गौरेला पेंड्रा मरवाही: जिला प्रशासन और पुलिस ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर लोगों से कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन में सहयोग की अपील की. इस दौरान पत्रकारों से भी अफवाहों और डराने वाली खबरों को प्रसार ना करने और जन जागरूकता अभियान में साथ देने को कहा गया. जिले में 14 अप्रैल सुबह 6 बजे से 21 अप्रैल सुबह 6 बजे तक लॉकडाउन लग रहा है. लोगों को लॉकडाउन के नियमों का पालन करने और कोरोना संक्रमण को कम करने के लिए सहयोग देने की अपील की. कलेक्टर नम्रता गांधी ने बताया कि बुधवार से लगने वाले लॉकडाउन को लेकर भी जिला प्रशासन ने तैयारियां पूरी कर ली है.
कोरोना और लॉकडाउन पर प्रशासन बैठक
जिला कलेक्टर नम्रता गांधी ने बताया कि ले में 10 वेंटिलेटर बेड तैयार किया जा रहा है. जिला प्रशासन का प्रयास है कि अप्रैल के अंत तक जिले में 500 बेड की व्यवस्था हो सके, जिनमें से 80 बेड ऑक्सिजनेटेड होंगे. जिले में एक कोविड-19 सेंटर टीकरकला में स्थापित है. जिसमें 170 बेड की व्यवस्था की गई है. हर रोज 450 एंटीजन टेस्ट हो रहे हैं. 150 ट्रू नोट टेस्ट जबकि 200 RTPCR टेस्ट किए जा रहे हैं. 45 साल से अधिक उम्र के लोगों के टीकाकरण के मामले में भी जिले में 52 प्रतिशत से अधिक लोगों को टीका लगाया जा चुका है. जिसमें अब तक 42000 से अधिक लोगों को टीका लगाया जा चुका है. जिला प्रशासन का दावा है कि अप्रैल के अंत तक टारगेट पूरा कर लिया जाएगा. ऑक्सीजन की आपूर्ति बनाए रखने के लिए प्रशासन ने जंबो सिलेंडर को कोविड- केयर सेंटर शिफ्ट किया जा चुका है. ऑक्सीजन कनेक्शन बढ़ाने के लिए भी आने वाले 2 दिनों में मशीनें इंस्टॉल करने की बात भी अधिकारी ने कही.
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'गांवों में फैला कोरोना'
गांवों में लगातार बढ़ते कोरोनावायरस पर गंभीरता जाहिर करते हुए उन्होंने कहा है कि अब बीएसपी और सीएससी के लेबल से आगे बढ़कर पंचायत स्तर पर वैक्सीनेशन किया जाएगा. जिसके लिए सरपंच और सचिवों से बात की जा रही है. गांव में तबीयत बिगड़ने पर जल्द से जल्द उसकी सूचना जिला प्रशासन तक पहुंचाने की भी व्यवस्था की जा रही है. क्योंकि पहले कोरोनावायरस गांव तक नहीं पहुंचा था. लेकिन इस बार गांव में कोरोना की मौजूदगी ने संकट थोड़ा बढ़ा दिया है.
छत्तीसगढ़-मध्य प्रदेश बॉर्डर रहेगा सील
छत्तीसगढ़-मध्य प्रदेश से लगने वाले बॉर्डर को लॉकडाउन के पीरियड में सील रखा जाएगा. हालांकि कुछ परिस्थितियों में आवागमन जारी रहेगा. जिला प्रशासन ने कोरोना से निपटने के लिए अलग-अलग अधिकारियों की नियुक्ति की है. जो हर हेल्पलाइन नंबर में निगरानी और व्यवस्था करेंगे. जिसमें एंबुलेंस से लेकर चिकित्सा की व्यवस्था और अन्य व्यवस्थाएं भी शामिल होगी.