बिलासपुर: पूरे प्रदेश में कोरोना संक्रमण से स्थिति बेहद गंभीर हो चुकी है. कोरोना के कोहराम से बिलासपुर शहर भी अछूता नहीं है. इन दिनों शहर में औसतन 250 से 300 की संख्या में कोरोना के मरीज मिल रहे हैं. यही वजह है एक बार फिर बिलासपुर शहर में सख्त लॉकडाउन लागू करने की तैयारी चल रही है. इस बीच शहरवासी भी इस लॉकडाउन का पूरा समर्थन कर रहे हैं.
ETV भारत ने शहर में 22 तारीख से लगने वाले लॉकडाउन को लेकर लोगों से बात की और उनकी राय जानी. सभी लोगों ने एक सुर में वर्तमान परिस्थितियों में लॉकडाउन को बहुत सही फैसला माना है. लोगों का कहना है कि लॉकडाउन का ये फैसला और पहले ले लिया जाना था. लेकिन देर से ही सही, लॉकडाउन का ये फैसला सही है. लोगों का मानना है कि लॉकडाउन के पालन से संक्रमण की रफ्तार धीमी होगी.
अब तक 7 बार हो चुका लॉकडाउन
- बिलासपुर में इससे पहले 7 बार लॉकडाउन किया गया है. इस बार बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर 8वीं बार कंप्लीट लॉकडाउन किया जाएगा.
- पहली बार पीएम के आह्वान पर 22 मॉर्च को पूरे देश में जनता कर्फ्यू को स्वस्फूर्त लागू किया गया था.
- 14 अप्रैल से 3 मई तक लॉकडाउन किया गया.
- शहर में 26 अप्रैल को पहला कंप्लीट लॉकडाउन हुआ.
- 4 मई से लॉकडाउन के तीसरे फेज की शुरुआत हुई. जिसमें तय समय तक जरूरी सामानों की दुकानों को खोलने की अनुमति दी गई.
- 8 मई को स्थानीय प्रशासन ने शनिवार और रविवार को दो दिन का लॉकडाउन करने का फैसला लिया और इसे सख्ती से लागू कराया गया.
- 18 मई से लॉकडाउन के चौथे चरण की शुरुआत की गई. इसके तहत कुछ छूट भी दी गई.
- 1 जून से लॉकडाउन के पांचवे चरण में शाम 6 बजे तक दुकानें खोलने का आदेश जारी किया गया.
पढ़ें: रायपुर: लॉकडाउन को सफल बनाने संसदीय संचिव विकास उपाध्याय ने की लोगों से अपील
22 सितंबर से होना है लॉकडाउन
इस तरह लॉकडाउन में राहत और अनलॉक की प्रक्रिया से गुजरने का साइड इफेक्ट कुछ इस तरह सामने आया कि जिले में संक्रमण बेतहाशा बढ़ने लगा. इस बार शहर में 22 सितंबर की सुबह 5 बजे से 28 सितंबर की रात 12 बजे तक लॉकडाउन का फैसला लिया गया है. इस बार सभी दुकानों, सब्जी बाजार, व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं. इस दौरान केवल अग्निशमन, मीडिया, एटीएम (ATM), पोस्टल सर्विस, स्वास्थ्य सेवा, बिजली, पानी, सीवरेज, साफ-सफाई जैसे महत्वपूर्ण चीजों को चालू रखा जाएगा.
विपक्ष हो रहा हमलावर
कोरोना संक्रमण को लेकर विपक्ष ने भी लगातार हमलावर रुख अपनाया हुआ है. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि सरकार सिर्फ समीक्षा पर समीक्षा करती जा रही है, लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकल रहा है. सरकार कुछ भी कर पाने में विफल है. सैंपल रिपोर्ट आने में देरी हो रही है. जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है. पूर्व स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल ने कहा कि स्थिति आगे जैसी भी हो, लेकिन वर्तमान परिस्थितियों के मद्देनजर सरकार को सचेत होकर एक स्पष्ट नीति बनाने की जरूरत है.
बहरहाल जरूरत इस बात की है कि कोरोना के खिलाफ छिड़े इस वैश्विक जंग में एक बार फिर बिलासपुरवासी अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें. जिससे कोरोना की ये चेन टूट सके और संक्रमण की बढ़ती रफ्तार पर ब्रेक लग सके.