कि ट्रेनों को कैंसिल किया जा रहा है और बाद में घाटा बता कर अडानी कंपनी को ट्रेन बेच दिया जाएगा.
ट्रेनें कैंसिल होने पर रेलवे ने दी सफाई : दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी साकेत रंजन ने कहा कि ट्रेनों को बिना किसी कारण के कैंसिल नहीं किया जाता. जब कोई ठोस कारण होता है तभी ट्रेनों को कैंसिल किया जाता है. ट्रैक उपलब्ध नहीं होना भी एक बड़ा कारण होता है. इसके अलावा ट्रेनों के देरी से चलने के पीछे भी रैक नहीं होने की वजह होती है.
''कई बार रैक के अभाव में ट्रेनों को कैंसिल किया जाता है. यात्री सुविधाओं के लिए प्रतिबद्ध रेलवे यात्री सुविधा को अच्छी और सुरक्षित करने के लिए ही इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने का काम कर रही है. इसलिए थोड़ी तकलीफ जरूर हो रही है, लेकिन आने वाले समय में सुरक्षित और समय पर परिचालन किया जाएगा. इसके लिए रेलवे काम कर रही है, सभी ट्रेनों का परिचालन फिर से शुरू कर दिया गया है.'' साकेत रंजन, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी
रेलवे ने दिया आंकड़ा : यात्रियों की सुविधा और मांग को देखते हुए पिछले वित्तीय वर्ष से अब तक कई स्टेशनों पर अलग-अलग ट्रेनों के 53 ठहराव दिए गए हैं. यात्रियों को कंफर्म बर्थ उपलब्ध कराने के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 से इस वर्ष के अप्रैल माह तक कई ट्रेनों में 78 स्थाई कोच लगाए गए हैं. इसके अलावा त्योहार और छुट्टियों में 25 से 50 अस्थाई अतिरिक्त कोच भी लगाए गए हैं. अप्रैल से सितंबर तक रेल विकास कार्यों में प्रतिदिन चलने वाली औसत यात्री गाड़ियों में एक प्रतिशत से भी कम को ही कैंसिल किया गया है.