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बिलासपुर में सिक्कों के संग्रहण का शौक बढ़ा, धरोहर को संजोने में जुटे लोग

पुराने सिक्कों का कलेक्शन एक अलग तरह का जुनून है. कॉइन कलेक्टर्स खासकर पुराने समय के सोने चांदी के सिक्कों को कलेक्ट कर धरोहर के रूप में संजो कर रख रहे हैं.

Coin collection
सिक्कों का संग्रह
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Published : Aug 24, 2022, 10:12 PM IST

बिलासपुर: पुराने सिक्कों का कलेक्शन भी एक अलग ही शौक है. इस तरह की चीजों के कलेक्शन के लिए लंबे समय तक मेहनत और खोज करनी पड़ती है. तब कहीं जाकर इनके कलेक्शन तैयार होते हैं. सिक्के नोट और कई अलग तरह की चीजों का कलेक्शन करने वालों का एक अलग ही जनसमूह है. जो पिछले कई सालों से भारत में राजतंत्र से लेकर प्रजातंत्र तक चलन में रहा है. सिक्का संग्रहकर्ता की पहली पसंद सोने चांदी और अन्य धातुओं से बने सिक्के होते हैं. बिलासपुर के नीरज अग्रवाल सहित कई ऐसे शख्स हैं. उनके पास ऐतिहासिक सिक्कों का अनूठा और बेशकीमती संग्रह है. आइए जानते हैं कि कैसे बिलासपुर में यह शौक अब दीवानगी तक पहुंच रहा है.

पहले सोने के सिक्कों का था चलन: हजारों साल से सोने के मोहरे और सिक्के भारत में चलन में रहे हैं. हर दौर के राजा, महाराजा और ब्रिटिश काल से लेकर भारत सरकार के टकसाल से बने सिक्कों के संग्रहण करने वाले शौकीन लोग हैं. सिक्कों का कलेक्शन करने वालों की एक जमात है. जो इस तरह का अपना शौक पूरा करते हैं. भारत के धरोहर के रूप में इसे संभाल कर रखे हुए हैं. इनके पास किस जमाने में कौन से सिक्के और नोट चलन में रहे हैं, इसका पूरा जखीरा है.

बिलासपुर में कॉइन कलेक्शन

पुराने सिक्कों की खरीदी में खर्च होते हैं काफी पैसे: दुर्लभ सिक्कों के लाखों रुपए में बिकने की खबरें पढ़ते हुए आप सोचते होंगे कि आखिर इन सिक्कों को खरीदता कौन है? लेकिन कहते हैं ना कि शौक बड़ी चीज होती है. तो बस समझ लीजिए कि सिक्कों के शौकीन लोग ही खरीदार होते हैं. एंटीक चीजों को या करंसी नोट्स को कलेक्ट करना भी एक तरह का शौक है. दुनिया में ऐसे शौकीन लोगों की कमी नहीं है. ऐसे लोगों के पास पहले से भी एंटी सिक्के या नोटों का कलेक्शन होता है. जो नहीं होता उसके लिए वे ऊंची कीमत पर उसे खरीद कर अपने सिक्कों के संग्रहण में इजाफा करते हैं.

क्यों आकर्षित करते है पुराने सिक्के: देश विदेश में बहुत सारे सिक्के ऐसे होते हैं, जो वर्षों पहले बंद हो चुके होते हैं. अब यह चलन में नहीं होने से नहीं के बराबर दिखते हैं. यहां हम जिस सिक्के के बारे में बात कर रहे हैं, उनमें कुछ खासियत होनी चाहिए. सोने के सिक्के काफी महंगे तो होते ही हैं. साथ ही अब वह दुर्लभ भी हो चुके हैं. बिलासपुर के कुछ सिक्के कलेक्टर के पास पुराने जमाने के चलन में रहे, सोने के सिक्के आज ही मौजूद हैं. वह इन सिक्कों को काफी कीमत पर काफी खोज के बाद कलेक्ट कर पाए हैं. बिलासपुर के रहने वाले नीरज अग्रवाल के पास आज भी कलचुरी काल, मुगल काल और भोसले वंशज के साथ ही अशोक सम्राट के द्वारा चलाए गए सिक्कों का कलेक्शन मौजूद है. उन्होंने अपने इस कलेक्शन के लिए कहा कि वह इसके लिए 30 साल से सिक्कों का कलेक्शन करते आ रहे हैं.आज उनके पास उनके शौख के सभी सिक्के मौजूद हैं. नीरज अग्रवाल ने बताया कि हर देश के सिक्कों के साथ ही हर दौर के सिक्कों की कुछ अलग तरह कहानी और उसमें अंकित चित्रो और लेख से उस दौर को समझाती है, जब चलन में लाया गया था.

