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अब प्रधानमंत्री आवास योजना का मकान हुआ चोरी, पीड़ित ने थाने में की शिकायत

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Published : Jun 21, 2020, 10:15 PM IST

पेंड्रा में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 2 हितग्राहियों के साथ फर्जीवाड़ा हुआ है. कागजों में दोनों हितग्राहियों को मकान मिल गया है, लेकिन असलियत में दोनों अब तक किराए के मकान में रह रहे हैं. एक हितग्राही ने मामले की शिकायत पुलिस में की है. उसने शिकायत में कहा है कि उसका प्रधानमंत्री आवास योजना का मकान चोरी हो गया है.

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प्रधानमंत्री आवास योजना में भ्रष्टाचार

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही: पेंड्रा में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक बड़ा घोटाला सामने आया है. यहां 2 ग्रामीणों के नाम पर जमीन का आवंटन हुआ, उनके नाम पर आवास का भी निर्माण हुआ, उनके खातों में आवास के पैसे भी आ गए. लेकिन ये सब कुछ अधिकारियों के कागज में है. अब तक न तो जमीन का आवंटन हुआ है. न ही वो प्रधानमंत्री आवास का घर इन्हें मिल सका है. न ही उनके उनके खातों में आवास निर्माण के पैसे आए हैं. ऐसे में एक ग्रामीण ने प्रधानमंत्री आवास योजना चोरी हो जाने की शिकायत पुलिस से की है.और थाने में मामला दर्ज कराया है.

प्रधानमंत्री आवास योजना का मकान हुआ चोरी

मामला पेंड्रा जनपद पंचायत के पतगवां का है यहां रहने वाले उषा बाई रौतेल और गुड्डा रौतेल को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिलना था. दोनों कई साल से किराए के मकान में रह रहे थे. लेकिन दोनों का मकान जो पीएम आवास योजना के तहत मिलना था वह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया. इस मामले में सिस्टम से थक हारकर ग्रामीणों ने प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है.

पढ़ें: झीरम घाटी केस : पीड़ित परिवार की केंद्र से मांग, NIA रिपोर्ट SIT को दे

ऐसे हुआ घोटाला

पीड़ित गुड्डा रौतेल और उषा बाई रौतेल पेंड्रा में किराए के मकान में रहते हैं. जनपद अधिकारियों ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत इन्हें खुद के नए मकान के सपने दिखाए. प्रक्रिया के तहत किराए के मकान के सामने फोटो खींची गई. जियो टैगिंग भी हुई , लेकिन उसके बाद न कभी अधिकारी मिले और ना ही नया आवास. हितग्राहियों का कहना है कि मकान बना ही नहीं और निर्माण पूरा बताकर पैसे निकाल लिए गए. इसके लिए फर्ज़ी अकाउंट बनाए गए. नए मकान के साथ फर्ज़ी फोटो भी लगाई गई. उनके अनपढ़ होने का फायदा उठाया गया है. अब हितग्राहि बेचारे खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. कागजों में उनके पास आवास है लेकिन असल में वह अब भी किराए के मकान में रहते हैं.

न्याय का भरोसा

हैरत की बात तो ये भी है कि पेंड्रा जनपद पंचायत से महज 200 मीटर दूरी पर हुए इस घोटाले की अधिकारियों को भनक तक नहीं लगी. हालांकि अब CEO जांच का और कलेक्टर नया आवास दिलाने के साथ ही दोषियों पर कार्रवाई का भरोसा दे रहे हैं. कोरोना का संकट पहले से ही है और अब बारिश का भी मौसम है. ऐसे में दोनों हितग्राही प्रशासन से आस लगाए बैठे हैं.

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही: पेंड्रा में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक बड़ा घोटाला सामने आया है. यहां 2 ग्रामीणों के नाम पर जमीन का आवंटन हुआ, उनके नाम पर आवास का भी निर्माण हुआ, उनके खातों में आवास के पैसे भी आ गए. लेकिन ये सब कुछ अधिकारियों के कागज में है. अब तक न तो जमीन का आवंटन हुआ है. न ही वो प्रधानमंत्री आवास का घर इन्हें मिल सका है. न ही उनके उनके खातों में आवास निर्माण के पैसे आए हैं. ऐसे में एक ग्रामीण ने प्रधानमंत्री आवास योजना चोरी हो जाने की शिकायत पुलिस से की है.और थाने में मामला दर्ज कराया है.

प्रधानमंत्री आवास योजना का मकान हुआ चोरी

मामला पेंड्रा जनपद पंचायत के पतगवां का है यहां रहने वाले उषा बाई रौतेल और गुड्डा रौतेल को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिलना था. दोनों कई साल से किराए के मकान में रह रहे थे. लेकिन दोनों का मकान जो पीएम आवास योजना के तहत मिलना था वह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया. इस मामले में सिस्टम से थक हारकर ग्रामीणों ने प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है.

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ऐसे हुआ घोटाला

पीड़ित गुड्डा रौतेल और उषा बाई रौतेल पेंड्रा में किराए के मकान में रहते हैं. जनपद अधिकारियों ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत इन्हें खुद के नए मकान के सपने दिखाए. प्रक्रिया के तहत किराए के मकान के सामने फोटो खींची गई. जियो टैगिंग भी हुई , लेकिन उसके बाद न कभी अधिकारी मिले और ना ही नया आवास. हितग्राहियों का कहना है कि मकान बना ही नहीं और निर्माण पूरा बताकर पैसे निकाल लिए गए. इसके लिए फर्ज़ी अकाउंट बनाए गए. नए मकान के साथ फर्ज़ी फोटो भी लगाई गई. उनके अनपढ़ होने का फायदा उठाया गया है. अब हितग्राहि बेचारे खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. कागजों में उनके पास आवास है लेकिन असल में वह अब भी किराए के मकान में रहते हैं.

न्याय का भरोसा

हैरत की बात तो ये भी है कि पेंड्रा जनपद पंचायत से महज 200 मीटर दूरी पर हुए इस घोटाले की अधिकारियों को भनक तक नहीं लगी. हालांकि अब CEO जांच का और कलेक्टर नया आवास दिलाने के साथ ही दोषियों पर कार्रवाई का भरोसा दे रहे हैं. कोरोना का संकट पहले से ही है और अब बारिश का भी मौसम है. ऐसे में दोनों हितग्राही प्रशासन से आस लगाए बैठे हैं.

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