बिलासपुर: पुलिस को प्रकरणों की समीक्षा कर फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के साथ ही कंपनियों के संपत्तियों का ब्यौरा तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं. दरअसल आमजनों को कम समय में ज्यादा लाभ दिलाने का झांसा देकर चिटफंड कंपनियों ने प्रदेशभर में लोगों को जमकर ठगने का काम किया है. जिले में चिटफंड कम्पनियों के झांसे में आकर कई लोग लाखों रुपए गवां चुके हैं. वहीं सरकार ने इसकी समीक्षा करते हुए चिटफंड कंपनियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. जिसके बाद बिलासपुर पुलिस ने एक बाद फिर से चिटफंड कंपनियों की बंद फाइलें खोलने जा रही है.
चिटफंड की फाईल फिर से खुलने पर होगी और कार्रवाई: एसपी बिलासपुर संतोष सिंह ने बताया कि "बिलासपुर जिले के अलग-अलग थानों में चिटफंड के करीब 22 प्रकरण दर्ज हैं. जहां ऐसी कम्पनियों से जुड़े 65 आरोपियों को पुलिस ने आइडेंटिफाई किया है. जिनमें से 32 डायरेक्टरों को पहले गिरफ्तार किया जा चुका है. अभी भी कंपनी से जुड़े 33 अन्य आरोपी फरार हैं. इसलिए चिटफंड से संबंधित दर्ज मामलों का फाइल फिर से खोला जा रहा है. ताकि दर्ज प्रकरणों के समीक्षा के साथ फरार आरोपियों का गिरफ्तारी और कंपनियों के संपत्तियों का पहचान किया जा सके."
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अलग अलग तरह से करेगी टीम काम: जिले के सभी थाना से टीमों का गठन किया गया है. यह टीम फरार आरोपियों की गिरफ्तारी, दूसरे जेल में आरोपियों के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी करेगी और कंपनी की संपत्तियों को चिन्हित कर प्रकरण दर्ज करेगी. इस मामले में पुलिस अधीक्षक ने बताया कि "दर्ज प्रकरणों में आरोपी आइडेंटिफाई हैं. कंपनी से जुड़े कुछ आरोपियों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. जिनसे करोड़ों की संपत्ती की भी जानकारी मिली है. कई चिटफंड कंपनियां हैं जिन्होंने जिलेभर में लोगों से करोड़ों रुपए की ठगी की है. कंपनी से जुड़े कई डायरेक्टर फिलहाल जेल की हवा भी खा रहे हैं और अब फिर से कार्रवाई की जायेगी."