यह भी पढ़ें: बिलासपुर में मणप्पुरम गोल्ड लोन बैंक के दफ्तर में घुसे लुटेरे, गैस कटर से लॉकर काटने की कोशिश

बिलासपुर में बढ़ रहे सिक्कों के संग्रहकर्ता: बिलासपुर में कुछ ऐसे कॉइन और नोट्स कलेक्टर हैं. जो कई देशों के करेंसी का कलेक्शन किए हुए हैं. इसके अलावा आजादी के अमृत महोत्सव को देखते हुए एक कॉइन कलेक्टर ने आजादी से जुड़े हुए और कुछ नेताओं के सिक्के भी रखे हैं. जो आकर्षण का केंद्र हैं. इस तरह के शौक रखने वालों का कहना है कि वे लंबे समय से अलग-अलग देशों के नोटों का कलेक्शन कर रहे हैं. बिलासपुर के विनोबा नगर में रहने वाले अनूप गुप्ता ने बताया कि उनके पास लगभग 198 देशों की करंसी है, जिन्हें वे पिछले कई सालों से कलेक्ट करते हैं. इसलिए वे अलग-अलग शहरों में लगने वाले प्रदर्शनी में जाकर उसकी खरीदी करते हैं. बिलासपुर के ही एक कलेक्टर हैं, जो आजादी से जुड़े सिक्कों की छायाचित्र वाले कॉइन रखे हुए हैं. प्रदर्शनी में कुछ ऐसे लोग भी पहुंचते हैं, जो कॉइन खरीदने और बेचने वालों को आपस में मिलाकर एक दूसरे को कॉइन दिलवाते हैं और कमीशन में काम करते है.

बिलासपुर: पुराने सिक्कों का कलेक्शन भी एक अलग ही शौक है. इस तरह की चीजों के कलेक्शन के लिए लंबे समय तक मेहनत और खोज करनी पड़ती है. तब कहीं जाकर इनके कलेक्शन तैयार होते हैं. सिक्के नोट और कई अलग तरह की चीजों का कलेक्शन करने वालों का एक अलग ही जनसमूह है. जो पिछले कई सालों से भारत में राजतंत्र से लेकर प्रजातंत्र तक चलन में रहा है. सिक्का संग्रहकर्ता की पहली पसंद सोने चांदी और अन्य धातुओं से बने सिक्के होते हैं. बिलासपुर के नीरज अग्रवाल सहित कई ऐसे शख्स हैं. उनके पास ऐतिहासिक सिक्कों का अनूठा और बेशकीमती संग्रह है. आइए जानते हैं कि कैसे बिलासपुर में यह शौक अब दीवानगी तक पहुंच रहा है.

पहले सोने के सिक्कों का था चलन: हजारों साल से सोने के मोहरे और सिक्के भारत में चलन में रहे हैं. हर दौर के राजा, महाराजा और ब्रिटिश काल से लेकर भारत सरकार के टकसाल से बने सिक्कों के संग्रहण करने वाले शौकीन लोग हैं. सिक्कों का कलेक्शन करने वालों की एक जमात है. जो इस तरह का अपना शौक पूरा करते हैं. भारत के धरोहर के रूप में इसे संभाल कर रखे हुए हैं. इनके पास किस जमाने में कौन से सिक्के और नोट चलन में रहे हैं, इसका पूरा जखीरा है.

बिलासपुर में कॉइन कलेक्शन

पुराने सिक्कों की खरीदी में खर्च होते हैं काफी पैसे: दुर्लभ सिक्कों के लाखों रुपए में बिकने की खबरें पढ़ते हुए आप सोचते होंगे कि आखिर इन सिक्कों को खरीदता कौन है? लेकिन कहते हैं ना कि शौक बड़ी चीज होती है. तो बस समझ लीजिए कि सिक्कों के शौकीन लोग ही खरीदार होते हैं. एंटीक चीजों को या करंसी नोट्स को कलेक्ट करना भी एक तरह का शौक है. दुनिया में ऐसे शौकीन लोगों की कमी नहीं है. ऐसे लोगों के पास पहले से भी एंटी सिक्के या नोटों का कलेक्शन होता है. जो नहीं होता उसके लिए वे ऊंची कीमत पर उसे खरीद कर अपने सिक्कों के संग्रहण में इजाफा करते हैं.

क्यों आकर्षित करते है पुराने सिक्के: देश विदेश में बहुत सारे सिक्के ऐसे होते हैं, जो वर्षों पहले बंद हो चुके होते हैं. अब यह चलन में नहीं होने से नहीं के बराबर दिखते हैं. यहां हम जिस सिक्के के बारे में बात कर रहे हैं, उनमें कुछ खासियत होनी चाहिए. सोने के सिक्के काफी महंगे तो होते ही हैं. साथ ही अब वह दुर्लभ भी हो चुके हैं. बिलासपुर के कुछ सिक्के कलेक्टर के पास पुराने जमाने के चलन में रहे, सोने के सिक्के आज ही मौजूद हैं. वह इन सिक्कों को काफी कीमत पर काफी खोज के बाद कलेक्ट कर पाए हैं. बिलासपुर के रहने वाले नीरज अग्रवाल के पास आज भी कलचुरी काल, मुगल काल और भोसले वंशज के साथ ही अशोक सम्राट के द्वारा चलाए गए सिक्कों का कलेक्शन मौजूद है. उन्होंने अपने इस कलेक्शन के लिए कहा कि वह इसके लिए 30 साल से सिक्कों का कलेक्शन करते आ रहे हैं.आज उनके पास उनके शौख के सभी सिक्के मौजूद हैं. नीरज अग्रवाल ने बताया कि हर देश के सिक्कों के साथ ही हर दौर के सिक्कों की कुछ अलग तरह कहानी और उसमें अंकित चित्रो और लेख से उस दौर को समझाती है, जब चलन में लाया गया था.

यह भी पढ़ें: बिलासपुर में मणप्पुरम गोल्ड लोन बैंक के दफ्तर में घुसे लुटेरे, गैस कटर से लॉकर काटने की कोशिश

बिलासपुर में बढ़ रहे सिक्कों के संग्रहकर्ता: बिलासपुर में कुछ ऐसे कॉइन और नोट्स कलेक्टर हैं. जो कई देशों के करेंसी का कलेक्शन किए हुए हैं. इसके अलावा आजादी के अमृत महोत्सव को देखते हुए एक कॉइन कलेक्टर ने आजादी से जुड़े हुए और कुछ नेताओं के सिक्के भी रखे हैं. जो आकर्षण का केंद्र हैं. इस तरह के शौक रखने वालों का कहना है कि वे लंबे समय से अलग-अलग देशों के नोटों का कलेक्शन कर रहे हैं. बिलासपुर के विनोबा नगर में रहने वाले अनूप गुप्ता ने बताया कि उनके पास लगभग 198 देशों की करंसी है, जिन्हें वे पिछले कई सालों से कलेक्ट करते हैं. इसलिए वे अलग-अलग शहरों में लगने वाले प्रदर्शनी में जाकर उसकी खरीदी करते हैं. बिलासपुर के ही एक कलेक्टर हैं, जो आजादी से जुड़े सिक्कों की छायाचित्र वाले कॉइन रखे हुए हैं. प्रदर्शनी में कुछ ऐसे लोग भी पहुंचते हैं, जो कॉइन खरीदने और बेचने वालों को आपस में मिलाकर एक दूसरे को कॉइन दिलवाते हैं और कमीशन में काम करते है.

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